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सुब्रमण्यन स्वामी बोले- दबाव बनाकर GDP आंकड़े बदलवाती है मोदी सरकार
नई दिल्ली: बीजेपी सांसद सुब्रमण्यन स्वामी के बारे में एक बात मशहूर है कि वो अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलने से कभी नहीं चूकते हैं। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ। स्वामी के निशाने पर इस बार रही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार।
सुब्रमण्यन स्वामी ने केंद्र सरकार पर सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा है, कि 'सरकार केंद्रीय सांख्यिकी संगठन यानि सीएसओ के अधिकारियों पर बेहतर आर्थिक आंकड़े देने के लिए दबाव बनाया था, जिससे यह दिखाया जा सके कि नोटबंदी का अर्थव्यवस्था और जीडीपी पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है।' स्वामी ने इन आंकड़ों को फर्जी बताया। स्वामी के इन आरोपों से एक बात तो स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
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चार्टर्ड अकाउंटेंट के सम्मेलन में बोले स्वामी
अंग्रेजी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, सुब्रमण्यन स्वामी शनिवार को अहमदाबाद में चार्टर्ड अकाउंटेंट के एक सम्मेलन में शामिल हुए थे। वहां कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वामी ने केंद्र सरकार पर केंद्रीय सांख्यिकी संगठन के अधिकारियों पर अच्छे आंकड़े देने के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया।
आंकड़ों पर न जाएं, सब फर्जी हैं
सुब्रमण्यन स्वामी ने आगे कहा, 'कृपा करके जीडीपी के तिमाही आंकड़ों पर न जाएं। वे सब फर्जी हैं। ये बात मैं आपको बता रहा हूं, क्योंकि मेरे पिता ने सीएसओ की स्थापना की थी। हाल ही में मैं केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा (गौड़ा ही सांख्यिकीय मंत्री हैं) के साथ वहां गया था। उन्होंने केंद्रीय सांख्यिकी संगठन अधिकारियों को आदेश दिया, क्योंकि नोटबंदी पर आंकड़े देने का दबाव था। इसलिए वह जीडीपी के ऐसे आंकड़े जारी कर रहे हैं, जिससे यह पता चल सके कि नोटबंदी का कोई असर नहीं पड़ा।'
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मैं घबराहट महसूस कर रहा हूं
बीजेपी सांसद ने अपने संबोधन में आगे कहा, 'मैं घबराहट महसूस कर रहा हूं। क्योंकि मुझे पता है कि इसका प्रभाव पड़ा है। मैंने सीएसओ के निदेशक से पूछा था, कि आपने उस तिमाही में जीडीपी के आंकड़ों का अनुमान कैसे लगाया था जब नोटबंदी का फैसला (नवंबर 2016) लिया गया था?’
'क्या कर सकते हैं, दबाव में थे'
स्वामी ने बताया, कि उनके इस सवाल पर केंद्रीय सांख्यिकी संगठन के निदेशक ने बताया, कि 'वह क्या कर सकते हैं? वह दबाव में थे। उनसे आंकड़े मांगे गए और उन्होंने दे दिए। फिर स्वामी बोले, 'इसीलिए कहा था कि ऐसे में तिमाही आंकड़ों पर भरोसा न करें।'