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नोटबंदी: मुश्किल में मोदी सरकार! ठुकरा सकती है कोर्ट की 'सुप्रीम' सलाह

एक हजार और 500 रुपए के बंद नोटों को दोबारा बदलने की सुप्रीम कोर्ट की सलाह मानना सरकार के लिए कांटों भरा फैसला होगा।

tiwarishalini
Published on: 6 July 2017 8:58 PM IST
नोटबंदी: मुश्किल में मोदी सरकार! ठुकरा सकती है कोर्ट की सुप्रीम सलाह
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पुराने नोटों को बदलने का मामला, SC की सलाह ठुकरा सकती है मोदी सरकार!

नई दिल्ली, ब्यूरो : एक हजार और 500 रुपए के बंद नोटों को दोबारा बदलने की सुप्रीम कोर्ट की सलाह मानना सरकार के लिए कांटों भरा फैसला होगा। सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने बीते मंगलवार को सलाह दी थी कि ऐसे लोग जो नितांत निजी मजबूरियों की वजह से पुराने नोटों को जमा नहीं कर पाए थे, उन्हें एक और मौका दिया जाना चाहिए।

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सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल ने पुराने नोटों के मामले में सुप्रीम कोर्ट के परामर्श पर विचार का आश्वासन दिया था। साथ ही इस बात की हामी भरी थी कि ऐसे विशेष मामलों में जिनमें लोग परिस्थितिवश पुराने नोटों को समय सीमा के भीतर बैंकों में जमा नहीं करवा पाए थे। उन्हें कुछ राहत देने पर पुनर्विचार किया जा सकता है।

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वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की इच्छानुसार ऐसी सलाह मानी गई तो इससे एक बार अफरातफरी मच सकती है, क्योंकि जिनके पास अभी भी पुराने नोट हैं, और वे पहले ही गई समय सीमा का पालन नहीं कर सके, उन्हें दोबारा बैंकों में नोट जमा कराने की छूट से नोटबंदी का पूरा कदम ही विफल हो जाएगा।

केंद्र सरकार को आगामी 18 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में इस बाबत बताना है कि पुराने नोटों के बदलने की अवधि के बारे में केंद्र सरकार का क्या रुख है। जाहिर है कि सुप्रीम कोर्ट की सलाह मानने पर केंद्र सरकार को रिज़र्व बैंक को चलन से बाहर किए गए पुराने नोटों को बदलने का निर्देश देना होगा।

वित्त मंत्रालय के सामने मुश्किल यह है कि कई पड़ोसी देशों खासतौर पर नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका समेत कुछ अन्य देशों में बड़ी तादाद में पुराने नोट जमा करने वालों की होड़ लगी है।

सरकार पहले से ही बैंकों में जमा पुराने नोटों को लेकर विवादों में घिरी है क्योंकि नोटबंदी के छह माह बीत जाने के बावजूद बैंकों ने इन नोटों की गिनती की प्रक्रिया का काम अभी पूरा नहीं किया है।

विवाद इस बात को लेकर भी है कि बैंकों के पास मोटे तौर पर जिसमें नोट बाज़ार में चलन में थे, उससे अधिक पुराने नोट जमा हो चुके हैं।

सरकार के सामने यह भी चुनौती है कि यदि चलन से बाहर किए गए नोटों को फिर से जमा करने का रास्ता खोला गया तो नक्सली गुटों और आतंकी संगठनों के साथ ही पुराने नोटों के काले धन में जुटे लोगों को यह पैसा सफेद करने का मौका मिल जाएगा।

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इस मामले में दूसरा पेचीदा पक्ष यह भी है कि पुराने नोट रखने के लिए दंडित करने का सरकार ने जो फरमान तीन माह पहले जारी किया था उसके साथ ऐसे सभी लोगों को आम माफी देने की अधिघोषणा करनी होगी।



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