कोर्ट में सरकार- एससी/एसटी 1000 साल से हाशिये पर, प्रमोशन में रिजर्वेशन जरूरी

Rishi
Published on: 3 Aug 2018 11:46 AM GMT
कोर्ट में सरकार- एससी/एसटी 1000 साल से हाशिये पर, प्रमोशन में रिजर्वेशन जरूरी
X

नई दिल्ली : देश में गवर्मेंट जॉब में मिलने वाले प्रोन्नति में रिजर्वेशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट के पांच जजों की बेंच इस मामले में सुनवाई कर रही है।

कोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि एससी-एसटी रिजर्वेशन के मुद्दे पर अपने 12 साल पुराने फैसले की समीक्षा की जरूरत क्यों है? जिसपर अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने कहा कि 12 साल पुराने 2006 का एम. नागराज निर्णय एससी-एसटी के प्रोन्नति में रिजर्वेशन में बाधक बन रहा है।

ये भी देखें : पहली बार ‘गलत काम’ पर बंटती थी मिठाई

वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया कि जब एक बार उन्हें एससी/एसटी के आधार पर नौकरी मिल चुकी है तो फिर प्रोन्नति में रिजर्वेशन के लिए दोबारा डेटा की क्यों जरूरत है।

कोर्ट ने कहा कि 2006 के नागराज के निर्णय के अनुसार एससी/एसटी को प्रोन्नति में रिजर्वेशन सरकार तभी दे सकती है जब डाटा के आधार पर ये तय हो कि उनका प्रतिनिधित्व कम है और वो प्रशासन की मजबूती के लिए ज़रूरी है।

वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार चाहती है कि 22.5% (15% एससी+7.5% एसटी) सरकारी पदों पर तरक्की में भी एससी/एसटी के लिए रिजर्वेशन का प्रावधान हो। अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट को बताया कि इस तरह से ही SC/ST को समुचित प्रतिनिधित्व दिया जा सकता है।

ये भी देखें : पॉलीथीन के सामने कानून बेबस क्यों?

वेणुगोपाल ने सुनवाई के दौरान कहा कि वो (एससी/एसटी) 1000 सालों से हाशिये पर रहे हैं। इससे सरकार की मंशा साफ़ हो गई कि चुनावी समीकरण को देखते हुए वो अपना पक्ष रख रही है।

Rishi

Rishi

आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

Next Story