×

अब नहीं छुपा पाएंगे स्विस बैंक में कालाधन, अगर ऐसा किया तो होंगे बेनकाब

aman
By aman
Published on: 16 Jun 2017 6:47 PM IST
अब नहीं छुपा पाएंगे स्विस बैंक में कालाधन, अगर ऐसा किया तो होंगे बेनकाब
X
अब नहीं छुपा पाएंगे स्विस बैंक में कालाधन, अगर ऐसा किया तो होंगे बेनकाब

नई दिल्ली: स्विस बैंकों में कालाधन रखने वाले भारतीय अब खुद-ब-खुद बेनकाब हो जाएंगे। ऐसे बैंक अकाउंट वाले भारतीयों का पूरा विवरण तुरंत सरकार तक पहुंच जाएगा। बता दें, कि स्विट्जरलैंड ने भारत सहित 40 अन्य देशों के साथ अपने यहां संबंधित देश के लोगों के वित्तीय खातों, कालेधन से संबंधित सूचनाओं के आदान प्रदान की व्यवस्था को शुक्रवार (16 जून) को मंजूरी दे दी है।

अब इन देशों को गोपनीयता और सूचना की सुरक्षा के कड़े नियमों का अनुपालन करना होगा। टैक्स संबंधी सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान पर वैश्विक संधि को मंजूरी के प्रस्ताव पर स्विट्जरलैंड की संघीय परिषद (मंत्रिमंडल) की मुहर लग गई है। स्विट्जरलैंड सरकार ने इस व्यवस्था को साल 2018 से संबंधित सूचनाओं के साथ शुरू करने का निर्णय लिया है। इसका मतलब है कि आंकड़ों के आदन-प्रदान की शुरुआत साल 2019 में होगी।

भारत को जल्द मिलेगी व्यवस्था शुरू होने की सूचना

स्विट्जरलैंड की संघीय परिषद सूचनाओं के आदान-प्रदान की व्यवस्था शुरू करने की तारीख की सूचना भारत को जल्द ही देगी। परिषद की ओर से इस संबंध में स्वीकृत प्रस्ताव के मसौदे के अनुसार, इसके लिए वहां अब कोई जनमत संग्रह नहीं कराया जाना है। इसलिए इसे लागू करने में देरी की आशंका नहीं है।

कालेधन का मुद्दा देश में चर्चा का विषय

उल्लेखनीय है कि कालेधन का मुद्दा भारत में सार्वजनिक चर्चा का मुद्दा है। सालों से ऐसा माना जाता रहा है कि बहुत से भारतीय अपना कालाधन स्विस बैंक में जमा करते रहे हैं। भारत विदेशी सरकारों, स्विट्जरलैंड जैसे देशों के साथ अपने देश के नागरिकों के बैंकिंग सौदों के बारे में सूचनाओं के आदान-प्रदान की व्यवस्था के लिए द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मंचों पर जोरदार प्रयास करता आ रहा है।

aman

aman

Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

Next Story