×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

जानिए ! क्यों सरदार पटेल को कहा जाता है भारत का 'लौह पुरुष'

Rishi
Published on: 31 Oct 2018 8:26 AM IST
जानिए ! क्यों सरदार पटेल को कहा जाता है भारत का लौह पुरुष
X

लखनऊ : सरदार पटेल ने आजादी से पहले ही पी.वी. मेनन के साथ मिलकर कई देसी राज्यों को भारत में मिलाने के लिए कार्य आरंभ कर दिया था। पटेल और मेनन ने देसी राजाओं को बहुत समझाया कि उन्हें स्वायत्तता देना संभव नहीं होगा। इसके परिणामस्वरूप तीन रियासतें- हैदराबाद, कश्मीर और जूनागढ़ को छोड़कर शेष सभी राजवाड़ों ने स्वेच्छा से भारत में विलय का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया।

15 अगस्त, 1947 तक हैदराबाद, कश्मीर और जूनागढ़ को छोड़कर शेष भारतीय रियासतें भारत संघ में सम्मिलित हो चुकी थीं, जो भारतीय इतिहास की एक बड़ी उपलब्धि थी। जूनागढ़ के नवाब के विरुद्ध जब वहां की प्रजा ने विद्रोह कर दिया तो वह भागकर पाकिस्तान चला गया और इस प्रकार जूनागढ़ को भी भारत में मिला लिया गया।

ये भी देखें : देश की एकता के सूत्रधार थे सरदार पटेल, आज दुनिया देखेगी मोदी का मेगा इवेंट

जब हैदराबाद के निजाम ने भारत में विलय का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया तो सरदार पटेल ने वहां सेना भेजकर निजाम का आत्मसमर्पण करा लिया। निस्संदेह सरदार पटेल द्वारा यह 562 रियासतों का एकीकरण विश्व इतिहास का एक आश्चर्य था। भारत की यह रक्तहीन क्रांति थी। महात्मा गांधी ने सरदार पटेल को इन रियासतों के बारे में लिखा था, "रियासतों की समस्या इतनी जटिल थी, जिसे केवल तुम ही हल कर सकते थे।"

ये भी देखें : सरदार भी असरदार भी ! इनका जलवा ऐसा…. दुनिया के नेता पहुंचते हैं स्वर्ण मंदिर

लक्षद्वीप समूह को भारत में मिलाने में भी पटेल की महत्वपूर्ण भूमिका थी। इस क्षेत्र के लोग देश की मुख्यधारा से कटे हुए थे और उन्हें भारत की आजादी की जानकारी 15 अगस्त, 1947 के कई दिनों बाद मिली। हालांकि यह क्षेत्र पाकिस्तान के नजदीक नहीं था, लेकिन पटेल को लगता था कि इस पर पाकिस्तान दावा कर सकता है। इसलिए ऐसी किसी भी स्थिति को टालने के लिए पटेल ने लक्षद्वीप में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए भारतीय नौसेना का एक जहाज भेजा। इसके कुछ घंटे बाद ही पाकिस्तानी नौसेना के जहाज लक्षद्वीप के पास मंडराते देखे गए, लेकिन वहां भारत का झंडा लहराते देख उन्हें वापस लौटना पड़ा।

ये भी देखें : Statue of Unity : सबसे ऊँचा, सबसे शानदार.. लौह पुरूष है हमारा सरदार!

जब चीन के प्रधानमंत्री चाऊ एन लाई ने जवाहरलाल नेहरू को पत्र लिखा कि वह तिब्बत को चीन का अंग मान लें तो पटेल ने नेहरू से आग्रह किया कि वह तिब्बत पर चीन का प्रभुत्व कतई न स्वीकारें, अन्यथा चीन भारत के लिए खतरनाक सिद्ध होगा। जवाहरलाल नेहरू नहीं माने, बस इसी भूल के कारण हमें चीन से पिटना पड़ा और चीन ने हमारी सीमा की 40 हजार वर्ग गज भूमि पर कब्जा कर लिया।

सरदार पटेल के ऐतिहासिक कार्यों में सोमनाथ मंदिर का पुनर्निमाण, गांधी स्मारक निधि की स्थापना, कमला नेहरू अस्पताल की रूपरेखा आदि कार्य सदैव स्मरण किए जाते रहेंगे।



\
Rishi

Rishi

आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

Next Story