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तमिलनाडु के जंगल में भीषण आग, आग में फंसे 9 ट्रैकर्स की मौत
चेन्नई| तमिलनाडु के थेनी जिले में कुरंगनी पहाड़ियों के जंगल में लगी आग में फंसे नौ ट्रैकर्स की मौत हो गई है।
जिला कलेक्टर पल्लवी बलदेव ने सोमवार को बताया कि भारतीय वायुसेना (आईएएफ) हेलीकाप्टरों की सहायता से राहत अभियान रविवार से जारी है। यहां से करीब 520 किलोमीटर दूर पर्यटक स्थल थेनी जिले में आग में फंसे करीब 27 ट्रैकर्स को बचा लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि शनिवार रात थेनी जिला स्थित कुरंगनी की पहाड़ियों पर 25 महिलाओं, तीन बच्चों और आठ पुरुषों का समूह ट्रैकिंग के लिए पहुंचा था। वे रविवार को वापस आने वाले थे।
इस घटना पर केंद्रीय वित्त और नौवहन राज्य मंत्री पोन राधाकृष्णन ने ट्वीट कर आग में फंसे ट्रैकर्स की मौत पर दुख जताया है।
मंत्री ने कहा कि वह घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहे हैं। उन्होंने बचाव कार्य में भारतीय वायु सेना दल की तैनाती के लिए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को भी धन्यवाद दिया।
तमिलनाडु दमकल व राहत सेवा के अधिकारी के मुताबिक, सोमवार की दोपहर तक अभियान खत्म होने की संभावना है।पल्लवी बलदेव ने बताया कि राहत कार्य जारी है और बचाव दल के सदस्यों द्वारा ट्रैकर्स को नीचे लाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि घायलों को थेनी और मदुराई के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। राज्य के स्वास्थ्य सचिव जे.राधाकृष्णन ने बताया कि मदुरई अस्पताल में भर्ती छह लोग गंभीर रूप से जल गए हैं।
आईएएफ कमांडो टीम रविवार देर रात कोयंबटूर के पास स्थित सुलुर हवाईअड्डे से उड़ान भरकर पहाड़ियों पर पहुंची थी।
ऑनलाइन समूह ने आयोजित की थी ट्रेकिंग
तमिलनाडु के कुरांगनी हिल्स में ट्रेकिंग के दौरान क्षेत्र में आग लगने की घटना में नौ लोगों के मारे जाने के मामले में यह बात सामने आई है कि इस ट्रेकिंग का आयोजन कथित रूप से एक ऑनलाइन समूह, चेन्नई ट्रेकिंग क्लब (सीटीसी) ने किया था। इस समूह के 40,000 से ज्यादा सदस्य हैं। सीटीसी की वेबसाइट पर उन लोगों के नाम या मोबाइल नंबर नहीं हैं, जो ट्रेकिंग अभियान के प्रभारी हैं।
वेबसाइट के मुताबिक, सीटीसी एक गैर-लाभकारी स्वयंसेवी समूह है जो आउटडोर खेल, पर्यावरण संरक्षण और सामाजकि गतिविधियां पूरे साल सप्ताहांत में और सप्ताह के दिनों में सुबह के समय आयोजित करता है।
वेबसाइट 'डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट चेन्नई ट्रेकर्स डॉट ओआरजी' पर कहा गया है, "साल 2008 में स्थापित समूह दक्षिण भारत में सबसे ज्यादा सक्रिय व बड़े समूहों में से एक है। इसके 40,000 से ज्यादा सदस्य है और पूरे साल में सैकड़ों गतिविधियां आयोजित की जाती हैं।"
इसमें कहा गया है, "सभी गतिविधियां निशुल्क हैं। खर्च सभी प्रतिभागियों द्वारा समान रूप से साझा किया जाता है।"
अभी यह पता नहीं चल पाया है कि समूह के पास ट्रेकिंग विशेषज्ञ थे या नहीं, जो ट्रेकिंग करने वालों का मार्गदर्शन करते हैं।