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आज ‘घर वापसी’ करेगा रोहिंग्या शरणार्थियों का पहला जत्था, जानें पूरा माजरा
नई दिल्ली/सिलचर: केंद्र सरकार गुरूवार (4 अक्टूबर) को रोहिंग्या शरणार्थियों के पहले जत्थे की 'घर वापसी' करवाने जा रही है। इस जत्थे 7 लोग शामिल हैं। बता दें, देश में पिछले साल से रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर बवाल जारी है।
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इस बीच केंद्र सरकार अवैध तरीके से देश में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों को आज वापस भेजने की तैयारी कर रही है। वहीं, इस मामले को लेकर ऐक्टिविस्ट ने न्यायिक दखल की मांग की है, जबकि गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार ने शरणार्थियों म्यांमार भेजने का मन बना लिया है।
भारत और बांग्लादेश के लिए रोहिंग्याओं को इसलिए पलायन करना पड़ा था क्योंकि म्यांमार में उनके खिलाफ बड़े पैमाने पर हिंसा हो रही थी। मगर अब भारत सरकार ने देश में अवैध तरीके से रह रहे रोहिंग्याओं को यहां से डिपार्ट कर दिया जाएगा। वहीं, इस मामले पर गृह मंत्रालय ने ये बयान जारी करने से साफ़ इंकार कर दिया है कि रोहिंग्या शरणार्थियों को जो जत्था वापस भेजा जा रहा है वो रोंहिग्या मुस्लिम हैं या नहीं।
म्यामांर द्वारा जारी किए गए ट्रैवल परमिट
जहां एक ओर गृह मंत्रालय ने कोई बयान जारी करने को लेकर साफ़ मना कर दिया है तो वहीं म्यामांर ने वापस भेजे जा रहे रोहिंग्याओं के पतों का वेरिफिकेशन और ट्रैवल परमिट जारी कर दिया है।
आज म्यांमार वापस लौटेगा पहला जत्था
तकरीबन 40 हजार रोहिंग्याओं में से यह पहला जत्था है, जोकि आज म्यांमार वापस लौटेगा। बता दें, बाधित हिंसा के कारण 40 हजार रोहिंग्या म्यांमार से भागकर भारत में शरण लेने आए थे। वहीं, इस मामले में ये कहा जा रहा है कि म्यांमार में अभी भी हालत ठीक नहीं हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें वापस नहीं भेजा जाना चाहिए।
जबरदस्ती ठीक नहीं: UN
जहां केंद्र सरकार ने रोहिंग्याओं को वापस भेजने का प्लान तैयार कर लिया है, वहीं, यूएनएचसीआर ने कहा है कि 'म्यांमार के रखाइन प्रांत में हालात ठीक नहीं होने की वजह से अभी रोहिंग्याओं की स्थायी वापसी नहीं होनी चाहिए। इसलिए जब तक रोहिंग्या ये तय नहीं कर लेते कि वो म्यांमार में सुरक्षित वापसी कर पा रहे हैं या नहीं, तब तक उनकी वापसी नहीं होनी चाहिए।