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पलट गयी बाजी! नागालैंड में टी.आर. जेलियांग ने ली मुख्यमंत्री की शपथ
कोहिमा : नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के विधायक टी.आर. जेलियांग को बुधवार को नागालैंड के 19वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। सदन में बहुमत सिद्ध करने में नाकाम रहने पर शुरहोजेली सरकार को राज्यपाल पी.बी. आचार्य ने बर्खास्त कर दिया और इसके कुछ घंटों बाद जेलियांग ने शपथ ली। राज्यपाल आचार्य ने कोहिमा में राजभवन में एक समारोह में जेलियांग (65) को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री सदन में बहुमत सिद्ध करने के बाद अपने मंत्रिपरिषद के सदस्यों की घोषणा करेंगे।
ऐसा रहा घटनाक्रम
नागालैंड में राज्यपाल पी.बी. आचार्य ने बुधवार को पांच माह पुरानी मुख्यमंत्री शुरहोजेली लीजीत्सू की सरकार बर्खास्त करते हुए नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के वरिष्ठ नेता टी. आर. जेलियांग को नई सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। राज्यपाल ने लीजीत्सू की सरकार को विधानसभा में बहुमत नहीं साबित कर पाने के बाद बर्खास्त कर दिया। लीजीत्सू मुख्यमंत्री के तौर पर जेलियांग को समर्थन देने वाले 47 विधायकों की सदन में मौजूदगी के बावजूद विधानसभा नहीं पहुंचे।
एक अधिकारी ने बताया कि राज्यपाल ने एनपीएफ के वरिष्ठ नेता व विधायक जेलियांग को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है।
उन्हें 22 जुलाई तक विधानसभा में बहुमत साबित करने का समय दिया गया है।
इससे पहले लीजीत्सू बहुमत साबित करने के लिए विधानसभा नहीं पहुंचे, जिसके बाद सदन के अध्यक्ष ईम्विापांग एइर ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा बहुमत साबित करने का प्रस्ताव नहीं रखा जा सका, क्योंकि वह सदन में मौजूद नहीं हुए।
एइर ने आईएएनएस से कहा, "मैंने सदन की कार्यवाही की रिपोर्ट पहले ही राज्यपाल को सौंप दी है।"
वहीं, सत्तारूढ़ एनपीएफ के प्रवक्ता यिताचु ने विधानसभा में अनुपस्थिति पर कहा, "हमें इसके (बहुमत साबित करने) के लिए समय नहीं दिया गया। हम विधानसभा सत्र में कैसे भाग ले सकते हैं, जब हम में से ज्यादातर सदस्य कोहिमा में मौजूद नहीं हैं और विधानसभा सत्र बुलाने की सूचना भी मंगलवार आधी रात को दी गई।"
यिताचू ने कहा, "हम विधानसभा सत्र को अचानक बुलाने का कारण नहीं समझ पा रहे हैं, क्योंकि एनपीएफ पार्टी के भीतर जारी राजनीतिक उथल-पुथल आंतरिक मामला है और इसे सदन के बाहर सुलझाया जाना चाहिए।"
राज्यपाल आचार्य ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय की कोहिमा पीठ द्वारा लीजीत्सू की याचिका खारिज किए जाने के बाद मंगलवार रात को बुधवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की घोषणा की थी। लीजीत्सू ने विधानसभा में बहुमत साबित करने के राज्यपाल के निर्देश को चुनौती दी थी।
अपने आदेश में न्यायमूर्ति लानुसुंगकुम जमीर ने कहा था कि लीजीत्सू के पास सदन का बहुमत नहीं है और राज्यपाल बिना किसी सहायता व सलाह के अपने विवेक से फैसले ले सकते हैं।
लीजीत्सू को 60 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ एनपीएफ के 10 विधायकों और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन हासिल है।
वहीं, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व एनपीएफ के ही नेता जेलियांग उन्हें समर्थन देने वाले पार्टी के 35 विधायकों, चार भाजपा विधायकों और सात निर्दलीय विधायकों के साथ सदन में मौजूद थे।
जेलियांग खेमे के एनपीएफ के प्रवक्ता तोखेहो येप्तोमी ने आईएएनएस से कहा, "मुख्यमंत्री (लीजीत्सू) को सदन में बहुमत साबित करने से बचने की बजाय सम्मानजनक तरीके से इस्तीफा दे देना चाहिए था।"
राज्यपाल आचार्य ने 11 और 13 जुलाई को लीजीत्सू से 15 जुलाई तक विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा था।