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नोटबंदी के खिलाफ ममता-केजरीवाल RBI के बाहर धरने पर बैठे, सरकार को अल्टीमेटम
नई दिल्ली: नोटबंदी के खिलाफ गुरुवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने रैली की। लेकिन इन दोनों मुख्यमंत्रियों को ये दाव तब उल्टा पड़ गया जब रैली से पहले ही हंगामा शुरू हो गया। इन दोनों नेताओं के लिए तब अजीबोगरीब हालात पैदा हो गए जब आजादपुर सब्जी मंडी पहुंचने से पहले ही कुछ लोगों ने इन्हें काले झंडे दिखाए। इसके बाद दोनों मुख्यमंत्री आरबीआई दफ्तर के बाहर धरने पर बैठ गए।
सरकार को 3 दिन का अल्टीमेटम
ममता बनर्जी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, कि 'देश दिवालिया होने की तरफ बढ़ रहा है और ऐसा सरकार की गलत नीतियों के चलते हुआ है। उन्होंने कहा कि हम सरकार को तीन दिन देते हैं उसके बाद अगली रणनीति बनाएंगे।
आरबीआई के बाहर धरने पर बैठे ममता-केजरीवाल
आजादपुर मंडी की रैली के बाद अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी दिल्ली में आरबीआई दफ्तर के बाहर पहुंचे। वहां दोनों नेता नोटबंदी के विरोध में धरने पर बैठ गए। पैसे एक्सचेंज कराने के लिए वहां लोगों की भारी भीड़ थी। इस सियासी हो-हल्ले की बीच आरबीआई दफ्तर के बाहर अफरातफरी का माहौल रहा । वहां मौजूद लोगों ने भी मोदी-मोदी के नारे लगाए।
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प्रदर्शनकारियों ने कहा-केजरीवाल कर रहे राजनीति
इस दौरान प्रदर्शनकारियों का कहना है कि नोटबंदी पर मोदी सरकार का फैसला सही है। इसका विरोध नहीं किया जाना चाहिए। व्यापारियों ने केजरीवाल का विरोध करते हुए काले झंडे लहराए। इन लोगों का आरोप है कि केजरीवाल केवल इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं। व्यापारियों का आरोप है कि मंडी में सभा का आयोजन करना केवल राजनीति लाभ लेना है।
भारी पुलिस बल तैनात
रैली में किसी तरह का हंगामा न हो, इसके लिए भारी संख्या में पुलिस और पैरा मिलिट्री के जवान मोर्चा संभाले हुए हैं। नोटबंदी के खिलाफ बुधवार को मार्च में बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना के सांसद और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला भी मौजूद थे।
राष्ट्रपति से की थी फैसला वापस लेने की मांग
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद ममता ने कहा था 'हमने राष्ट्रपति से सरकार के फैसले को वापस लिए जाने की मांग की है। इससे देश की जनता परेशान है।'