UGC ने दी AMU को सलाह, शिया और सुन्नी छात्र-छात्राएं एक साथ करें पढ़ाई

यूनिवर्सिटी ग्रेंड कमिशन (UGC) की एक समिति ने अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी (AMU) में ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं को क्लासरुम में अलग-अलग बैठने से आपत्ति जताई है।

priyankajoshi
Published on: 19 Nov 2017 9:24 AM GMT
UGC ने दी AMU को सलाह, शिया और सुन्नी छात्र-छात्राएं एक साथ करें पढ़ाई
X

नई दिल्ली: यूनिवर्सिटी ग्रेंड कमिशन (UGC) की एक समिति ने अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी (AMU) में ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं को क्लासरुम में अलग-अलग बैठने से आपत्ति जताई है।

यूजीसी की समिति ने केंद्र सरकार से सिफारिश की है कि एएमयू में तत्काल प्रभाव से को-एड व्यवस्था से पढ़ाई शुरू कराई जाए। बता दें कि कि एएमयू के कई मामलों की जांच के लिए यूजीसी ने एक समिति गठित की थी।

केंद्र को सौंपी रिपोर्ट

यूजीसी की समिति ने केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी। जिसमें छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के दौरान अलग-अलग बैठने की व्यवस्था को गलत बताया। उन्होंने तर्क दिया कि इस व्यवस्था के कारण स्टूडेंट्स प्रोफेशनल कोर्सेज और फिर नौकरी के दौरान माहौल में असहज महसूस करते और अपनी झिझक दूर नहीं कर पाते। जिस कारण उन्हें इसका नुकसान भी होने लगता है।

ये भी पढ़ें... CBSE UGC NET 2017: परीक्षा की उत्तर कुंजी जनवरी माह में होगा जारी!

यूजीसी को आपत्ति

यूजीसी की समिति ने शिया और सुन्नी के लिए अलग-अलग डिपार्टमेंट पर भी आपत्ति दर्ज कराई है। समिति में शामिल विशेषज्ञों का मानना है कि जब शिया और सुन्नी दोनों एक ही धर्म पर आधारित पढ़ाई करवाते हैं तो फिर दो अलग-अलग डिपार्टमेंट क्यों? समिति ने अपनी रिपोर्ट में इन दोनों विभागों को मर्ज कर देने की सलाह दी है।

दी सलाह

इसके अलावा समिति ने यह भी सलाह दी है कि एएमयू में ग्रेजुएशन के कोर्सेज के लिए एडमिशन इंजीनीयर और मेडिकल की तर्ज पर राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा की सलाह दी है। समितिका कहना है कि एएमयू एंट्रेंस एग्जाम की मेरिट का इस्तेमाल अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालय में भी किया जा सकता है।

priyankajoshi

priyankajoshi

इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

Next Story