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बेरोजगारी दर के आकड़ों से खेल गए मंत्री जी, कहा- 2015-16 में 3.7 फीसदी रही

Rishi
Published on: 23 July 2018 3:00 PM GMT
बेरोजगारी दर के आकड़ों से खेल गए मंत्री जी, कहा- 2015-16 में 3.7 फीसदी रही
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नई दिल्ली : केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के श्रम ब्यूरो द्वारा रोजगार-बेरोजगारी पर कराए गए श्रम बल सर्वेक्षण के निष्कर्षों के अनुसार, देश में सामान्य स्थिति के आधार पर 15 साल एवं उससे ज्यादा उम्र के लोगों के लिए अनुमानित बेरोजगारी दर वर्ष 2011-12, 2012-13, 2013-14 और 2015-16 में क्रमश: 3.3, 4.0, 3.4 और 3.7 प्रतिशत आंकी गई।

केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष कुमार गंगवार ने सोमवार को लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर कहा, "सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी प्राइवेट लिमिटेड (सीएमआईई) के अनुसार, जुलाई 2017 से लेकर जून, 2018 तक की अवधि के दौरान बेरोजगारी दर 3.39 प्रतिशत से लेकर 5.67 प्रतिशत के बीच रही।"

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उन्होंने कहा, "सरकार रोजगार सृजन और रोजगार क्षमता बेहतर करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों को क्रियान्वित कर रही है, जिनमें निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करना, व्यापक निवेश वाली विभिन्न परियोजनाओं के क्रियान्वयन की गति तेज करना और विभिन्न योजनाओं जैसे कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना और दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन पर सार्वजनिक व्यय बढ़ाना शामिल है।"

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गंगवार ने कहा, "युवाओं की रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए लगभग 22 मंत्रालय/विभाग विभिन्न क्षेत्रों (सेक्टर) में कौशल विकास योजनाओं का संचालन करते हैं। स्व-रोजगार को सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार द्वारा मुद्रा और स्टार्ट-अप्स योजनाएं शुरू की गई हैं।"

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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