सुप्रीमकोर्ट का बड़ा फैसला, अब महिलाएं सबरीमाला मंदिर में प्रवेश कर सकेंगी

Anoop Ojha
Published on: 28 Sep 2018 5:51 AM GMT
सुप्रीमकोर्ट का बड़ा फैसला, अब महिलाएं सबरीमाला मंदिर में प्रवेश कर सकेंगी
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि हमारी संस्कृति में महिला का स्थान आदरणीय है। यहां महिलाओं को देवी की तरह पूजा जाता है।कोर्ट ने साफ कहा है कि हर उम्र वर्ग की महिलाएं अब मंदिर में प्रवेश कर सकेंगी। भारत में महिलाओं के अधिकार के लिए बड़ा दिन। सुप्रीम कोर्ट ने सभी महिलाओं के लिए सबरीमाला मंदिर के दरवाजे खोले। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सबरीमाला की परंपरा असंवैधानिक है।

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सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि धर्म के नाम पुरुषवादी सोच ठीक नहीं है। भगवान अयप्पा के भक्त हिंदू हैं, ऐसे में एक अलग धार्मिक संप्रदाय न बनाएं। यह फैसला 4-1 के बहुमत से आया है। जस्टिस इंदु मल्होत्रा ने अलग फैसला दिया है।

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने आठ दिनों तक सुनवाई करने के उपरांत 1 अगस्त को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

जस्टिस चंद्रचूड ने कहा

जस्टिस चंद्रचूड ने कहा क्या संविधान महिलाओं के लिए अपमानजनक बात को स्वीकार कर सकता है पूजा से इनकार करना महिला गरिमा से इनकार करना। महिलाओं को भगवान की रचना के छोटे बच्चे की तरह बर्ताव संविधान से आंख मिचौली। पहले के दिनों में प्रतिबिंध प्राकृतिक कारणों से था।

जस्टिस नरीमन ने कहा

जस्टिस नरीमन ने कहा कि मंदिर में महिलाओं को भी पूजा का समान अधिकार। ये मौलिक अधिकार है।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

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