TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

मोदी लगायेंगे मास्टर स्ट्रोक: जल्द आ सकता है महिला आरक्षण बिल ! 

Gagan D Mishra
Published on: 22 Sept 2017 6:35 AM IST
मोदी लगायेंगे मास्टर स्ट्रोक: जल्द आ सकता है महिला आरक्षण बिल ! 
X
मोदी सरकार लगाएगी मास्टर स्ट्रोक: जल्द आ सकता है महिला आरक्षण बिल ! 

गगन दीप मिश्र

लखनऊ: देश की सियासी गलियारों में सभी की नजरें 2019 के आम चुनाव में गढ़ चुकी है । हर पार्टी आगामी लोक सभा चुनाव की तैयारियों में जुट चुकी है । लेकिन चुनाव का सबसे ज्यादा जिसपर दबाव होता है वो है सत्ताधारी पार्टी, क्यों कि जनता को उससे आस होती है और यदि आस पर पार्टी खरी उतरी तो समझो चुनाव उसी का हुआ ।

केंद्र में बीजेपी की सरकार है और वो पूरी तरह हर वर्ग को लुभाने में लगी हुई है । महिलाओं की बात जब आती है तब मोदी सरकार ने पहले गरीब महिलाओं को उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन बाँट कर, फिर तीन तलाक के मुद्दे पर मुस्लिम महिलाओं के साथ खड़े होकर और अभी अपनी सेना में बतौर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को शामिल कर ये साबित कर दिया कि सरकार आधी आबादी के साथ है । अब सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है संसद में महिला आरक्षण बिल को लाना । कांग्रेस ने भी चुनाव देखते हुए इस मुद्दे को गरमा दिया है।

यह भी पढ़ें...सोनिया की मोदी को चिट्ठी: LS में बहुमत है, पास कराएं महिला आरक्षण बिल

बीजेपी के सामने 2019 का लोक सभा चुनाव खड़ा है और उसकी सरकार के सामने मौका । महिला आरक्षण बिल संसद में पास करा कर बीजेपी महिलाओं के सामने खुद को उनका हितैषी साबित कर सकती है और कांग्रेस बीजेपी से इस बिल को पास कराने का दबाव बनाकर महिलाओं के हक़ के लिए लड़ने वाली इकलौती पार्टी बन सकती है ।

करीब दो दशक से संसद में अटका महिला आरक्षण बिल अगर संसद में पास होता है तो इसके अमल के साथ ही लोक सभा और राज्यों के विधानसभा चुनावों में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीट आरक्षित हो जाएँगी ।

सोनिया गांधी ने भले ही प्रधानमन्त्री को अपने प्रचंड बहुमत का फायदा उठाकर महिला आरक्षण बिल को निचले सदन यानी लोकसभा में पास करवाने का दबाव बनाया हो लेकिन मोदी सरकार इस बिल को पास करवाने के लिए सटीक टाइमिंग का इंतज़ार कर रही है । अभी हिमांचल प्रदेश और गुजरात के साथ अन्य राज्यों के विधान सभा चुनाव, 2019 के लोक सभा चुनाव करीब आ रहे है तो अब मोदी सरकार संसद में महिला आरक्षण बिल लाने पर विचार कर रही है।

साल 1996 में देवेगौड़ा सरकार के दौरान संसद में पहली बार लाए गए इस बिल के तहत लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं चुनाव में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने का प्रस्ताव था । करीब 21 साल के दौरान इस बिल को पारित कराने की मौजूदा सरकारों ने कई बार कोशिश की लेकिन हर बार विपक्ष के विरोध के कारण यह पास नहीं हो पाया।

यह भी पढ़ें...सियासत के शिकार हो रहे ‘बेरोजगार’, इन आकड़ो को देख जागो ‘सरकार’!

एक वरिष्ठ बीजेपी नेता की माने तो मोदी सरकार इस बिल कुछ मुख्य मुद्दों को निपटाने के बाद ही लोक सभा में लाना चाहती थी । चूँकि यूपी के विधान सभा चुनावों के दौरान तीन तलाक का मुद्दा बीजेपी ने जोर शोर से उठाया था और मुस्लिम महिलाओं के साथ मजबूती से खड़े होकर उनका मुद्दे को तक पहुंचा दिया है तो अब केंद्र सरकार इस बिल पर गहन चर्चा कर रही है और कुछ बदलाव के साथ शायद संसद के शीत सत्र में पेश कर सकती है । फिलहाल अभी तक कोई भी अंतिम फैसला नहीं लिया गया है ।

अगर सरकार शीत सत्र में ये बिल ले आती है और पारित कराने में सफल होती है तो सियासी गलियारों में हलचल तो मचेगी ही साथ ही एक राजनीतिक ध्रुवीकरण होगा जिसका फायेदा बीजेपी को आगे के विधानसभा और आगामी लोक सभा चुनाव में मिल सकता है ।



\
Gagan D Mishra

Gagan D Mishra

Next Story