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महिला आरक्षण विधेयक : राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी
नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख संसद के मानसून सत्र में महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराने के लिए समर्थन मांगा है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा ने 2014 के घोषणा पत्र में इस वादे को प्रमुखता से शामिल किया था, लेकिन पार्टी अब इसपर दोहरा रवैया अपना रही है। कांग्रेस नेता ने कहा कि राज्यसभा द्वारा मार्च 2010 में पारित यह विधेयक लोकसभा में गत आठ वर्षो से एक के बाद एक बहाने की वजह से अटका पड़ा हुआ है।
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क्या लिखा है चिट्ठी में
1. विधेयक में देश के शासन में परिवर्तन करने की क्षमता है। इसमें और अधिक देरी करने से यह 2019 लोकसभा चुनाव से पहले पारित नहीं हो पाएगा।
2. मैं आगामी मॉनसून सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पारित करवाने के लिए आपसे समर्थन की मांग करता हूं।
3. चूंकि भाजपा और इसके सहयोगियों के पास लोकसभा में बहुमत है, लिहाजा इस ऐतिहासिक विधेयक को वास्तविकता में तब्दील करने के लिए आपके समर्थन की जरूरत है। मुझे भरोसा है कि इसे रोका नहीं जाएगा।
4. इस विधेयक के पारित होने के बाद लोकसभा और राज्य विधानसभा की एक-तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी।
5. भाजपा के सहयोग से जब राज्यसभा में यह विधेयक पारित हुआ था तब तत्कालीन विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने इसे ऐतिहासिक करार दिया था।
6. कांग्रेस जबकि विधेयक के संबंध में अपनी प्रतिबद्धताओं पर अडिग रही है, भाजपा इसपर दोहरा रवैया अपना रही है। जबकि 2014 के घोषणा-पत्र में यह पार्टी के प्रमुख वादों में से एक था।
7. मोदी ने अपनी रैलियों में महिलाओं के सशक्तिकरण से संबंधित अपनी इच्छा जाहिर की है।
8. बिना शर्त समर्थन देकर विधेयक पारित करने के लिए समर्थन देने से बेहतर महिलाओं के हित के प्रति आपकी प्रतिबद्धता को दिखाने का और क्या बेहतर तरीका होगा? और इसके लिए आगामी मॉनसून सत्र से बेहतर और क्या समय होगा। इसमें और ज्यादा देरी होने से यह आगामी लोकसभा चुनाव से पहले पारित नहीं हो सकेगा।"
9. कांग्रेस को विधेयक के समर्थन में 32 लाख हस्ताक्षर प्राप्त हुए हैं।
10. हम इन हस्ताक्षरों को आपकी कृपा के लिए सौंपते हैं और विनम्रता से आपसे संसद में इस विधेयक को पारित करने के लिए आपसे समर्थन की मांग करते हैं, ताकि महिलाएं आगामी लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में ज्यादा अर्थपूर्ण ढंग से भाग ले सकें।"
11. हमसब साथ खड़े हों, दलगत राजनीति से ऊपर उठें और भारत को यह संदेश दें कि हम मानते हैं कि बदलाव का वक्त आ गया है। महिलाओं को निश्चित ही राज्य विधानसभाओं और लोकसभा में उनका सही स्थान मिलना चाहिए, जहां मौजूदा समय में उनकी उपस्थिति काफी कम है।