TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

थोक महंगाई सितंबर में घटकर 2.6 फीसदी, उद्योग जगत ने किया स्वागत

खाद्य पदार्थो की कीमतों में नरमी से देश के थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति की सालाना दर सितंबर में घटकर 2.6 फीसदी पर रही।

tiwarishalini
Published on: 17 Oct 2017 5:08 AM IST
थोक महंगाई सितंबर में घटकर 2.6 फीसदी, उद्योग जगत ने किया स्वागत
X
थोक महंगाई सितंबर में घटकर 2.6 फीसदी, उद्योग जगत ने किया स्वागत

नई दिल्ली : खाद्य पदार्थो की कीमतों में नरमी से देश के थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति की सालाना दर सितंबर में घटकर 2.6 फीसदी पर रही। इसका उद्योग जगत ने स्वागत किया है और कहा है कि इससे आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) द्वारा ब्याज दरों में कटौती का रास्ता साफ हो गया है। वाणिज्य मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, साल 2011-12 के संशोधित आधार वर्ष के हिसाब से डब्ल्यूपीआई अगस्त में घटकर 3.24 फीसदी रही थी। वहीं, साल 2016 के सितंबर में डब्ल्यूपीआई की दर 1.36 फीसदी थी।

बयान में कहा गया, "डब्ल्यूपीआई खाद्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर, जिसमें प्राथमिक सामग्री समूह से 'खाद्य सामग्री' और विनिर्मित उत्पाद समूह के 'खाद्य उत्पाद' अगस्त में 4.41 फीसदी पर थी, जो सितंबर में घटकर 1.99 फीसदी रही।"

यह भी पढ़ें .... झटका ! देश की थोक महंगाई दर अगस्त में बढ़कर 3.24 फीसदी

इसमें कहा गया, "खाने-पीने की चीजों का सूचकांक पिछले महीने घटकर 4 फीसदी पर आ गया, जिसमें फलों और सब्जियों (15 फीसदी), पान की पत्तियां (6 फीसदी), रागी (4 फीसदी), बाजरा (3 फीसदी), पोर्क, मक्का और चाय (2 फीसदी) और चिकन (1 फीसदी) के दाम में इसके पिछले महीनों की तुलना में गिरावट दर्ज की गई।" थोक कीमतें जुलाई में बढ़कर 1.88 फीसदी पर रही थीं, जबकि जून में यह 0.90 फीसदी थी। मई में यह 2.26 फीसदी थी।

विभिन्न खंडों के आधार पर प्राथमिक वस्तुओं की कीमतें, जिसका भार डब्ल्यूपीआई सूचकांक में 22.62 फीसदी है, इसमें समीक्षाधीन माह में 3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जबकि अगस्त में इसमें 2.26 फीसदी की तेजी आई थी।

गैर खाद्य पदार्थो के सूचकांक में सितंबर में 0.2 फीसदी की मामूली गिरावट दर्ज की गई। डब्ल्यूपीआई के अंतर्गत विनिर्मित उत्पादों का सूचकांक में भार 64.23 फीसदी है। इसमें सितंबर में 0.4 फीसदी की मामूली वृद्धि दर्ज की गई।

यह भी पढ़ें .... खाने-पीने की चीजें सस्ती होने से थोक महंगाई दर में गिरावट….अच्छे दिन!

वहीं, ईंधन और बिजली के मूल्य सूचकांक में सितंबर में पिछले महीने की तुलना में 1.7 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। इसी श्रेणी में मिनरल ऑयल्स की कीमतों में 3.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। इस महीने की शुरुआत में आरबीआई ने मुद्रास्फीति के दबाव में प्रमुख ब्याज दरों को 6 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा था।

डब्ल्यूपीआई आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने एक बयान में कहा, "उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) और डब्ल्यूपीआई के मुद्रास्फीति आंकड़ों को एक साथ रखने पर पता चलता है कि महंगाई काबू में है और यह सकारात्मक है। इसलिए आरबीआई को अगली मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती करनी चाहिए, ताकि मांग में बढ़ोतरी हो।"

उद्योग निकाय एसोचैम ने कहा कि डब्ल्यूपीआई में सितंबर में बढ़ोतरी की पिछले साल के समान माह से तुलना करने पर पता चलता है कि मांग में हल्की वृद्धि के कारण ऐसा अपेक्षित था, साथ ही वैश्विक विकास के सुधार के कारकों में हुए सकारात्मक बदलाव का भी इस पर असर पड़ा है।

यह भी पढ़ें .... खुदरा महंगाई में रिकॉर्ड की गई गिरावट, फैक्ट्री उत्पादन में भी नहीं कोई सुधार

एसोचैम ने एक बयान में कहा, "डब्ल्यूपीआई के आंकड़ों के बढ़ने से सीपीआई के आंकड़े भी प्रभावित होंगे, जिससे आरबीआई द्वारा प्रमुख ब्याज दरों में कटौती की संभावना सीमित हो सकती है, जोकि भविष्य में मुद्रास्फीति में वृद्धि को लेकर पहले से ही चिंतित है।"

इसमें कहा गया, "हाल के वैश्विक आर्थिक नीतियों की घोषणाओं को देखने पर पता चलता है कि भविष्य में ब्याज दरों में बढ़ोतरी होगी। चेंबर नीति निर्माताओं को बढ़ती ब्याज दरों की स्थिति संभालने के लिए सुधारात्मक कदम उठाने की सलाह देती है।"

--आईएएनएस



\
tiwarishalini

tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

Next Story