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भाजपा दफ्तर की बैठक में सीएम नहीं, 5 कालीदास पर होगी दोबारा बड़ी बैठक

राम केवी
Published on: 29 Oct 2018 2:41 PM GMT
भाजपा दफ्तर की बैठक में सीएम नहीं, 5 कालीदास पर होगी दोबारा बड़ी बैठक
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लखनऊ : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की राजधानी के आनन्दी पार्क में सम्पन्न बैठक के बाद आज निर्धारित समय से भाजपा कार्यालय में राज्य सरकार के मंत्रियों की बैठक शुरू हो चुकी है। पर सीएम योगी आदित्यनाथ बैठक में मौजूद नहीं है।

अहम यह है कि भाजपा कार्यालय पर चल रही बैठक के बाद एक बड़ी बैठक सीएम आवास पर होनी है। संगठन मंत्री सुनील बंसल और प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय भाजपा कार्यालय के बाद रात्रि 9 बजे सीएम आवास पहुंचेंगे।

बैठक में मौजूद हैं यह मंत्री

भाजपा कार्यालय पर चल रही बैठक में विधायक और पार्टी महामंत्री पंकज सिंह, प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे, मंत्री आशुतोष टंडन, राज्य मंत्री मनोहर लाल कोरी, एमएलसी विजय बहादुर पाठक, राज्य मंत्री गुलाबो देवी, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भूपेंद्र चौधरी, मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, रमापति शास्त्री, बृजेश पाठक और राज्य मंत्री अर्चना पांडे शामिल हैं।

पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी भी भाजपा मुख्यालय पर हो रही बैठक में शामिल होने पहुंचे। मंत्री राजेश अग्रवाल और राज्य मंत्री गिरीश चंद्र यादव, मंत्री एस पी सिंह बघेल और राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सुरेश राणा, राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख, मंत्री सत्यदेव पचौरी, मंत्री नंद गोपाल नंदी, धर्मपाल सिंह, लक्ष्मी नारायण चौधरी, रीता बहुगुणा जोशी, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उपेंद्र तिवारी, मंत्री श्रीकांत शर्मा और राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वतंत्र देव सिंह भी बैठक में शामिल हैं।

मंत्रियों को अपने काम काज की देनी होगी डेली रिपोर्ट

योगी सरकार के मंत्रियों को अपने काम काज की डेली रिपोर्ट देनी होगी। मंत्री अपनी रिपोर्ट संगठन और सरकार के नेतृत्व को देंगे। चुनावी मोड में आ चुकी भाजपा ने सभी मंत्रियों के लिए डेली रिपोर्ट देना अनिवार्य कर दिया है। ऐसा इसलिए करना पड़ा क्योंकि संगठन और सरकार की योजनाओं की मानीटरिंग और उन्हें जमीनी स्तर पर लागू करने की कई स्तर पर व्यवस्था की गई है। इसके अलावा लगातार संगठन की योजनाएं और कार्यक्रम भी जारी हैं। तमाम मंत्रियों के कार्यक्रमों में समय से हाजिर नहीं होने की शिकायतें आती रहती हैं। इसके अलावा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की भी ढेरों शिकायतें हैं। जिसे ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

राम केवी

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