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OMG! एक टूटे-फूटे फूलदान ने बदली किस्मत: 56 लाख में बिका 'कबाड़', जानिए इसकी खासियत

Broken Vase Auction: लंदन में एक बगीचे में पड़ा हुआ, गंदगी से ढका और दो टुकड़ों में टूटा फूलदान एक परिवार की किस्मत का ताला खोल गया। आइए जानें कैसे।

Jyotsna Singh
Written By Jyotsna Singh
Published on: 20 April 2025 6:08 AM
एक टूटे-फूटे फूलदान ने बदली किस्मत: 56 लाख में बिका कबाड़, जानिए इसकी खासियत
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Broken Vase Auction (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Broken Vase Sold In Lakhs: कभी-कभी किस्मत उस जगह से दस्तक देती है, जहां कोई उम्मीद भी नहीं करता। पुराने, टूटे-फूटे सामान को हम अक्सर कबाड़ समझकर फेंक देते हैं, लेकिन क्या हो अगर वही कबाड़ आपकी जिंदगी बदल दे? लंदन में एक परिवार के साथ कुछ ऐसा ही चमत्कारी वाकया हुआ। एक बगीचे में पड़ा हुआ, गंदगी से ढका और दो टुकड़ों में टूटा फूलदान उनकी किस्मत का ताला खोल गया।

बगीचे में पड़ा था अनमोल खजाना

लंदन की एक महिला के बगीचे में सालों से एक टूटा-फूटा फूलदान रखा था। असल में इसे एक गार्डनर ने बेकार समझकर फेंक दिया था, लेकिन महिला ने इसे जोड़कर अपने बगीचे की शोभा बना लिया। महिला की मृत्यु के बाद उनके परिवार ने इसे कबाड़ समझकर बेचने का विचार किया और इसकी कीमत पता करने के लिए चिसविक ऑक्शन्स नामक नीलामी घर से संपर्क किया।

विशेषज्ञ ने पहचानी अनमोल धरोहर

जब नीलामीघर की विशेषज्ञ जो लोयड फूलदान का मूल्यांकन करने पहुंचीं, तो उन्होंने पाया कि यह फूलदान दो हिस्सों में रखा था और घास-फूस से ढका हुआ था। पहले नजर में यह किसी कबाड़ से कम नहीं लगा, लेकिन गहराई से जांच करने पर लोयड ने इसकी ऐतिहासिक और कलात्मक महत्ता को पहचान लिया। यह कोई साधारण वस्तु नहीं थी, बल्कि एक प्रसिद्ध सिरामिस्ट हंस कोपर (Ceramist Hans Coper) की अनोखी कृति थी, जिसे 1964 में बनाया गया था।

महान कलाकार हंस कोपर की दुर्लभ कृति

जांच के बाद सामने आया कि यह फूलदान 1964 में हंस कोपर (Hans Coper) द्वारा बनाया गया था। हंस कोपर जर्मनी में जन्मे ब्रिटिश सिरेमिक आर्टिस्ट (British Ceramic Artist) थे, जिनकी कृतियां आज दुनियाभर के म्यूजियम और कलेक्शन में रखी जाती हैं। उनके द्वारा बनाई गई वस्तुएं बहुत ही सीमित मात्रा में उपलब्ध हैं और कलात्मक दृष्टि से अत्यंत मूल्यवान मानी जाती हैं। इस फूलदान की खासियत इसकी लगभग 4 फीट ऊंचाई है, जो कोपर द्वारा बनाए गए किसी भी सिरामिक आइटम में सबसे अधिक मानी जाती है। इसके निचले हिस्से पर कोपर का एक असली स्टिकर अभी भी चिपका हुआ था, जिसने इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि कर दी।

56 लाख रुपये में बिका टूटा-फूटा फूलदान

नीलामी से पहले इसकी अनुमानित कीमत मात्र 6.75 लाख से 11.29 लाख रुपये के बीच थी, लेकिन नीलामी के दौरान बोली तेजी से बढ़ी।

आखिरकार, अमेरिका के एक व्यक्ति ने इसे करीब 56 लाख रुपये में खरीद लिया। चिसविक ऑक्शन्स के अनुसार, यह सौदा साबित करता है कि कला की कीमत उसकी हालत से नहीं, उसकी विरासत और महत्व से तय होती है। यह घटना सिर्फ एक फूलदान की नहीं, बल्कि उस सोच की है जो हमें सिखाती है कि हर टूटी चीज में भी एक कहानी, एक इतिहास और कभी-कभी एक किस्मत छुपी होती है। इस अनोखी नीलामी की कहानी न सिर्फ एक परिवार की किस्मत बदलने वाली घटना है, बल्कि यह हम सबको यह सोचने पर मजबूर करती है कि जीवन में नजरअंदाज की गई चीजें भी बेहद खास हो सकती हैं। हो सकता है, आपके घर के किसी कोने में भी कोई ऐसा ही खजाना आपकी किस्मत बदलने का इंतज़ार कर रहा हो।

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