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Chanakya Niti: अगर आपके जीवन में आ गईं ये स्थिति तो ये होतीं हैं मृत्यु के समान, जानिए क्या कहते हैं आचार्य चाणक्य
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य के जीवन में ये तीन परिस्थितियां मृत्यु के सामान होतीं हैं। जानिए किस श्लोक में वर्णित है ये।
Chanakya Niti (Image Credit-Social Media)
Chanakya Niti: जीवन में कई मोड़ ऐसे आते हैं जब आपके सामने कई चुनौतियाँ आती है। वहीँ आचार्य चाणक्य ने कुछ ऐसी स्थितयों के बारे में भी बताया है जो व्यक्ति के जीवन में मृत्यु के समान होती है। आइये जानते हैं क्या कहती है चाणक्य की नीति इस विषय पर और आखिर क्या होती है ये स्थिति।
मृत्यु के समान होती है ये स्थिति
चाणक्य नीति में एक श्लोक है जिसमें कुछ ऐसी स्थिति बताई गयी है जो जब व्यक्ति के जीवन में आती है तो वो मृत्यु के समान होती है। इस श्लोक में तीन ऐसी स्थिति बताई गयी है जो जब जीवन में आती है तो ये मृत्यु की ही तरह होती है। ये श्लोक है "वृद्धकाले मृता भार्या बन्धुहस्ते गतं धनम।" भोजनं च पराधीनं तिस्त्रः पुंसां विडम्बना।।
श्लोक के माध्यम से आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो ये स्थिति मृत्यु के समान होती है। पत्नी की मृत्यु के बाद व्यक्ति की स्थिति मृत्यु के समान ही हो जाती है और ऐसी परिस्थिति में व्यक्ति का जीवन बेहद दुखदाई हो जाती है।
आचार्य चाणक्य ने दूसरी स्थिति के बारे में बताते हुए कहा कि जब किसी व्यक्ति की धन सम्पति उसके भाई या बंधुओं के हांथों में चली जाती है। तो ऐसी स्थिति भी मृत्यु के सामान होती है। इस परिस्थिति में भी व्यक्ति काफी दुःखी होता है और इसे मृत्यु के समान स्थिति माना जाता है।
इसके बाद आचार्य चाणक्य ने तीसरी स्थिति बताते हुए कहा है कि जब व्यक्ति खाने पीने के लिए किसी और पर आश्रित हो जाये तो ये स्थिति भी मृत्यु के समान होती है।
इन स्थितियों के लिए आचार्य चाणक्य कहते हैं कि पति-पत्नी को बुढ़ापे में एक साथ रहना चाहिए और साथ ही एक दूसरे का सहयोग भी करना चाहिए। ऐसे में आपको एक दूसरे का ख्याल रखना चाहिए उनकी सेहत का भी अच्छे से ख्याल रखना चाहिए। दोनों मिलकर ही अपने पैसों का ख्याल रखें और खाने पीने के लिए एक दूसरे पर निर्भर न होना पड़े ऐसी आपको कामना भी करनी चाहिए।