Ajab Gazab News: खुदाई के दौरान आने लगीं आवाज़ें, अंदर से निकली ये अनमोल चीज़, अधिकारियों के उड़े होश

Ajab Gazab News: महाराष्ट्र के एक शहर में खुदाई के दौरान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण टीम को कुछ ऐसा मिला जिसे देख हर कोई दंग रह गया।

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Newstrack Network
Published on: 26 Jun 2024 10:55 AM GMT
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Ajab-Gajab (Image Credit-Social Media)

Ajab-Gajab: महाराष्ट्र के छोटे से जिले बुलढाणा के सिंदखेड राजा शहर में एक चौका देंने वाला मामला सामने आया है। दरअसल यहाँ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को खुदाई के दौरान कुछ आवाज़ सुनाई पड़ी जिसे सुनकर वहां मौजूद अधिकारी और अन्य लोग हैरान रह गए। इस घटना के बाद एक मूर्ति निकली गयी जिसे देख सभी नतमस्तक हो गए। आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला।

महाराष्ट्र के एक शहर में तब सब हैरान रह गए जब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को खुदाई के दौरान ‘शेषशायी विष्णु’ भगवान् की एक विशाल मूर्ति मिली। वहां मौजूद अधिकारी ने बताया कि ये मूर्ति लगभग 2.25 मीटर की गहरायी में मिली है। दरअसल कुछ विशेषज्ञों की एक टीम ने लखुजी जाधवराव की छतरी के संरक्षण कार्य के दौरान एक पत्थर देखा तो वहां और खुदाई की गयी जिसके बाद वो मंदिर की नींव तक पहुंच गए।

अधिकारी ने बताया कि सभा मंडप मिलने पर सभी ने खुदाई का काम शुरू करने का फैसला लिया जिसके बाद हमे देवी लक्ष्मी की एक मूर्ति मिली। इसके बाद और खुदाई करने पर हमे शेषशायी विष्णु भगवान् की एक विशाल मूर्ति मिली। जिसकी लम्बाई लगभग 1.70 मीटर है। वहीँ इसकी ऊंचाई 1 मीटर तक है। वहीँ इस मूर्ति मूर्ति के आधार की चौड़ाई लगभग 30 सेंटीमीटर है।

वहीँ इसके मटीरियल की बात करें तो ये क्लोराइट शिस्ट चट्टान से बनी हुई है। इस तरह की मूर्तियां दक्षिण भारत (होयसल राजवंश) में बनायी जातीं थीं। इस मूर्ति में भगवान विष्णु शेषनाग पर लेटे हुए हैं और देवी लक्ष्मी उनके पैर दबा रही हैं। साथ ही इस मूर्ति में आपको समुद्र मंथन का भी दृश्य नज़र आएगा। वहीँ इसपर अश्व और ऐरावत की नक्काशी भी नज़र आ रही है।

ये मूर्ति पर काफी महीन नक्काशी की गयी है। अधिकारी ने बताया कि,"ऐसी मूर्तियां पहले मराठावाड़ा में पायी जाती थीं लेकिन वे बेसॉल्ट चट्टानों से बनी होती थीं।" इस मूर्ति की विशेषता की बात करें तो इसपर शेषनाग और समुद्र मंथन के बीच की मूर्ति भी बनाई गयी है। ऐसा कहा जा रहा है कि जब महाराष्ट में एक कला संग्रहालय स्थापित किया जाएगा तो इस मूर्ति को भी प्रमुख कलाकृतियों में शामिल किया जायेगा। आपको बता दें कि इस मूर्ति में पत्थर शिस्ट चट्टान का प्रयोग किया गया है जो बेसॉल्ट चट्टान के मुकाबले मुलायम होता है।

Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

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मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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