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Motivational Story: शिक्षा का असर

Motivational Story: बालिका पर शिक्षा का असर देखकर सभी अध्यापक काफी प्रभावित हुये और स्कूल मे सिखाये जा रहे आदर्शों को बालिका द्धारा अपनाये जाने से काफी खुश थे

Sankata Prasad Dwived
Published on: 19 May 2024 1:24 PM IST
Motivational Story
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Motivational Story: एक दिन की घटना है कि विघालय के प्रधानाध्यापक विद्यालय में पहुंचे थे कि तभी एक बालिका एक सोने का झुमका लेकर आयी और कहा कि मुझे यह झुमका विद्यालय आते समय रास्ते मे पडा मिला।हम यह सोचने लगे यह झुमका किस का होगा। क्योकि हमारा विघालय गांव के आम रास्ते पर है जिस मार्ग पर हर रोज अनेक लोग इधर उधर जाते है । यह झुमका बिलकुल नया था । ठीक एक दो दिन पूर्व गांव मे दो शादीयां हुई थी । हमने अनुमान लगाया कि यह किसी नयी दुलहन का गिरा होगा , क्योकि यह नये होने के साथ साथ नये डिजाइन का भी था । तो हमे लगा की यह अवश्य ही हाल ही मे खरीदा गया और उन्ही दो दुल्हन मे से किसी एक का होगा।

फिर सभी अध्यापको ने उस लडकी को उसकी ईमानदारी के लिए शाबाशी देकर उसी दिन गांव मे संदेश भिजवा दिया की किसी व्यक्ति की अगर कोई जरुरी वस्तु खो गयी हो तो सरस्वती शिशु मन्दिर से आकर ले जाये।दो दिन तक तो विद्यालय मे कोई नही आया लेकिन उसके बाद जैसे कि हमने अनुमान लगाया था । एक लडकी आयी जिसका हाल ही में अभी विवाह हुआ था और कहने लगी की आप लोगो को कुछ मिला है । हमने हाँ कर दिया फिर हमने लडकी से पुछा की तुम्हारा क्या खोया है उसने स्पष्ट शब्दों मे बता दिया कि मेरा कान का एक झुमका जो कही गिर गया है । काफी तलाश करने के बाद भी नही मिला । फिर कल किसी ने मुझे आपका संदेश बताया तो मैं आज यहा चली आयी।

फिर हमने उसकी बात की गुणवता को परखने के लिये और यह झुमका किसी गलत व्यक्ति के हाथो में न चला जाये इसलिये उस लडकी से दूसरा झुमका दिखाने को कहा उसने कहा अभी तो वह नही है मेने वह घर पर रखा है।फिर हमने वह दूसरा झुमका लाने को कहा तो वह लडकी अगले दिन वह झुमका लेकर विद्यालय मे आ गयी । फिर वह लडकी अपना झुमका वापस पाकर काफी खुश हो गयी और लडकी और विघालय की ईमानदारी को कुछ देना चाहती थी।फिर उसने उस बालिका को बुलाने को कहा जिसको वह झुमका मिला था । प्रधानचार्य ने कक्षा से उस बालिका को बुलवाया । उस लडकी ने 2000 रु निकालकर उस छोटी सी बालिका को ईनाम में देना चाहा । परन्तु उस बालिका ने ईनाम लेने से मना कर दिया और कहा मेने तो केवल वह किया जो हमारे स्कूल मे हमे सिखाया जाता है।

बालिका पर शिक्षा का असर देखकर सभी अध्यापक काफी प्रभावित हुये और स्कूल मे सिखाये जा रहे आदर्शों को बालिका द्धारा अपनाये जाने से काफी खुश थे। फिर उस लडकी ने सारे स्कूल के लिये कुछ मिठाई मंगवाई ओर प्रधानचार्य से वह सारे स्कूल के बच्चो मे बंटवाने के लिए कहा। उस दिन के बाद वह लडकी समय समय पर विघालय मे आती रही और विघालय मे अपना योगदान देती रही। यह कहानी सत्य घटना पर आधारित है।हमारी शिक्षा ही हमारी जीवन का निर्माण करती है इसलिये हमे सदैव अच्छी शिक्षा लेनी चाहिये और ईमानदारी का पालन करना चाहिऐ।



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Shalini singh

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