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अमेरिका में लोग समझ रहे घर के बुजुर्गों की अहमियत, भारत में वृद्धाश्रमों को बढ़ाने की चल रही सरकारी मुहिम, आइए जानते हैं हकीकत
Old Age Home: अमरीका जैसे आधुनिक सोच वाले देश में लोग को घर के बड़े बुजुर्गों की अहमियत समझ में आ चुकी है। वहां लोग अब अपने घर के बुजुर्गों को ओल्ड एज होम से अपने साथ घर वापस ला रहें हैं।
Old Age Home: बुजुर्ग जिन्हें हमारे घर की आन- मान और शान समझा जाता था आज आधुनिक और भौतिकतावादी अतिव्यस्ततम जीवन शैली के चलते वृद्धाश्रमों की दहलीज पर अपनी अखिरी सांस तक जिंदगी गुजारने को मजबूर हो रहें हैं। वहीं अमरीका जैसे आधुनिक सोच वाले देश में लोग को घर के बड़े बुजुर्गों की अहमियत समझ में आ चुकी है। वहां लोग अब अपने घर के बुजुर्गों को ओल्ड एज होम से अपने साथ घर वापस ला रहें हैं । है न हैरान कर देने वाली बात लेकिन यह बिलकुल हकीकत है।
अभी तक कुल 250 जिलों में हैं वृद्धाश्रम
जब हम देश का 74 वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं और देश को विकास की ओर अग्रसर होता देख फक्र कर रहें हैं , ऐसे में पारिवारिक विघटन , बुजुर्गों की दुर्दशा कहां तक उचित है। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार अभी तक देश के करीब 250 जिलों में ही बुजुर्गों के रहने के लिए वृद्धाश्रमों की व्यवस्था है। खास बात यह है कि करीब 33 जिलों में 52 वृद्धाश्रम ऐसे खोले जाएंगे, जिनके लिए राज्यों को जमीन या फिर निशुल्क भवन उपलब्ध कराना होगा। बाकी के करीब 70 जिलों में इनका संचालन निजी स्वयंसेवी संस्थाओं व ट्रस्ट के जरिये किया जाएगा। देखिए कितनी तेजी से हमारा देश तरक्की कर रहा है, जहां बच्चे बड़े बड़े शहरों में खुद के लिए आधुनिक फ्लैट खरीद रहें हैं। उन घर के बुजुर्गों की छत के लिए सरकार व्रद्धाश्रमों की व्यवस्था कर रही है।
किन जिलों में है सबसे ज्यादा आश्रम
देश के 740 जिलों में अनुमानतः 490 जिलों में अभी आश्रम की व्यवस्था नहीं है। वहीं वृद्धाश्रमों की संख्या में बाजी मारने वाले राज्यों में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक व आंध्र प्रदेश सबसे आगे हैं। वर्ष 2050 तक बुजुर्गों इनकी संख्या करीब 30 करोड़ होने का अनुमान है। ये आंकड़ा तो अभी सरकारी फाइलों पर ही दर्ज है हकीकत कहीं इससे ज्यादा वीभत्स होगी।
अमेरिका में संयुक्त परिवार का बढ़ रहा चलन
ठीक इसके विपरीत अमेरिका में रहने वाले तमाम बुजुर्ग उम्र के इस पड़ाव में किसी मजबूरी में वृद्धाश्रम नहीं जाते, बल्कि खुशी से ओल्ड एज क्लब का हिस्सा बनकर पूरी जिंदादिली से जीते हैं । पर अमेरिका में बुजुर्गों को वृद्धाश्रम में छोड़ने का चलन घट रहा है, वहां लोग संयुक्त परिवार की संस्कृति को धीरे-धीरे अपना रहे हैं। पारिवारिक विघटन और अपराधबोध के चलते अब लोगों को उनका महत्व समझ में आ रहा है। अपने बुजुर्गों की घरों में ही देखभाल कर एक सामान्य पारिवारिक जीवन के आनंद को महसूस कर रहे हैं। भारतीय संस्कृति में तो हमेशा से ही संयुक्त परिवार का चलन रहा है, जिसे हमे बरकरार रखना चाहिए।