×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Health Tips: रुकिए! आलू के छिलको को फेंकने से पहले पढ़ लें ये ख़बर, कई खतरनाक बीमारियों का है इसमें रामबाण इलाज

हम में से ज्यादातर लोगों के घरों में आलू को छीलकर ही खाया जाता है। मगर आलू का छिलका (Potato Peel) कैंसर, ब्लड प्रेशर अनीमिया और कोलेस्ट्रॉल जैसे बीमारियों से बचाने के लिए बहुत फायदेमंद है।

Preeti Mishra
Written By Preeti MishraPublished By Bishwajeet Kumar
Published on: 3 March 2022 5:48 PM IST
diabetics stop eating potatoes
X

diabetics stop eating potatoes (तस्वीर साभार : सोशल मीडिया)

Health Tips : पूरी दुनिया में शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति हो जो आलू का दीवाना न हो। चाहे देश हो या विदेश हर घर और हर जीभ में अपनी धाक् जमा चुका आलू सब्जियों का राजा कहलाता है। और ऐसा हो भी क्यों ना कोई भी सब्जी आलू के बिना हमेशा अधूरी ही लगती है। आलू चिप्स और पापड़ के तो क्या बच्चे, क्या बूढ़े सभी दीवाने हैं। हम अक्सर आलू को छील कर इस्तेमाल करते हैं, मगर क्‍या आप जानते हैं कि जिस छिलके (Potato Peel) को हम बेकार समझ कर फेंक देते हैं, दरअसल वो पोषक तत्वों का ख़जाना होते है।

एक अध्धयन में यह बात भी सामने आयी है कि आलू में भले ही हाई कार्बोहाइड्रेट्स हो मगर उसके छिलके में इसकी मात्रा बहुत ही कम होती होती है। इसलिए डायबिटीज के मरीज़ भी आलू के छिलको का इस्तेमाल अपने भोजन में कर सकते हैं। आलू के छिलके में ढेर सारा फाइबर, प्रोटीन, खनिज, विटामिन और फाइटोकेमिकल्स होता है। जिसके सेवन से हम कई गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं। तो आइये जानते हैं ऐसी बिमारियों को जिनमे आलू के छिलके किसी वरदान से कम नहीं हैं।

ब्‍लड प्रेशर कंट्रोल करने में सहायक

आलू के छिलकों में मौजूद पोटैशि‍यम ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए अच्छा माना जाता है। चूँकि पोटैशि‍यम युक्त चीजें खाने से ब्लड प्रेशर नहीं बढ़ता है। इसलिए ब्लड प्रेशर के मरीज़ों के लिए आलू का छिलका एक बहुत अच्छा विकल्प है। नियमित रूप से छिलके वाले आलू की सब्जी के सेवन करने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में आ जाता है जिससे उच्च रक्तचाप से राहत मिल जाती है।

हड्डियों के लिए अच्छा

आलू के छिलकों में पोषक तत्वों का भंडार होता है जिसमें आयरन, पोटेशियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम, तांबा और जस्ता भी शामिल हैं। जो हमारी हड्डी की संरचना और मजबूती के रख-रखाव के लिए बेहद आवश्यक होते हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के विशेषज्ञों के अनुसार, आलू के छिलके का सेवन हड्डियों के घनत्व को बनाए रखने में मदद कर सकता है और इतना ही नहीं रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को भी ये कम कर सकता है।

एनीमिया की समस्या में राहत

एनीमिया की समस्या शरीर में खून की कमी कारण होती है। कमजोरी और चक्कर एनीमिया का प्रमुख कारण है। ज्यादातर महिलाओं में एनीमिया की कमी पाई जाती है। खून की कमी होने पर आयरन युक्त चीजे खाने से लाभ मिलता है। चूँकि आलू के छिलको में आयरन की प्रचुर मात्रा पायी जाती है इसलिए एनीमिया होने पर छिलके वाले आलू का सेवन अच्छा होता है।

कैंसर से बचाव

आलू के छिलके में पाया जाने वाला फाइटोकेमिकल्स एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट है। इसके अलावा, इसमें उच्च मात्रा में क्लोरोजेनिक एसिड भी होता है, जो कार्सिनोजेन (कैंसर पैदा करने वाला यौगिक) के साथ बांधता है।जिससे शरीर में कैंसर होने की सम्भावना कम हो जाती है।

कोलेस्ट्रॉल को करता है कम

आलू के छिलके में उच्च फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट, पॉलीफेनोल्स और ग्लाइकोकलॉइड्स होते हैं जो हमारे शरीर में जमे कोलेस्ट्रॉल को कम करने में प्रभावी रूप से काम करते हैं। इसलिए कोलेस्ट्रॉल की परेशानी से जूझ रहे लोगों को आलू का इस्तेमाल छिलके के साथ करना चाहिए।

दिल की बीमारी के खतरे को करता है कम

चूंकि पोटेशियम रक्तचाप को कम करने और हृदय को स्‍वस्‍थ बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और आलू के छिलके में इनकी प्रचुरता पायी जाती है। इसलिए छिलके का सेवन करने से दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा कम होता है। खास बात ये है की आलू के छिलके में ओमेगा -3 फैटी एसिड भी पाया जाता है।जो भी हमारे दिल को स्वस्थ रखने में सहायक होता है।

खून में ग्लूकोस की मात्रा रहती है सही

आलू के छिलके में मौजूद फाइबर और अन्य पोषक तत्व हमारे खून में शर्करा के स्तर को बढ़ने से रोकते हैं। खास बात यह है की आलू के छिलके मधुमेह के रोगियों के भी अच्छे होते हैं। इस के सेवन से खून में ग्लूकोस के सही स्तर रहने के कारण उन्हें बार -बार भूख लगने की समस्या नहीं होती है।

त्वचा के लिए है वरदान

जी हां,आलू के छिलके बहुत पुराने समय से हो ब्यूटी ट्रीटमेंट के लिए इस्तेमाल किये जाते हैं। इसके इस्तेमाल से ना सिर्फ आँखों के नीचे आये काले घेरों को हटाया जा सकता है बल्कि त्वचा की खूबसूरती बढ़ाने में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। इतना ही नहीं इसका रोज़ाना इस्तेमाल हमें त्वचा के कैंसर से भी बचता है।



\
Bishwajeet Kumar

Bishwajeet Kumar

Next Story