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Bhagwaan Ram Par Kavita: क्यों श्री राम पर लिखी इस कविता हो रही वायरल , जानिए कौन है ये साइको शायर

Bhagwaan Ram Par Kavita: प्रभु राम पर लिखी ये कविता काफी ज़्यादा वायरल हो रही है आइये जानते हैं कौन है ये साइको शायर और क्या है इस कविता का सच।

Shweta Srivastava
Published on: 9 Jan 2024 5:45 AM GMT (Updated on: 9 Jan 2024 5:45 AM GMT)
Bhagwaan Ram Par Kavita
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Bhagwaan Ram Par Kavita (Image Credit-Social Media)

जहाँ भारत में हर तरह भगवान् राम के भव्य मंदिर को लेकर चर्चा है वहीँ कुछ समय पहले एक साइको शायर के यूट्यूब चैनल पर अपलोड की गयी एक कविता की भी खूब चर्चा हो रही है। जिसे 25 दिसंबर को उसके यूट्यूब चैनल से अपलोड किया गया था और तब से लेकर अब तक इसको लगभग 21 लाख से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं। सभी के मन में एक सवाल आ रहा कि आखिर इस कविता में ऐसा है क्या? तो आइये हम आपको बताते हैं।

प्रभु श्री राम पर लिखी इस कविता ने बटोरी सुर्खियां

एक ओर अयोध्या में श्री राम के भव्य मंदिर को लेकर तैयारियां ज़ोरों शोरों से चल रहीं हैं वहीँ 22 जनवरी को श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम भी आयोजित होने जा रहा है। लेकिन इस बीच सोशल मीडिया पर एक कविता काफी सुर्खियां बटोर रही है साथ ही हर तरफ वायरल भी हो रही है। इसे साइको शायर के यूट्यूब चैनल से अपलोड किया गया है। जिसे लोगों ने लाखों बार देखा भी है। लेकिन आखिर इस कविता में ऐसा क्या है जो लोग इसे बार बार पढ़ रहे हैं। आइये विस्तार से आपको बताते हैं।

सोशल मीडिया इस समय एक ऐसा प्लेटफार्म बन चुका है जहाँ अगर आप कुछ अपलोड कर देते हैं तो देखते ही देखते आपको हर व्यक्ति जानने लगता है। ऐसे में हिन्दू धर्म के परम पूज्य भगवान् राम पर एक कविता भी काफी वायरल हो रही है। जिसे साइको शेयर जिनका असली नाम अभिजीत बालकृष्ण मुंडे है ने लिखा है। आपको बता दें कि ये महाराष्ट्र के मराठवाड़े इलाके के अंबाजोगी गांव के रहने वाले हैं। अभिजीत बालकृष्ण मुंडे को बचपन से ही कवितायेँ लिखना काफी पसंद था। अभिजीत ने सरकारी कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की दौरान उन्होंने कविता लिखना नहीं छोड़ा। इतना ही नहीं उन्होंने कई इतिहास की किताबे भी लिखीं हैं।

वायरल कविता का सच

आपको बता दें कि अभिजीत बालकृष्ण मुंडे न केवल एक शायर या लेखक हैं बल्कि वो एक स्टैंडप कॉमेडियन भी हैं। लेकिन उनकी कविता पर इतनी चर्चा क्यों हो रही है ये कई लोग जानना चाहते हैं। अभिजीत अपनी कविता को शुरू करने से पहले कहते हैं कि राम का नाम लेते ही जो आपके मन में लिखते, सुनते और पढ़ते पहला विचार आये उसे मन में रख लीजियेगा अंत में पूछूंगा। इसकी बाद वो 1 से 9 तक की गिनती गिनते हैं और फिर कविता बोलते हैं।

हाथ काट कर रख दूंगा

ये नाम समझ आ जाए तो

कितनी दिक्कत होगी पता है

राम समझ आ जाए तो

राम राम तो कह लोगे पर

राम सा दुख भी सहना होगा

पहली चुनौती ये होगी के

मर्यादा में रहना होगा

और मर्यादा में रहना मतलब कुछ खास नहीं कर जाना है..

बस..

बस त्याग को गले लगाना है और

अहंकार जलाना है

अब अपने रामलला के खातिर इतना ना कर पाओगे

अरे शबरी का जूठा खाओगे तो पुरुषोत्तम कहलाओगे

काम क्रोध के भीतर रहकर तुमको शीतल बनाना होगा

बुद्ध भी जिसकी छांव में बैठे वैसा पीपल बनाना होगा

बनना होगा ये सब कुछ और वो भी शून्य में रहकर प्यारे

तब ही तुमको पता चलेगा..

थे कितने अद्भुत राम हमारे

सोच रहे हो कौन हूं मै,?

चलो.. बता ही देता हूं

तुमने ही तो नाम दिया था

मैं..

पागल कहलाता हूं

नया नया हूं यहां पे तो ना पहले किसी को देखा है

वैसे तो हूं त्रेता से.. मुझे कृ..

किसने कलयुग भेजा है

भई बात वहां तक फैल गई है

की यहां कुछ तो मंगल होने को है

के भरत से भारत हुए राज में

सुना है राम जी आने को हैं

बड़े भाग्यशाली हो तुम सब

नहीं, वहां पे सब यहीं कहते है

के हम तो रामराज में रहते थे..

पर इन सब में राम रहते है

यानी..

तुम सब में राम का अंश छुपा है.?

नहीं मतलब वो..

तुम में आते है रहने?

सच है या फिर गलत खबर?

गर सच ही है तो क्या कहने

तो सब को राम पता ही होगा

घर के बड़ों ने बताया होगा..

तो बताओ..

बताओ फिर कि क्या है राम

बताओ फिर कि क्या है राम..

बताओ...

अरे पता है तुमको क्या है राम..?

या बस हाथ धनुष तर्कश में बाण..

या बन में जिन्होंने किया गुजारा

या फिर कैसे रावण मारा

लक्ष्मण जिनको कहते भैया

जिनकी पत्नी सीता मैया

फिर ये तो हो गई वो ही कहानी

एक था राजा एक थी रानी

क्या सच में तुमको राम पता है

या वो भी आकर हम बताएं?

बड़े दिनों से हूं यहां पर..

सबकुछ देख रहा हूं कबसे

प्रभु से मिलने आया था मै..

उन्हें छोड़ कर मिला हूं सब से

एक बात कहूं गर बुरा ना मानो

नहीं तुम तुरंत ही क्रोधित हो जाते हो

पूरी बात तो सुनते भी नहीं..

सीधे घर पर आ जाते हो

ये तुम लोगों के..

नाम जपो में..

पहले सा आराम नहीं

ये तुम लोगों के.. नाम जपो में..पहले सा आराम नहीं

इस जबरदस्ती के जय श्री राम में सब कुछ है..

बस राम नहीं!

ये राजनीति का दाया बायां जितना मर्ज़ी खेलो तुम

( दाया बायां.. अरे दाया बायां..?

ये तुम्हारी वर्तमान प्रादेशिक भाषा में क्या कहते है उसे..?

हां..

वो..

लेफ्ट एंड राइट)

ये राजनीति का दाया बायां जितना मर्ज़ी खेलो तुम

चेतावनी को लेकिन मेरी अपने जहन में डालो तुम

निजी स्वार्थ के खातिर गर कोई राम नाम को गाता हो

तो खबरदार गर जुर्रत की..

और मेरे राम को बांटा तो

भारत भू का कवि हूं मैं..

तभी निडर हो कहता हूं

राम है मेरी हर रचना में

मै बजरंग में रहता हूं

भारत की नीव है कविताएं

और सत्य हमारी बातों में

तभी कलम हमारी तीखी और..

साहित्य..

हमारे हाथों में!

तो सोच समझ कर राम कहो तुम

ये बस आतिश का नारा नहीं

जब तक राम हृदय में नहीं..

तुम ने राम पुकारा नहीं

राम- कृष्ण की प्रतिभा पर पहले भी खड़े सवाल हुए

ये लंका और ये कुरुक्षेत्र..

यूं ही नहीं थे लाल हुए

अरे प्रसन्न हंसना भी है और पल पल रोना भी है राम

सब कुछ पाना भी है और सब पा कर खोना भी है राम

ब्रम्हा जी के कुल से होकर जो जंगल में सोए हो

जो अपनी जीत का हर्ष छोड़ रावण की मौत पे रोए हो

शिव जी जिनकी सेवा खातिर मारूत रूप में आ जाए

शेषनाग खुद लक्ष्मण बनकर जिनके रक्षक हो जाए

और तुम लोभ क्रोध अहंकार छल कपट

सीने से लगा कर सो जाओगे?

तो कैसे भक्त बनोगे उनके?

कैसे राम समझ पाओगे?

अघोर क्या है पता नहीं और शिव जी का वरदान चाहिए

ब्रम्हचर्य का इल्म नहीं.. इन्हे भक्त स्वरूप हनुमान चाहिए

भगवा क्या है क्या ही पता लहराना सब को होता है

पर भगवा क्या है वो जाने

जो भगवा ओढ़ के सोता है

राम से मिलना..

राम से मिलना..

राम से मिलना है ना तुमको..?

निश्चित मंदिर जाना होगा!

पर उस से पहले भीतर जा संग अपने राम को लाना होगा

जय सिया राम

और हां..

अवधपुरी का उत्सव है

कोई कसर नहीं..

सब खूब मनाना

मेरे प्रभु है आने वाले

रथ को उनके

खूब सजाना

वो..

द्वापर में कोई राह तके है

मुझे उनको लेने जाना है

चलिए तो फिर मिलते है,

हमें भी अयोध्या आना है.

इस कविता भी यहाँ मौजूद है जिसमे अभिजीत बालकृष्ण मुंडे द्वारा अपनी कविता को वो सुना रहे हैं।

Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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