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Bhagwat Geeta Quotes: श्री कृष्ण कहते हैं कर्म मुझे बांधता नहीं, क्योंकि मुझे कर्म के प्रतिफल की कोई इच्छा नहीं

Bhagwat Geeta Quotes: भगवत गीता में श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को सबसे महत्वपूर्ण ज्ञान दिया गया जो पूरी मनुष्य जाति के लिए बेहद उपयोगी है।

Shweta Srivastava
Published on: 3 Aug 2024 8:48 AM IST
Bhagwat Geeta Quotes
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Bhagwat Geeta Quotes (Image Credit-Social Media)

Bhagwat Geeta Quotes: भगवत गीता में कहा गया है कि मनुष्य को सिर्फ कर्म करने चाहिए और उसे उसके अनुसार फल स्वयं ईश्वर देंगें। श्री कृष्ण द्वारा कई बातें इसके लिए बताई गईं हैं। कहते हैं जो व्यक्ति गीता के ज्ञान को समझ लेता है उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और वो जीवन में आने वाली सभी कठिनाइयों का आसानी से मुकाबला कर लेता है। साथ ही वो चिंतामुक्त जीवन बीतता है। आइये ऐसे ही अनमोल विचारों पर एक नज़र डालते हैं और इन्हे अपने जीवन में आत्मसात करने का प्रयास करते हैं।

भगवत गीता के अनमोल विचार (Bhagwat Geeta Anmol Vichar)

  • सुखदुख, लाभहानि और जयपराजय को समान करके युद्ध के लिये तैयार हो जाओ इस प्रकार तुमको पाप नहीं होगा।
  • हे अर्जुन, कर्म मुझे बांधता नहीं, क्योंकि मुझे कर्म के प्रतिफल की कोई इच्छा नहीं।
  • जो आत्मा को मारने वाला समझता है और जो इसको मरा समझता है वे दोनों ही नहीं जानते हैं, क्योंकि यह आत्मा न मरता है और न मारा जाता है।
  • जैसे मनुष्य जीर्ण वस्त्रों को त्यागकर दूसरे नये वस्त्रों को धारण करता है वैसे ही देही जीवात्मा पुराने शरीरों को त्याग कर दूसरे नए शरीरों को प्राप्त होता है।
  • आत्मा को शस्त्र काट नहीं सकते और न अग्नि इसे जला सकती है जल इसे गीला नहीं कर सकता और वायु इसे सुखा नहीं सकती।
  • या तो तू युद्ध में मारा जाकर स्वर्ग को प्राप्त होगा अथवा संग्राम में जीतकर पृथ्वी का राज्य भोगेगा। इस कारण के अर्जुन! तू युद्ध के लिए निश्चय करके खड़ा हो जा।
  • वह जो सभी इच्छाएं त्याग देता है और “मैं ” और “मेरा ” की लालसा और भावना से मुक्त हो जाता है उसे शान्ति प्राप्त होती है।
  • मेरे लिए ना कोई घृणित है ना प्रिय, किन्तु जो व्यक्ति भक्ति के साथ मेरी पूजा करते हैं, वो मेरे साथ हैं और मैं भी उनके साथ हूँ।
  • मैं भूत, वर्तमान और भविष्य के सभी प्राणियों को जानता हूँ,किन्तु वास्तविकता में मुझे कोई नहीं जानता।
  • समय और भाग्य दोनों परिवर्तनशील है इनपर कभी अहंकार नही करना चाहिए।
  • ह जो मृत्यु के समय मुझे स्मरण करते हुए अपना शरीर त्यागता है,
  • वह मेरे धाम को प्राप्त होता है। इसमें कोई शंशय नहीं है।
  • जब इंसान अपने काम में आनंद खोज, लेते हैं तब वे पूर्णता प्राप्त करते है।
  • जब तक आपकी सोच और विचार अच्छे नहीं हो जाते, तब तक आपके अच्छे दिन नहीं आते।
  • प्रारब्ध-कर्म को भोगता हुआ जो मनुष्य गीता के अभ्यास में निरत है,वह इस लोक में मुक्त और सुखी होता है तथा कर्म में लिप्त नहीं होता।
  • वह जो वास्तविकता में मेरे उत्कृष्ट जन्म और गतिविधियों को समझता है,वह शरीर त्यागने के बाद पुनः जन्म नहीं लेता और मेरे धाम को प्राप्त होता है।
  • बुद्धिमान व्यक्ति को समाज कल्याण के लिए बिना आसक्ति के काम करना चाहिए।
Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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