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Bhagwat Geeta Quotes: हर प्राणी के जीवन में परीक्षा का समय आता है, इसका अर्थ यह नहीं कि निराश हुआ जाए

Bhagwat Geeta Quotes: भगवत गीता में श्री कृष्ण ने बताया है कि मनुष्य अपने जीवन में कैसे सफल हो सकता है और दूसरों के साथ कैसा व्यवहार उसे सफल बना सकता है।

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Newstrack Network
Published on: 9 Aug 2024 9:05 AM IST
Bhagwat Geeta Quotes
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Bhagwat Geeta Quotes (Image Credit-Social Media)

Bhagwat Geeta Quotes: भगवत गीता में भगवान् श्री कृष्ण ने बताया है कि मनुष्य को बस अपने कर्म करने चाहिए और फल के बारे में नहीं सोचना चाहिए। उसके कर्म पर ही उसका भाग्य और फल निर्भर करता है। साथ ही वो जैसे कर्म करेगा उसे फल भी उसी अनुसार मिलेगा। आज हम आपको गीता में लिखीं इन्हीं महत्वपूर्ण और अनमोल विचार पर प्रकाश डालने जा रहे हैं। जिनका व्यक्ति के जीवन में विशेष महत्त्व है।

भगवत गीता कोट्स (Bhagwat Geeta Quotes)

  • कर्म ज्ञान से अज्ञात मानव, कोई महामानव नहीं केवल अज्ञानी है।”
  • “मोह बंधन ही मानव को पथ से भटकाते हैं, सफलता के लिए सद्मार्ग पर चलना अनिवार्य है।”
  • “योगियों की भांति ही ध्यान केंद्रित करना सीखें, जहाँ स्वार्थ का कोई स्थान न हो।”
  • “मनुष्य जैसा लेता है आहार, वैसे ही बन जाते हैं उसके विचार।”
  • “सफलता उसी व्यक्ति को मिलती हैं, जिसका स्वयं की इन्द्रियों पर बस हो।”
  • “यदि परिस्थितियां आपके हक़ में नहीं है, तो विश्वास कीजिए कुछ बेहतर आपकी तलाश में है।”
  • “हर प्राणी के जीवन में परीक्षा का समय आता है, इसका अर्थ यह नहीं कि निराश हुआ जाए।”
  • “दूसरे की कामयाबी से जलना क्यों है, आपका परिश्रम ही आपको सफल बनाता है।”
  • “जीत हो या हार दोनों का सम्मान करना सीखें, क्योंकि दोनों में ही ईश्वर की इच्छा होती है।”
  • “”मन की परेशानी या समय की हैरानी का एक ही हल है कि आप अपने सवालों के जवाबों के पीछे ऐसे पड़ जाए, जैसे आप एक हठयोगी हो।”
  • “शांत मन से ही लक्ष्य की प्राप्ति की जाती है, मन की अशांति से मानव का पतन होता है।”
  • “निस्वार्थ भाव से की गई सेवा या दान ही सात्विक गुण का आधार होता है, सात्विकता से ही संसार को ऊर्जा प्राप्त करता है।”
  • “क्रोध, लालच और वासना यही नर्क के द्वार हैं क्योंकि यह मानव के पतन का मुख्य कारण होते हैं।”
  • “ईश्वर का रूप केवल उतना ही नहीं जितना हम और आप समझते हैं, सृष्टि के हर कण में परमात्मा की उपस्थिति होती है।”
  • “सृष्टि के हर कण का एक विशेष गुण होता है, जिसका आधार स्वयं श्री हरि नारायण होते हैं।”
  • “अति से ज्यादा खाना खाने वाला मानव आलस के रथ का सारथी बनता है, एक योगी की यही पहचान होती है कि वह कम खाते हैं और हरि की महिमा गाते हैं।”
  • “श्रीकृष्ण ही तमस हैं और वही ज्ञान का प्रकाश हैं, नारायण ही सृष्टि सारी-श्री हरि ही आशाओं का आकाश हैं।”
  • “स्वर्ग और नर्क कर्म के तराजू पर समान रूप से तुलते हैं, इन्हीं के आधार पर आत्मा की गति होती है।”
  • “चंचल मन की इच्छाओं का त्याग करने वाले व्यक्ति ही परमात्मा के हृदय में वास करते हैं।”


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Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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