×

Bhagwat Geeta Quotes: श्री कृष्ण कहते हैं वर्तमान परिस्थितियों में जो तुम्हारा कर्तव्य है वही तुम्हारा सच्चा धर्म है

Bhagwat Geeta Quotes: श्री कृष्ण द्वारा भगवत गीता का ज्ञान दिया गया जिसके वचन आज भी उतने ही तर्कसंगत हैं जितने सालों पहले थे। आइये नज़र डालते हैं भगवत गीता कोट्स पर।

Network
Newstrack Network
Published on: 16 July 2024 8:17 AM IST
Bhagwat Geeta Quotes
X

Bhagwat Geeta Quotes (Image Credit-Social Media)

Bhagwat Geeta Quotes: भगवत गीता में श्री कृष्ण ने अर्जुन से कई ज्ञान की बातें बताईं जिसके बाद उन्हें गीता का ज्ञान मिला और जीवन के सत्य से वो परिचित हुए। ऐसा ही ज्ञान का अथाह सागर है श्रीमद भगवत गीता। आइये विस्तार से जानते हैं कि गीता में मनुष्य के लिए क्या लिखा है जिसे समझकर हम अपने जीवन को सफल बना सकते हैं।

भगवत गीता कोट्स (Bhagwat Geeta Quotes)

  • आज यदि आपके दिन बुरे चल रहे हैं तो कल अवश्य ही अच्छा होगा आप केवल निस्वार्थ भाव से अपना कर्म कीजिए।
  • जो मार्ग ईश्वर ने आपके लिए खोला है उसे कभी भी कोई बंद नहीं कर सकता है।
  • मनुष्य का जीवन केवल उसके कर्मों पर आधारित होता है वह जैसा कर्म करता है उसका जीवन वैसा ही हो जाता है।
  • जीवन में आधे दु:ख इस वजह से आते है, क्यूंकि हमने उनसे आशाऐं बना रखी है जिनसे हमें नहीं बनानी चाहिए थी।
  • जिस मनुष्य ने अपनी जवानी में बहुत सारे पाप किए हो उसे बुढ़ापे में नींद नहीं आती है।
  • व्यक्ति को उसके कर्म का फल उसी तरह ढूंढ लेता है जैसे की कोई बछड़ा सैकड़ो गायों के बीच अपनी मां को ढूंढ लेता है।
  • आत्मा ना तो जन्म लेती है और ना ही मरती है ना ही इसे जलाया जा सकता है ना ही इसको भिगोया जा सकता है आत्मा अमर और अविनाशी है।
  • संसार में कुछ भी स्थाई नहीं है।
  • आत्मा शरीर को वैसे ही छोड़ती है जैसे मनुष्य अपने पुराने कपड़ों को उतार कर नए कपड़े धारण कर लेता है।
  • व्यक्ति का सुख-दुख मान अपमान लाभ हानि का एहसास करना मन की शरारत है आत्मा का इससे कोई लेना-देना नहीं है।
  • जब यह संसार ही स्थाई नहीं है तब इस संसार की कोई वस्तु कैसे स्थाई हो सकती है।
  • मैं इस संसार के सभी जीवो में विद्यमान हूं मैं चींटी में भी हूं और हाथी में भी।
  • संसार के सारे रिश्ते नश्वर हैं और केवल शरीर से जुड़े हुए हैं जैसे ही व्यक्ति की मृत्यु होती है और आत्मा शरीर को छोड़ देती है आत्मा का शरीर से जुड़े रिश्तों से कोई नाता नहीं रहता।
  • मेरे तुम्हारे हम सबके कई जन्म हो चुके हैं ना तो यह मेरा आखिरी जन्म है और ना ही यह तुम्हारा आखिरी जन्म है।
  • वर्तमान परिस्थितियों में जो तुम्हारा कर्तव्य है वही तुम्हारा सच्चा धर्म है।
  • मैं किसी व्यक्ति के भाग्य का निर्माण नहीं करता और ना ही किसी को कर्म फल देता हूं व्यक्ति या जीव के कर्म ही उसके भाग्य का निर्माण करते हैं।
  • क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु होता है क्रोध के कारण मनुष्य की सोचने समझने की शक्ति नष्ट हो जाती है और उस व्यक्ति के पतन में ज्यादा समय नहीं लगता है ।
  • मनुष्य कर्म करने से कभी छुटकारा नहीं पा सकता इसलिए हमें हमेशा कर्म करते रहना चाहिए क्योंकि कर्म के बिना हमारे शरीर का निर्वाह नहीं हो सकता है।
  • परिवर्तन होना ही इस संसार में स्थाई है इसलिए मनुष्य को परिवर्तन से कभी नहीं घबराना चाहिए।
  • मनुष्य का अपने मन को नियंत्रित रखना किसी घोड़े के नवजात शिशु को नियंत्रण में रखना जितना कठिन कार्य होता है।
  • इंद्रियों के वश में होने से मनुष्य के जीवन में केवल विकार और परेशानियां ही आती है।
  • मनुष्य के जीवन में सुख-दुख का आना-जाना सर्दी और गर्मी के आने जाने के समान है इसलिए हमें इन्हें सहन करना सीखना होगा।
  • निर्बलता ईश्वर देता है लेकिन मर्यादा मनुष्य का मन स्वयं निर्माण करता है।
Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

Next Story