Bhai Dooj 2023: जानिए किस दिन मनाया जायेगा भाई दूज, क्या होगा शुभ मुहूर्त और महत्त्व

Bhai Dooj 2023: क्या आपको पता है कि कितने बजे होगा भाई दूज, क्या है इसका शुभ मुहूर्त और क्या है इसका महत्त्व।

Shweta Srivastava
Published on: 14 Nov 2023 1:45 AM GMT (Updated on: 14 Nov 2023 1:49 AM GMT)
Bhai Dooj 2023
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Bhai Dooj 2023 (Image Credit-Social Media)

Bhai Dooj 2023: दिवाली की धूम के बाद अब भाई दूज का शुभ अवसर है जो औपचारिक रूप से दिवाली उत्सव का समापन करता है। ये प्रतिवर्ष कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष अमावस्या के दौरान मनाया जाता है जो आमतौर पर अक्टूबर और नवंबर के बीच आता है। इस साल भाई दूज 15 नवंबर को मनाया जाएगा। भाई-बहनों के बीच का बंधन सबसे खूबसूरत बंधनों में से एक है, और भाई दूज वो दिन है जब लोग इस खास रिश्ते का जश्न मनाते हैं और उसे संजोते हैं। इस दिन बहनें अपने प्यारे भाई की उम्र, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं। भाई दूज को भारत में भाऊ बीज, भात्र द्वितीया, भाई द्वितीया और भातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। आइये जानते हैं क्या है इसका महत्त्व और पूजा का सही मुहूर्त।

भाई दूज 2023 की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

द्रिक पंचांग के अनुसार इस साल भाई दूज 15 नवंबर, मंगलवार को मनाया जाएगा। द्रिक पंचांग के अनुसार, 15 नवंबर, मंगलवार को शुभ भाई दूज अपराहन समय दोपहर 01:10 बजे शुरू होगा और 03:19 बजे समाप्त होगा, जो 2 घंटे और 9 मिनट तक चलेगा। इसके अलावा, द्वितीया तिथि 14 नवंबर को दोपहर 02:36 बजे शुरू होगी और 15 नवंबर को दोपहर 01:47 बजे समाप्त होगी। इसलिए कुछ लोग इस त्यौहार को 14 व कुछ 15 नवंबर को भी मनाएंगे।

भाई दूज का महत्त्व

बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक या सिन्दूर लगाकर और फिर मिठाई, रोली और नारियल से भरी थाली लेकर उसकी आरती उतारकर जश्न मनाती हैं। फिर वो उन्हें मिठाइयाँ खिलाती हैं, और बदले में बहनों को उनके भाइयों से उपहार मिलते हैं। जहां इस दिन का उद्देश्य भाई-बहन के बीच के रिश्ते को मजबूत करना है, वहीं इसके पीछे कई पौराणिक कथाएं भी हैं। भाई दूज से जुड़ी किंवदंतियों में से एक मृत्यु के देवता भगवान यम की है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन उन्होंने अपनी बहन यामी से मुलाकात की थी। उस समय उन्होंने उनके माथे पर शुभ तिलक लगाया था और उनकी सलामती के लिए प्रार्थना की थी। इसलिए, ये माना जाता है कि जो व्यक्ति अपनी बहनों से माथे पर तिलक लेते हैं, उन्हें कभी नरक में नहीं भेजा जाएगा।

भाई दूज के आसपास की एक अन्य लोक कथा में उल्लेख है कि राक्षस नरकासुर को नष्ट करने के बाद, भगवान कृष्ण अपनी बहन सुभद्रा के घर गए, जहां उन्होंने फूलों, मिठाइयों और उनकी आरती करके उनका स्वागत किया। उन्होंने अपने भाई के माथे पर शुभ तिलक भी लगाया था।

Shweta Srivastava

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Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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