Bhai Dooj 2024: जानें भाई दूज पर भाई-बहन क्यों लगाते हैं यमुना में डुबकी, महत्व और कथा के बारे में

Bhai Dooj 2024 Kab Hai: भाई दूज के दिन बहन-भाई के लिए यमुना में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है। क्या आप जानते हैं इसके पीछे का कारण। चलिए जानते हैं इस आर्टिकल में।

Shreya
Written By Shreya
Published on: 3 Nov 2024 1:00 AM GMT (Updated on: 3 Nov 2024 1:00 AM GMT)
Bhai Dooj 2024: जानें भाई दूज पर भाई-बहन क्यों लगाते हैं यमुना में डुबकी, महत्व और कथा के बारे में
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Bhai Dooj 2024 (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Bhai Dooj 2024: आज यानी 3 नवंबर 2024, रविवार को पूरे देशभर में भाई दूज (Bhai Dooj) का त्योहार मनाया जा रहा है। यह त्योहार भाई-बहन के अटूट बंधन, स्नेह और प्रेम का प्रतीक माना जाता है, जो हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाते हैं। इस पर्व को दिवाली के 5 दिनों के त्योहार की समाप्ति मानते हैं। इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक करती हैं और हाथ पर कलावा बांधती हैं। साथ ही भाईयों की लंबी उम्र और सुखमय जीवन की कामना करती हैं। वहीं, भाई भी अपनी बहनों को उपहार देते हैं।

इस दिन बहन-भाई के लिए यमुना में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है। ये अनोखी परंपरा सदियों से चली आ रही है। हालांकि बहुत से लोग इस परंपरा के पीछे की वजह नहीं जानते हैं, तो चलिए इस आर्टिकल में हम आपको बताते हैं कि आखिर यम द्वितीया यानी भैय्या दूज के दिन भाई-बहन एक साथ यमुना नदी में डुबकी क्यों लगाते हैं (Bhai Dooj Ke Din Bhai Bahan Yamuna Nadi Mein Dubki Kyun Lagate Hai)।

भाई-बहन यमुना में क्यों लगाते हैं डुबकी (Bhai Dooj Ka Mahatva Aur Katha)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

धार्मिक मान्यता के अनुसार, द्वापर युग में यमराज लंबे समय के बाद यम द्वितीया के दिन अपनी बहन यमुना (Lord Yamraj Sister) से मिलने गए थे। तब उनकी बहन उन्हें देखकर बेहद प्रसन्न हुईं। तब यमुना जी ने उनके माथे पर तिलक लगाकर उनका आदर-सत्कार किया था और प्रेम पूर्वक भोजन कराया था। बहन यमुना द्वारा किए गए सेवा-सत्कार से यमराज जी इतने प्रसन्न होते हैं कि वो उनसे वर मांगने को कहते हैं।

तब यमुना जी ने अपने भाई से कहा कि इस शुभ तिथि (यम द्वितीया) के दिन जो भी भाई-बहन यमुना में स्नान कर इस पर्व को मनाएंगे, वह अकाल मृत्यु के भय से मुक्त हो जाएंगे और बैकुंठ जाएंगे। इस पर यमराज जी ने अपनी बहन को वरदान दिया कि इस दिन जो भाई-बहन यमुना में एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर डुबकी लगाएंगे और इस त्योहार को मनाएंगे, वह अकाल मृत्यु और मेरे भय से मुक्त हो जाएंगे। तभी से इस दिन को यम द्वितीया और भाई दूज के रूप में मनाया जाने लगा। भैय्या दूज पर यम देव की पूजा की जाती है। यम द्वितीया के दिन यमराज की पूजा से पहले यमुना नदी में स्नान किया जाना शुभ माना जाता है।

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