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Sabse Bada Samman Puraska: भारत में दिए जाने वाले है इन प्रतिष्ठित पुरस्कारों के बारे में कितना जानते हैं आप, किसलिए दिए जाते हैं ये सम्मान?
Bharat Ka Sabse Bada Samman Puraskar: समाज में असाधारण काम करने वाले व्यक्ति को सम्मानित करने के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा कई तरह के पुरस्कार दिया जाता है। हर साल जो लोग अपने कार्य क्षेत्र व समाज के प्रति विशेष प्रकार यानी अकल्पनीय काम करते हैं
Bharat Ka Sabse Bada Samman Puraskar: अपनी उत्कृष्ट उपलब्धियों से समाज में असाधारण काम करने वाले व्यक्ति को सम्मानित करने के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा कई तरह के पुरस्कार दिया जाता है। हर साल जो लोग अपने कार्य क्षेत्र व समाज के प्रति विशेष प्रकार यानी अकल्पनीय काम करते हैं उन्हें सरकार द्वारा सम्मानित किया जाता है। ऐसे में क्या आपको पता है कि भारत में नागरिक पुरस्कार कितने प्रकार होते हैं। आइए जानते इस पर एक विस्तृत जानकारी -
भारत में नागरिक पुरस्कार मुख्य रूप से चार प्रकार का होता है। ये चारों सम्मान देश में अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतरीन काम करने और उपलब्धियां हासिल करने वालों को ये पुरस्कार दिए जाते हैं।जिसके अंतर्गत पद्म भूषण, पद्म श्री, पद्म विभूषण और भारत रत्न आते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि पुरस्कार मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं। जिसमें से एक है सिविलियन अवॉर्ड्स यह पुरस्कार खासतौर से देश के आम नागरिकों को दिया जाता है। वहीं दूसरा है गैलेंट्री अवार्ड। ये अवार्ड मुख्य रूप से देश के प्रति, बहादुरी के लिए दिया जाने वाला सम्मान होता है। बात करें पद्म पुरस्कार की तो अपने राष्ट्र के प्रति पूर्ण समर्पण भावना के साथ देश हित में और लोक हित में सक्रिय ऐसी शख्सियतों जिन्होंने राष्ट्र के लिए साहस, कला, कर्तव्य, उत्कृष्टता और सर्वोच्च सेवा में अपना खास मुकाम हासिल किया है पद्म पुरस्कारों की हकदार मानी जाती है। गणतंत्र दिवस का जश्न मनाने के साथ ही पद्म पुरस्कारों की घोषणा की जाती है। ये पुरस्कार विभिन्न विषयों में भारतीय नागरिकों की उपलब्धियों को मान्यता देते हैं।आइए जानते हैं
पद्म पुरस्कार के बारे में विस्तार से -
Padma Award
पद्म पुरस्कार क्या हैं?
26 जनवरी को घोषित किए जाने वाले पद्म पुरस्कारों को सर्वोच्च महत्व का नागरिक सम्मान माना जाता है। पद्म पुरस्कारों की शुरुआत 1954 में की गई थी। सरकार ने दो पुरस्कार भारत रत्न और पद्म विभूषण की शुरुआत की थी। भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान के तौर पर जाना जाता है। ये पुरस्कार भारत के राष्ट्रपति द्वारा औपचारिक समारोहों में प्रदान किए जाते हैं जो आमतौर पर हर साल मार्च या अप्रैल के आसपास राष्ट्रपति भवन में आयोजित किए जाते हैं।पद्म पुरस्कार तीन विशिष्ट श्रेणियों में दिए जाते हैं।
1. पद्म विभूषण पुरस्कार राष्ट्र के लिए अनुकरणीय और गरिमापूर्ण सेवा का प्रतीक है, जिसने दुनिया भर के लोगों के बीच तिरंगे के प्रति सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ाई है।
2.पद्म भूषण पुरस्कार राष्ट्र के लिए उच्च कोटि की सेवा के लिए नागरिकों को मान्यता देता है।
3.पद्मश्री पुरस्कार राष्ट्र के प्रति उत्कृष्ट सेवा का प्रतीक है।
किसी विशेष वर्ष में 120 से अधिक पद्म पुरस्कार दिए जाने की अनुमति नहीं है। पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को एक पदक और भारत के राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित एक प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है। पद्म पुरस्कार प्रदान करने का समारोह हर साल मार्च-अप्रैल में राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया जाता है।
इन्हें मिलता है पद्म पुरस्कार
पद्म पुरस्कार कला, साहित्य और शिक्षा, खेल, मेडिसिन, सामाजिक कार्य, विज्ञान समेत कई क्षेत्रों में उत्कृष्ट मुकाम हासिल करने वाले और विशिष्ट काम करने वालों को दिए जाते हैं। जानकारी के मुताबिक पद्म विभूषण में तीन वर्ग थे- पहला वर्ग, दूसरा वर्ग और तीसरा वर्ग। लेकिन बाद में संशोधन कर इसका नाम बदलकर पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री कर दिया गया।
सरकारी नौकरी वालों के लिए हैं ये नियम
वैसे तो कोई भी व्यक्ति जो भारत देश का नागरिक है इन पुरस्कारों के लिए पात्र होता है। बस सरकारी कर्मचारी इन पुरस्कारों के लिए तब तक पात्र नहीं हैं, जब तक वो पद पर हैं। जबकि ये नियम डॉक्टरों और वैज्ञानिकों पर लागू नहीं होते हैं।
पद्म पुरस्कार से सम्मानित होने के बाद मिलती हैं ये सुविधाएं
पद्म पुरस्कार से सम्मानित होने वाली हस्तियों को मिलने वाली सुविधाओं की बात करें तो इन्हें सम्मान के तौर पर सील वाला एक सर्टिफिकेट और मेडल दिया जाता है। इसके साथ ही हस्तियों को उनके मेडल की एक प्रतिकृति भी दी जाती है।
ये पुरस्कार कोई पदवी नहीं है. इसलिए विजेताओं के नाम के आगे या पीछे इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
पद्म पुरस्कार केवल एक सम्मान है। इस पुरस्कार के साथ कोई नकद भत्ता अथवा रेल/हवाई यात्रा आदि के रूप में कोई रियायत प्रदान नहीं की जाती है।
इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले को कोई राशि नहीं दी जाती है।
वहीं बात भारतरत्न की करें तो ये देश का सर्वोच्च और प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान है। इसे भारत सरकार द्वारा उन महान व्यक्तियों को दिया जाता है, जिन्होंने देश में अपने योगदान देकर दूसरों को प्रेरणा दी हो। यह सम्मान खास तौर पर कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा, और खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए दिया जाता है।
Bharat Ratna Award
भारत रत्न सम्मान
भारत रत्न केवल एक महत्वपूर्ण सम्मान नहीं है, बल्कि यह देश की ओर से उन व्यक्तियों के प्रति आभार प्रकट करने का एक माध्यम भी है, जिन्होंने भारत के गौरव और विकास में अद्वितीय योगदान दिया है। यह सम्मान आमतौर पर गणतंत्र दिवस के दिन प्रदान किया जाता है। सम्मानित व्यक्ति को सरकार की ओर से एक विशेष मेडल और प्रमाणपत्र के साथ उन्हें कई सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं। तो चलिए आगे भारत रत्न पुरस्कार के बारे में-
इस प्रकार हुई थी भारत रत्न की शुरुआत
भारत रत्न की शुरुआत 2 जनवरी 1954 में हुई थी। यह सम्मान देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा स्थापित किया गया था। इसे भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाता है। आपको बता दें कि यह पुरस्कार मरणोपरांत (मृत्यु के बाद) भी दिया जा सकता है। भारत रत्न से सम्मानित लोगों को मेडल और प्रमाण पत्र के अलावा, परिवहन, आवास और सुरक्षा से संबंधित कुछ सुविधाएं भी दी जाती हैं।
इन्हें दिया जाता है भारत रत्न सम्मान
भारत रत्न संगीत, चित्रकला, नृत्य, सिनेमा जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले को दिया जाता है।
साहित्यिक कृतियों और शिक्षा के क्षेत्र में प्रेरणादायक योगदान देने वालों को यह पुरस्कार दिया जाता है।
वैज्ञानिक आविष्कारों और अनुसंधान के माध्यम से देश और समाज को लाभ पहुंचाने वालों को भी भारत रत्न दिया जाता है।
राजनीति, समाजसेवा, और सार्वजनिक जीवन में उत्कृष्ट योगदान देने वाले महान व्यक्ति को भारत रत्न से सम्मानित किया जाता है।
इसके अलावा, खेल जगत में अद्वितीय उपलब्धियां हासिल करने और देश का नाम रोशन करने वालों को भी भारत रत्न पुरस्कार से नवाजा जाता है। अब तक, 53 लोगों को इस सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। इनमें नेल्सन मंडेला और अब्दुल गफ्फार खां ये दो विदेशी भी शामिल हैं। भारत सरकार के नियमों के अनुसार, किसी एक साल में अधिकतम तीन व्यक्तियों को भारत रत्न से सम्मानित किया जा सकता है।
अब तक इतनी हस्तियां हो चुकी हैं इस सम्मान से सम्मानित
साल 1954 से लेकर अभी तक इस पुरस्कार से कुल 48 हस्तियों को सम्मानित किया जा चुका है। जिनमें ज्यादातर पुरुष ही शामिल हैं, वहीं अब तक केवल गिनती की पांच महिलाओं को ही यह सम्मान हासिल हुआ है। यह सम्मान अपनी प्रतिष्ठा के साथ ही भेद भाव जैसे विवादों से भरा हुआ। सालों से भारत सरकार इस पुरस्कार की घोषणा करते आई है, ऐसे में पुरुष प्रधान राजनीति से जुडी हस्तियों को ही इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। ये पुरस्कार महिला और पुरुष के नामांकन में भी भेदभाव के चलते अक्सर विवादों में भी रहता है।
इंदिरा गांधी को मिला था पहली बार ये सम्मान
भारत रत्न सम्मान से पहली बार साल 1972 में इंदिरा गांधी को सम्मानित किया गया था। उस वर्ष यह सम्मान राष्ट्रपति वीवी गिरी द्वारा पाकिस्तान-बांग्लादेश वॉर में अहम भूमिका निभाने के लिए प्रदान किया गया था।
मदर टेरेसा
मदर टेरेसा को दुनिया भर में उनके कार्यों के लिए जाना जाता है। साल 1980 में मदर टेरेसा को भारत रत्न सम्मान से नवाजा गया था। यूं तो मदर टेरेसा रोमन कैथोलिक थीं, लेकिन उनके पास भारतीय नागरिकता थी। लंबे समय गरीब और असहाय लोगों की मदद करने के लिए मदर टेरेसा को भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
एम.एस.सुब्बुलक्ष्मी
मदुरै सुब्बुलक्ष्मी भारत रत्न पाने वाली पहली महिला कलाकार थीं। वो संयुक्त राष्ट्र संघ की सभा में संगीत करने वाली पहली महिला था। संगीत जगत में अपने योगदान के लिए सुब्बुलक्ष्मी को साल 1998 में भारत रत्न सम्मान से नवाजा गया।
अरुणा आसफ अली
साल 1942 में अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। इस दौरान उन्होंने मुंबई के गोवालिया मैदान में झंडा फहराया था, जिसके लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है। साल 1997 में अरुणा को उनके योगदान के लिए भारत अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
लता मंगेशकर
संगीत की दुनिया में अभूतपूर्व योगदान के लिए साल 2001 में लाता जी को भारत रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया।2024 में कई लोगों को इससे सम्मानित किया गया। इनमें लालकृष्ण आडवाणी, चौधरी चरण सिंह, नरसिम्हा राव, एमएस स्वामीनाथन और कर्पूरी ठाकुर शामिल थे। इसी के साथ भारत रत्न पाने वालों की कुल संख्या 53 हो गई है।
वहीं 2025 में भारत रत्न के लिए रतन टाटा, डॉ. मनमोहन सिंह और बाला साहेब ठाकरे के अलावा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर, समाजसेवी ज्योतिबा फुले के नामों पर भी विचार किया जा रहा है।
राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है ये भारत रत्न सम्मान
भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। इससे सम्मानित लोगों को खास सुविधाएं मिलती है। यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। जिन लोगों ने कला,साहित्य,विज्ञान,समाज सेवा और खेल के क्षेत्र में देश के लिए असाधारण योगदान दिया हो उन्हें इस सम्मान से नवाजा जाता है। भारत रत्न देने की शुरुआत राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 1954 में की थी।
भारत रत्न पाने वाले व्यक्ति को मेडल के साथ प्रमाण पत्र दिया जाता है। यह एक तरह का प्रोटोकॉल होता है। इसमें सम्मानित व्यक्ति को राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति,प्रधानमंत्री, राज्यपाल, पूर्व राष्ट्रपति, उप प्रधानमंत्री,मुख्य न्यायाधीश,लोकसभा स्पीकर,कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री,पूर्व प्रधानमंत्री और संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता के बाद जगह मिलती है। इस सम्मान में कोई भी धनराशि नहीं दी जाती है।भारत रत्न पाने वालों को टैक्स न भरने की छूट दी जाती है।
स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों में खास अतिथि के तौर पर भी भाग ले सकते हैं।इन्हें हवाई जहाज,ट्रेन और बस में निशुल्क यात्रा की छूट मिलती है। सम्मानित व्यक्ति संसद की बैठकों और सत्र में भाग ले सकते हैं। किसी राज्य में घूमने जाने पर उन्हें राज्य अतिथि का दर्जा मिलता है। भारत सरकार इन्हें वारंट ऑफ प्रेसिडिंस में जगह देती है।
About Khel Ratna, Arjuna Award and Dronacharya Award
आइए अब जानते हैं खेल रत्न, अर्जुन अवॉर्ड और द्रोणाचार्य पुरस्कार के बीच अंतर के बारे में
खेल रत्न, अर्जुन अवॉर्ड और द्रोणाचार्य पुरस्कार के बीच अंतर की बात करें तो केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में 4 खिलाड़ियों को खेल रत्न, 32 प्लेयर्स को अर्जुन अवॉर्ड और 4 कोच को द्रोणाचार्य पुरस्कार प्रदान किया गया है। ये 17 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया गया है। खेल रत्न, अर्जुन अवॉर्ड और द्रोणाचार्य अवॉर्ड के बीच के अंतर के बारे में जान लेते हैं।
मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार
हॉकी के बेजोड़ खिलाड़ी रहे मेजर ध्यानचंद नाम पर दिया जाने वाला खेल रत्न पुरस्कार को पहले राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के नाम से जाना जाता था। यह अवार्ड खासकर चार वर्षों से अधिक समय तक खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन देने वाले खिलाड़ियों को दिया जाता है। इसमें प्लेयर्स को एक प्रशस्ति पत्र, एक मेडल और 25 लाख रुपये की नकद राशि दी जाती है। खेल मंत्रालय की ओर से गठित एक समिति चयन करती है कि पिछले चार सालों में जिन खिलाड़ियों का प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा है। उनके चयन के बाद खिलाड़ियों के नामों का ऐलान किया जाता है। इस साल भारत सरकार की ओर से मनु भाकर, डी गुकेश के अलावा हॉकी खिलाड़ी हरमनप्रीत सिंह और पैरा एथलीट प्लेयर प्रवीण कुमार खेल रत्न पुरस्कार के हकदार हैं।
अर्जुन पुरस्कार
खिलाड़ियों को दिया जाने वाला अर्जुन अवॉर्ड खेल के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करते उन्हें मिलता हैं। इस पुरस्कार के तहत खिलाड़ियों को एक प्रशस्ति पत्र, अर्जुन की कांस्य प्रतिमा और 15 लाख रुपये नकद की राशि दी जाती है। इस पुरस्कार की शुरुआत साल 1961 में हुई थी। इसका नाम भारतीय महाकाव्य महाभारत के प्रमुख पात्र अर्जुन के नाम पर रखा गया है। सरकार ने इस साल 32 खिलाड़ियों को अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया है।
द्रोणाचार्य पुरस्कार
यह पुरस्कार ऐसे गुरु को मिलता है जो खिलाड़ी के मार्ग प्रदर्शन करने के साथ-साथ उन्हें स्टार बनाने के लिए तैयार करता है। भारत में किसी भी खेल में एक कोच की अहम भूमिका या योगदान के लिए द्रोणाचार्य अवॉर्ड दिया जाता है। द्रोणाचार्य पुरस्कार, भारत में खेलों में अहम भूमिका निभाने वाले कोच के लिए सबसे बड़ा और सम्मानजनक पुरस्कार माना जाता है। द्रोणाचार्य अवॉर्ड की स्थापना 1985 में की गई थी। यह खासकर उन लोगों को दिया जाता है, जो महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश के लिए पदक विजेता तैयार करते हैं। विजेताओं को द्रोणाचार्य की एक कांस्य प्रतिमा, एक प्रमाण पत्र और 10 लाख नकद राशि दी जाती है। इस साल कुल चार कोच को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।