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Video: बाबाओं का चमत्कार या कुछ और! क्या सच में इनके पास अलौकिक शक्तियां, जाने कितनी सही इनकी भविष्यवाणी

Bharat Ke Famous Baba: भारत अपनी संस्कृति और सभ्यता के लिए जाना जाता है लेकिन वहीँ ये भी सच है कि सबसे ज़्यादा अंधविश्वास भी इसी देश में है। आइये जानते हैं कि इस बारे में क्या कहा विशेषज्ञ पंडित ने।

Shweta Shrivastava
Published on: 23 March 2023 2:20 PM IST (Updated on: 24 March 2023 12:00 PM IST)

Bharat Ke Sabse Famous Baba: भारत अपनी संस्कृति और सभ्यता के लिए जाना जाता है लेकिन वहीँ ये भी सच है कि सबसे ज़्यादा अंधविश्वास भी इसी देश में है। जिसका कई लोग कभी कभी गलत फायदा भी उठा लेते हैं। साथ ही ये दावा नहीं किया जा सकता कि इसमें कितना सच है और कितना झूठ। हमारा उद्देश्य आपकी भावनाओं और मान्यताओं पर सवाल खड़े करना नहीं बल्कि सच सामने लाना है। साथ ही हमने विशेषज्ञ पंडित से भी इस बारे में बात की और उन्होंने हमे हमारे सभी सवालों का जवाब भी दिया। आइये जानते हैं कि इस बारे में क्या कहा विशेषज्ञ पंडित ने।

क्या सच में चमत्कारी होते हैं बाबा?

पिछले कुछ वर्षों में,चमत्कारी बाबाओं ने अपने चमत्कारों से सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। जिसके चलते वो न्यूज़ की हेडलाइंस बन गए हैं। वहीँ लोग भी उन्हें भगवान की तरह पूजते हैं। लेकिन ये कितना सच है और क्या लोगों के विश्वास सही है ये शोध का विषय बन गया है।आज इन्हे कुछ सवालों का जवाब हम आपके लिए लेकर आये हैं।

क्या चमत्कार पर विश्वास करना चाहिए ?
ये लोगों की मान्यताओं पर निर्भर करता है, जहाँ विश्वास है वहां चमत्कार भी संभव है।

क्या कोई ये बता सकता है कि किसे अच्छा वर मिलेगा या नहीं?
ये सब कुंडली और भाग्य पर निर्भर करता है।

क्या कोई बाबा हमे बता सकते हैं कि जीवन में लक्ष्मी या धन कब आएगा?
हम इसके लिए आपको सुझाव और उपाय बता सकते हैं। इसे आप कितनी श्रद्धा से करते ये आप पर निर्भर करता है।

कुंडली में मृत्यु का योग है ये बताया जा सकता?
काफी हद तक कुंडली और ग्रहों की चाल को देखकर समझा जा सकता है कि जीवन में कब कष्ट आने वाला है।

क्या कोई साधु महात्मा या बाबा हमारे भाग्य को बदल सकता है?
कोई बाबा या कोई भी मेरे अनुसार ऐसा नहीं कर सकता ये सब ग्रहों की चाल और आपके कर्म और भाग्य पर निर्भर करता है।

पंडित विजय मिश्रा
विशेषज्ञ

क्या आपको इस तरह के चमात्काओं पर विश्वास करना चाहिए?

क्या सच में भारत में बाबा चमत्कार कर सकते हैं? क्या लोगों का उनपर अटूट विश्वास सही है? ये कुछ ऐसे सवाल है जो अक्सर हम सभी के मन में आते रहते हैं। लेकिन इसका कोई भी सही सही जवाब देने में सक्षम नहीं हो पाया है। वो कहते हैं न मनो तो भगवन वार्ना पत्थर। ऐसा ही कुछ लोगों का विश्वास बाबा पर भी होता है। कुछ को ये चमत्कार लगता है तो कोई इसे बस अन्धविश्वास और आँखों का धोखा मानते हैं। यूँ तो भारत को साधु और संतों की भूमि कहा और माना जाता है। वहीँ यहाँ कई ऐसे बाबा हुए हैं जिन्होंने अपनी अलौकिक शक्तियों से लोगों का विश्वास जीता। आज हम ऐसे ही कई बाबाओं के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपनी शक्तियों से सभी को चकित कर दिया।


अपने चमत्कारों से फेमस हुए ये बाबा

अपने चमत्कारों से किया इन बाबाओं ने सभी को हैरान कर दिया। आज हम उन्ही की एक लिस्ट लेकर आपके सामने आये है।

धीरेंद्र कृष्ण 'गर्ग,(बागेश्वर धाम सरकार )

धीरेंद्र कृष्ण 'गर्ग,(बागेश्वर धाम सरकार ) अपने चमत्कारों को लेकर आजकल खूब चर्चा में हैं। वहीँ लोगों के मन में भी इसको लेकर कई तरह के सवाल हैं। आपको बता दें कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में प्रसिद्ध धार्मिक तीर्थ स्थल बागेश्वर धाम सरकार के महाराजा हैं। वो पंडित कृष्ण शास्त्री बागेश्वर वाले महाराज के नाम से लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। कहते हैं कि बागेश्वर धाम बाबा के अंदर अलौकिक शक्तियां हैं जिससे वो लोगों के मन की बात जान लेते हैं और उनकी समस्या का समाधान भी कर देते हैं। समय समय पर वो रामकथा के साथ ही दिव्य दरबार भी लगाते हैं, जिसमें वो अपने चमत्कारिक रूप से लोगों के दु:ख दूर करते हैं।

धीरेंद्र ब्रह्मचारी

भारतीय रासपुतिन' कहे जाने वाले, धीरेंद्र ब्रह्मचारी का प्रारंभिक जीवन रहस्य में डूबा हुआ है और उनकी उम्र कई अटकलों का स्रोत रही है। दूसरी बात जिस पर काफी हद तक अनुमान लगाया गया है कि उनके पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के साथ काफी घनिष्ट संबंध थे, जिन्हें उन्होंने योग सिखाया था। जाहिर है, उन्हें जवाहरलाल नेहरू ने अपनी बेटी के स्वास्थ्य के हित में ऐसा करने के लिए आमंत्रित किया था। कहा जाता है कि उन्होंने अपनी ओर से कुछ शीर्ष-स्तरीय राजनीतिक कार्यों को अंजाम दिया, खासकर आपातकाल के दौरान। कहा जाता है कि वो आने वाले समय के बारे में जान लेते थे। उन्होंने जून, 1994 की शुरुआत में अपनी मृत्यु की भविष्यवाणी की। उसी महीने की 9 तारीख को उनका निजी विमान मंतलाई, जम्मू के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया।


निर्मल बाबा

चमत्कारी बाबाओं में निर्मल बाबा का नाम कैसे कोई भूल सकता है। उन्हें टोटकों द्वारा लोगों की मुश्किलें दूर करने वाला कहा जाता रहा है। बाबा पर एक व्यक्ति द्वारा आरोप लगाया गया कि बाबा ने पहले उसे खीर खाने की सलाह दी। इससे उसे शुगर की बीमारी हो गई। जिसके बाद से ही निर्मल बाबा ने दरबार लगाना बंद कर दिया।

सत्य साई

श्री सत्य साईं का जन्म आंध्र प्रदेश के जिले अनंतपुर के एक अल्पविकसित गाँव पुट्टपर्ती में हुआ था। वो श्री पेदू वेंकप्पाराजू एवं माँ ईश्वराम्मा की आठवीं संतान थे। कहा जाता है कि जब श्री सत्य का जन्म हुआ उस समय घर में रखे सभी वाद्ययंत्र स्वत: बजने लगे और एक रहस्यमय नाग बिस्तर के नीचे से फन निकालकर छाया करता पाया गया। बाबा के चमत्कारों के कई अनूठे किस्से हैं वहीँ लोग भी उनपर अपनी अटूट श्रद्धा रखते हैं। लेकिन कई बार तथ्य, ‍विज्ञान और हाथों की कलाकारी के मद्देनजर पर उन पर संदेह भी किए जाते रहे हैं। लेकिन देश-विदेश में बसे अनेक साईं भक्तों से, उनके घरों में सभी देवी-देवताओं की मूर्तियों तथा चित्रों से विभूति, कुमकुम, शहद, रोली, गुलाल निकलना, हाथों की छाप मिलना, अदृश्य होकर प्रसाद ग्रहण करना, मांगलिक कार्यों में आत्मिक उपस्थिति, पीले लिफाफे पर स्वास्तिक चिन्ह के साथ बाबा का आशीर्वाद मिलने जैसे सैकड़ों अनुभव किये हैं।

देवरहा बाबा

भारत भूमि हमेशा से ऋषि-मुनियों की भूमि रही है। हिंदू धर्म में तो सैकड़ों वर्षों से योगियों, संतों और सन्यासियों का वर्णन मिलता है।इन्हीं में एक हैं देवरहा बाबा भी रहे हैं उत्तर प्रदेश के देवरिया के सिद्ध महायोगी बाबा को 'देवरहा बाबा' कहते हैं। उनके अंदर भी अलौकिक तेज था। देवरहा बाबा की ख्याति दूर-दूर तक थी। उनके दर्शन के लिए देश-विदेश से लोग आते थे। बाबा के भक्तों में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, राजेन्द्र प्रसाद, मदन मोहन मालवीय, पुरुषोत्तम दास टंडन जैसे लोग शामिल रहे। उन्होंने जनसेवा में अपना जीवन व्यतीत किया।

श्री ह‍ित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज

बाबा हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज वृंदावन में रहते हैं। वो मूलत: कानपुर के सरसौल ब्लॉक के अखरी गांव के निवासी हैं। लोगों की उनपर अटूट आस्था है। उनके प्रवचन लोग काफी मन्त्रमुघ होकर सुनते रहे हैं। उनके पिता का नाम शंभू पांडेय है। माता का नाम राम देवी है। जन्म के बाद महाराज को अनिरुद्ध कुमार पांडेय के नाम से प्रसिद्धि मिली।



Shweta Shrivastava

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