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कैल्शियम की अधिकता डाल सकती है परेशानी में, कैंसर बनने से पहले करें इसकी रोकथाम

कैल्शियम एक रासायनिक तत्‍व है, जिसकी मानव शरीर को बहुत आवश्‍यकता होती है। लेकिन क्या आपको पता है जरुरत से ज्यादा कैल्शियम भी शरीर को नुक्सान पहुँचता है।

Preeti Mishra
Report Preeti MishraPublished By Vidushi Mishra
Published on: 10 March 2022 8:12 PM IST
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कैल्शियम की अधिकता (फोटो-सोशल मीडिया)

शरीर में कैल्शियम की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। कैल्शियम शरीर की हड्डियों, कोशिका, नसों, रक्त, मांसपेशियों और हृदय के लिए बहुत आवश्यक होता है। मानव शरीर में कैल्शियम सबसे ज्यादा पाया जाता है। इसका लगभग 99 प्रतिशत हिस्सा हमारी हड्डियों और दांतों में होता है जबकि एक प्रतिशत हिस्सा रक्त और मांसपेशियों में होता है।

कैल्शियम एक रासायनिक तत्‍व है, जिसकी मानव शरीर को बहुत आवश्‍यकता होती है। लेकिन क्या आपको पता है जरुरत से ज्यादा कैल्शियम भी शरीर को नुक्सान पहुँचता है। ब्लड में कैल्शियम अधिक होने के कारण यह शरीर के दूसरे अंगों को प्रभावित करने लगता है। इसके चलते मांसपेशियों, किडनी, रक्त नली, मस्तिष्क आदि में कैल्शियम जमा होने लगता है।

यह प्रक्रिया होने में वर्षों लग जाते हैं ऐसे में बीमारी की पहचान भी देरी से हो पाती है। जो बाद में चलकर कैंसर तक का रूप ले सकती है। पैराथायराइड हार्मोन शरीर का एक बहुत जरुरी हार्मोन है, जो शरीर में मौजूद रक्त में से कैल्शियम की मात्रा को नियंत्रित करता है। अगर यह हार्मोन सही से काम करना बंद कर दे तो शरीर कई गंभीर समस्याओं से घिर जाता है। पूरे विश्व में जुलाई का महीना पैराथायराइड जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। ताकि सभी लोग इसके प्रति जागरूक होकर इससे बचाव कर सकें।

पैराथायराइड क्या है ?

गले में थायराइड ग्रंथि के पीछे स्थित होने वाली चार एंडोक्राइन ग्रंथिया हीं पैराथायराइड होती है। इसका आकार मटर के दानों के बराबर होता है। पैराथायराइड एक हार्मोन बनाती है जो हार्मोन शरीर के लिए बेहद महत्वपूर्ण रोल अदा करता है। पैराथायराइड हार्मोन शरीर का एक बहुत जरुरी हार्मोन होता है। इस हार्मोन का काम शरीर में मौजूद रक्त में कैल्शियम की मात्रा को नियंत्रित करना होता है। अगर इन चारों ग्रंथियों में ट्यूमर हो जाए तो उससे बहुत अधिक मात्रा में पीटीएच हारमोन (PTH) बनने लगता है। यह हारमोन हड्डियों से कैल्शियम को निकालकर रक्त में विस्थापित कर देता है। जिसके कारण हड्डियां धीरे-धीरे खोखली होने लगती हैं।

इसके अलावा पैराथायराइड हार्मोन में गड़बड़ी के कारण मांसपेशियों, किडनी, रक्त नली, मस्तिष्क आदि में भी कैल्शियम जमा होने लगता है। चूँकि इस प्रक्रिया को होने में वर्षों लग जाते हैं , इसलिए ऐसी बीमारी की पहचान भी देरी से हीं हो पाती है। रक्त में कैल्शियम की मात्रा ज्यादा होना हाइपरकैल्शियमिया कहलाता है। शरीर में कैल्शियम की अधिकता से किडनी ब्लॉक तक हो जाती है। कैल्शियम और विटामिन डी ज्यादा खाने पर हाइपर थॉयराइड भी बढ़ जाता है। जिससे कई गंभीर समस्याओं से शरीर घिर जाता है।

इलाज

इंडो क्राइन सर्जरी से ही इसका इलाज संभव है। जानकारों के मुताबिक किडनी रोग से पीड़ित मरीज या डायलिसिस के मरीज़ों में पैरा थायराइड ग्रंथि बढ़ जाने की सम्भावना ज्यादा होती है। अगर इसका सही समय पर इलाज और रोकथाम नहीं किया गया तो इससे पैरा थायराइड कैंसर होने की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं। इसलिए पूरे विश्व में जुलाई का महीना पैराथायराइड हार्मोन के प्रति जागरूकता फ़ैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। क्योंकि इस बीमारी में जागरूकता ही समाधान है।



Vidushi Mishra

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