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कार्डियक अरेस्ट ने ली एक और जान, जानिए क्या हैं इसके कारण व कैसे होता है इलाज?

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Published on: 18 May 2017 2:57 PM IST
कार्डियक अरेस्ट ने ली एक और जान, जानिए क्या हैं इसके कारण व कैसे होता है इलाज?
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vardiac arrest attack

लखनऊ: कल तक जो एक्ट्रेस (रीमा लागू) सीरियल के लिए हंसती-खिलखिलाती शूटिंग के सेट पर नजर आती थी, अचानक से उन्हें जरा सा दिल का दौरा पड़ गया। उनके चाहने वालों ने उनके लिए दुआएं भी की। पर किस्मत को मंजूर नहीं था और जब वह हॉस्पिटल में एडमिट थी, तो उनके फैंस उनके लिए दुआ कर रहे थे कि वो ठीक हो जाएं, पर नियति को कुछ और मंजूर था।

मुंबई के कोकिलाबेन हॉस्पिटल में उन्होंने आखिरी सांसें ली। डॉक्टर्स ने बताया कि उन्हें कार्डियक अरेस्ट (हार्ट बीट रुकना) की प्रॉब्लम हो गई थी और उसके बाद वह नहीं रही।

लेकिन वहीं कई लोग ऐसे भी हैं, जो कि इस कार्डियक अरेस्ट के बारे में नहीं जानते हैं। वह इसे हार्ट अटैक ही समझते हैं, लेकिन आपको बता दें कि कार्डियक अरेस्ट, हार्ट अटैक से बिलकुल अलग होता है।

यह होता है कार्डियक अरेस्ट: डॉक्टर्स की मानें तो जब किसी इंसान का हार्ट वल्ड सर्कुलेशन बंद कर देता है, तो कार्डियक अरेस्ट का अटैक होता है। इस सिचुएशन में दिल काम करना बंद कर देता है, इसमें सांस आना बंद हो जाती है। अगर ऐसा किसी के साथ होता है, तो उसे तुरंत हॉस्पिटल ले जाना चाहिए, नहीं तो उसकी जान को खतरा हो सकता है।

आगे की स्लाइड में जानिए क्या है कार्डियक अरेस्ट का कारण

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कार्डियक अरेस्ट के कारण: लोगों में कार्डियक अरेस्ट के अटैक का सबसे बड़ा कारण है एब्नार्मल हार्ट रेट, वेंट्रिकुलर फिब्रिलेशन (वीएफ) जब ब्लड में ज्यादा मात्रा में फाइब्रिनोजन पाया जाता है, तो हार्ट ब्लड का सर्कुलेशन रोक देता है। यही वजह है कि सांस आना बंद हो जाती है और कार्डियक अरेस्ट का अटैक होता है।

ऐसे होता है कार्डियक अरेस्ट का इलाज: अगर किसी को कार्डियक अरेस्ट का अटैक आता है, तो उसे तुरंत इलाज की जरुरत होती है। अगर ऐसा नहीं किया जाए, तो इसमें पेशेंट की जान भी जा सकती है। कार्डियक अरेस्ट के पेशेंट की डिफिब्रिलेटर से ही बचने की उम्मीद होती है, वो भी तब जब सूए तुरंत ट्रीटमेंट मिले। वेंट्रिकुलर फिब्रिलेशन का इलाज है हार्ट पर बिजली के झटके देना, जो कि डिफिब्रिलेटर नाम की डिवाइस से दिए जाते हैं। डिफिब्रिलेटर को एम्बुलेंस, हॉस्पिटल में दिया जा सकता है। इसके साथ ही सीपीआर का यूज तुरंत ऑक्सीजन देने के लिए किया जा सकता है।

आगे की स्लाइड में जानिए क्या है हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में अंतर

वैसे तो कार्डियक अरेस्ट की वजह से लोगों को हार्ट अटैक भी आ सकता है पर वास्तव में इन दोनों में अंतर है।

हार्ट अटैक: हार्ट अटैक में अचानक ही हार्ट की किसी मसल में ब्लड सर्कुलेशन बंद हो जाता है, जिसके कारण हार्ट को परमानेंट डैमेज होता है। लेकिन हार्ट की इस सिचुएशन में भी बॉडी के दूसरे हिस्सों में ब्लड का सर्कुलेशनठीक तरीके से होता है। इस सिचुएशन में इंसान केवल बेहोश रहता है।

कार्डियक अरेस्ट: कार्डियक अरेस्ट में हार्ट अचानक ही ब्लड का सर्कुलेशन बंद कर देता है। इससे सांस नहीं आती है और इंसान कोमा में चला जाता है। जिन लोगों को हार्ट अटैक की प्रॉब्लम होती है, उनमें कार्डियक अरेस्ट का खतरा और भी बढ़ जाता है। हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट, दोनों के ही पेशेंट्स को जल्दी से जल्दी इलाज उपलब्ध करवाना चाहिए।



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