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Chanakya Niti: अपने जीवन में भूलकर भी मत करीयेगा इन 5 स्त्रियों का अपमान, माँ लक्ष्मी हो जातीं हैं रुष्ट
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने कुछ ऐसी स्त्रियों के बारे में बताया है जिनका आपको हमेशा सम्मान करना चाहिए।
Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य ने कुछ ऐसी स्त्रियों के बारे में बताया है जिनका आपको हमेशा सम्मान करना चाहिए। इनका अपमान करने पर माँ लक्ष्मी आपसे रुष्ट हो जातीं हैं। आइये जानते हैं कौन हैं ये महिलाएं जिनका भूलकर भी आपको कभी अपमान नहीं करना चाहिए।
भूलकर भी न करें इन महिलाओं का अपमान
आचार्य चाणक्य ने अपनी पुस्तक चाणक्य नीति में कई ऐसी बातें लिखीं हैं जिन्हे अगर आप आज के समय पढ़ते हैं और इसे अपने जीवन में आत्मसात करते हैं तो आपको सफलता मिलना निश्चित है। वो मौर्या वंश में चन्द्रगुप्त मौर्या साम्राज्य में महामंत्री थे उन्होंने अपने कूटनीति से कई देशों पर विजय प्राप्त करने में राजा की सहायता की। उनकी सूझ बूझ और चन्द्रगुप्त मौर्या के साहस का परिणाम ही था जो उन्होंने कई राज्यों को अपने आगे नतमस्तक कर दिया था। ऐसे में चाणक्य नीति में लिखीं बातें वो खज़ाना है जो हमे हमारे इतिहास की देन हैं।
माँ
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि माता-पिता धरती पर ईश्वर की तरह पूजनीय हैं। वहीँ उनकी पुस्तक में ये भी लिखा है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी माँ का सम्मान ज़रूर करना चाहिए। माता-पिता के चरणों में ही स्वर्ग है। इसलिए माँ का कभी अपमान न करें उनकी हमेशा निस्वार्थ भावना से सेवा करें। अगर माँ की दुआएं साथ होतीं हैं तो हर मुश्किल आसान हो जातीं हैं।
आपके गुरु की पत्नी
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि गुरु की पत्नी भी मां की तरह ही होतीं हैं। उन्हें भी माँ क सामान ही दर्जा दिया जाना चाहिए। साथ ही उन्हें सदैव आदर और सम्मान की भावना के साथ व्यवहार करना चाहिए। गुरु की सेवा से ही आपको जीवन में सफलता मिलेगी। ऐसे में जब आप अपने गुरु का सम्मान करते हैं तो आपको उनकी पत्नी यानि गुरु माँ का भी उतना ही सम्मान करना चाहिए।
राजा की पत्नी
आचार्य चाणक्य ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि राजा की पत्नी को भी माँ माना जाता है। आचार्य जी का कहना था कि जैसे एक राजा अपनी पूरी प्रजा को संतान की तरह पालता है और उसकी रक्षा करता है। वैसे ही एक राज्य की रानी भी राज्य की माँ के सामान है और राजा और रानी को माता पिता की तरह ही पूजना चाहिए।
सास भी मां के समान
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि पति या पत्नी की माँ भी आपकी अपनी माँ की ही तरह होती है इसलिए उन्हें भी माँ के तरह ही सम्मान देना चाहिए और उनका अपमान भूलकर भी नहीं करना चाहिए। इतना ही नहीं सास का सम्मान करने से आपके परिवार में सौहार्द और समरसता बनी रहती है। साथ ही इससे आपसी सम्बन्ध भी मधुर बने रहते हैं।
मित्र की पत्नी
आचार्य चाणक्य ने अपनी पुस्तक चाणक्य नीति में लिखा है कि आपको अपने मित्र के साथ ईमानदार होना चाहिए। ऐसे में आपको हमेशा मित्र की पत्नी का भी सम्मान करना चाहिए। मित्र की पत्नी को भी हमेशा सम्मान देना चाहिए।