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Childrens Day 2022: जानें क्यों मनाते है बाल दिवस, क्या हैं इसका महत्व और इतिहास

Childrens Day 2022: लोग इस विशेष दिन को पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती के रूप में मनाते हैं। इस दिन को मनाते हुए लोग सबसे महान नेता और भारत के पहले प्रधान मंत्री को श्रद्धांजलि देते हैं।

Durgesh Sharma
Written By Durgesh Sharma
Published on: 14 Nov 2023 8:15 AM IST (Updated on: 14 Nov 2023 8:22 AM IST)
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Children's Day 2022 (Social Media)

Children Day 2022: भारत में प्रति वर्ष बाल दिवस 14 नवंबर को मनाया जाता है। लोग इस विशेष दिन को पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती के रूप में मनाते हैं। इस दिन को मनाते हुए लोग सबसे महान नेता और भारत के पहले प्रधान मंत्री को श्रद्धांजलि देते हैं। चिल्ड्रेन डे को बाल दिवस के रूप में भी जाना जाता है।

Children's Day 2022: क्यों मनाया जाता है?

भारत के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर, 1889 को हुआ था। उन्हें गुलाब का बहुत शौक था और वे बच्चों से बहुत प्यार करते थे। जवाहर लाल नेहरू का मानना था कि बच्चे इस देश के भविष्य हैं और अगर उनके साथ अच्छा व्यवहार किया जाए और उन्हें शिक्षित किया जाए तो वे समाज में बेहतर योगदान दे सकते हैं।

यह उनकी दूरदर्शी सोच थी जिसने भारत के सभी उम्र के लोग, बच्चों को अधिक शिक्षा और रहने की सुविधाओं का मार्ग प्रशस्त किया। अपने एक भाषण के दौरान उन्होंने कहा था कि, "आज के बच्चे कल के भारत होंगे। जिस तरह से हम उन्हें बड़ा करेंगे, वह देश का भविष्य तय करेंगे।"

1964 में जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद, संसद में उन्हें सम्मानित करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसमें उनकी जयंती को बाल दिवस की आधिकारिक तिथि घोषित किया गया था। इससे पहले, भारत 20 नवंबर को बाल दिवस मनाता था क्योंकि संयुक्त राष्ट्र ने 1954 में इस दिन को सार्वभौमिक बाल दिवस घोषित किया था।

इसके बाद पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती के उपलक्ष्य में भारत में बाल दिवस मनाया जाता है। पंडित नेहरू को सभी बच्चे प्यार से चाचा नेहरू कहते हैं और इसलिए यह दिन भारत के पहले प्रधान मंत्री की जयंती को याद करने के लिए एक यादगार दिन है।

Children's Day 2022: जवाहर लाल नेहरू के बारे में 10 रोचक तथ्य

  • जवाहरलाल नेहरू ने अपना बचपन आनंद भवन में बिताए और उसी में पले-बढ़े। आनंद भवन का पहले का नाम स्वराज भवन था जिसका निर्माण उनके पिता मोतीलाल नेहरू ने वर्ष 1930 में कराया था। बाद में इसे वर्ष 1970 में इंदिरा गांधी द्वारा एक संग्रहालय और नेहरू तारामंडल (Planetarium) में परिवर्तित कर दिया गया।
  • जवाहरलाल नेहरू को पंडित नेहरू भी कहा जाता हैं क्योंकि वे कश्मीरी पंडित समुदाय से थे।
  • मोतीलाल नेहरू चाहते थे कि उनका बेटा जवाहरलाल अपनी स्वराज पार्टी में शामिल हो जाए और कांग्रेस छोड़ दे। लेकिन जवाहरलाल अपने पिता की इच्छा के विरुद्ध कांग्रेस के प्रति वफादार रहे और गांधी जी के साथ रहना पसंद किए।
  • वह 1907 में ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज गए 1910 में और ऑनर्स डिग्री के साथ ग्रेजुएट हुए।
  • भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने के लिए अहमदनगर में 1942 से 1946 के कारावास के दौरान उनके द्वारा "डिस्कवरी ऑफ इंडिया" पुस्तक लिखी गई।
  • पंडित जी 1927 में पूर्ण राष्ट्रीय स्वतंत्रता का विचार दिया था और आईसीएस (भारतीय सिविल सेवा) सहित ब्रिटिश साम्राज्य से भारतीयों को जोड़ने वाले सभी संबंधों से परहेज किया था।
  • उन्होंने 15 अगस्त 1947 को प्रधान मंत्री के कार्यालय का कार्यभार संभाला और प्रसिद्ध भाषण "ट्रिस्ट विद डेस्टिनी" (नियति से साक्षात्कार) दिया। नेहरू को आधुनिक भारत का निर्माता कहा जाता है।
  • जवाहरलाल नेहरू के दिल्ली स्थित आवास 'तीन मूर्ति भवन' को 'नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय' में बदल दिया गया। देश में पांच नेहरू तारामंडल (Planetarium) मुंबई, दिल्ली, बैंगलोर, इलाहाबाद और पुणे में स्थापित किए गए थे।

जवाहर लाल नेहरू द्वारा लिखित प्रसिद्ध पुस्तकें -

  • भारत की खोज (The Discovery of India)
  • विश्व इतिहास की झलकियाँ (Glimpses of World History)
  • पुराने पत्रों का गुच्छा (The Bunch of Old Letters)
  • एक पिता का अपनी बेटी के नाम पत्र (Letter from a Father to his Daughter)


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Durgesh Sharma

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