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Nitish Kumar Son: राजनीति से दूर क्या करते हैं नीतीश कुमार के इकलौते बेटे, कितनी की है पढ़ाई, जानें सबकुछ
Nitish Kumar Son Details: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे का नाम निशांत कुमार (Nishant Kumar) है, जो राजनीति से दूर रहना पसंद करते हैं।
Nitish Kumar Son Profession In Hindi: जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार (Nitish Kumar) बिहार की सत्ता संभाले हुए हैं। उनके अलावा परिवार का कोई भी सदस्य पॉलिटिक्स में एक्टिव नहीं हैं। उनके भाई-बहन समेत पूरा परिवार राजनीति और लाइमलाइट से दूर रहना पसंद करता है। यहां तक उनके इकलौते बेटे ने भी पॉलिटिक्स से दूरी बनाई हुई है। उनके बेटे का नाम निशांत कुमार (Nishant Kumar) है, जो नीतिश कुमार और उनकी पत्नी की इकलौती संतान हैं। आइए जानते हैं राजनीति से दूर निशांत किस फील्ड में एक्टिव हैं और कितना पढ़े-लिखे हैं।
कौन हैं नीतीश कुमार के बेटे (Nitish Kumar Ka Beta Kon Hai Details In Hindi)
कुर्मी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले नीतीश कुमार ने साल 1973 में मंजू कुमारी सिन्हा से शादी रचाई थी। जिनके साथ उनका एक बेटा है। उनके बेटे का नाम निशांत कुमार (Nishant Kumar) है, जिनका जन्म 20 जुलाई 1975 को हुआ था। अभी वह 49 साल के हैं। निशांत लाइमलाइट से दूर रहना पसंद करते हैं और सिंपल लाइफ जीते हैं। मुख्यमंत्री का बेटा होने के बावजूद उन्हें कम ही लोग जानते हैं।
कितने पढ़े-लिखे हैं निशांत कुमार (Nishant Kumar Education In Hindi)
बात करें निशांत कुमार की पढ़ाई-लिखाई की तो उन्होंने पिता की तरह इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। उन्होंने बीआईटी मेसरा से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है। वह शुरू से ही पढ़ाई-लिखाई में तेज थे। बता दें नीतीश कुमार भी एक इंजीनियर हैं। उन्होंने 1972 में बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (अब एनआईटी पटना) से विद्युत इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की थी।
क्या करते हैं निशांत कुमार (Nishant Kumar Profession In Hindi)
भले ही निशांत कुमार ने पिता की तरह इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है, लेकिन उनकी तरह राजनीति में नहीं आना चाहते हैं। उनका पॉलिटिक्स में मन नहीं लगता है। इस साल जब उनके पॉलिटिक्स ज्वाइन करने की अटकलें लगनी शुरू हुईं तो उन्होंने ही इन अफवाहों पर पूर्ण विराम लगा दिया और कहा कि वह आध्यात्म के रास्ते पर चल रहे हैं।
इससे पहले भी वह कई बार ऐसी अफवाहों को खारिज कर चुके हैं। उनका कहना है कि वो कभी भी अपने पिता की तरह राजनीति में नहीं आएंगे। वो अपना जीवन आध्यात्म की राह में ही जीना चाहते हैं। वह पॉलिटिक्स ज्वाइन करना तो दूर बल्कि पिता की राजनीतिक सभाओं या राजनीतिक कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेने से बचते हैं।