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Zakir Khan Shayari: जाकिर खान के बर्थडे पर पढ़ें उनकी एक तरफा प्यार वाली शायरियां
Zakir Khan Birthday: भारत के मशहूर स्टैंडअप कॉमेडियन जाकिर खान बहुत अच्छी शायरी भी लिखते हैं। यहां पढ़ें उनकी लव वाली शायरियां।
Zakir Khan Birthday: भारत के मशहूर स्टैंडअप कॉमेडियन जाकिर खान (Zakir Khan) आज, मंगलवार को अपना 37वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनका जन्म 20 अगस्त 1987 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। 'सख्त लौंडा' पंचलाइन से लोगों के दिलों में जगह बनाने वाले जाकिर के आज विदेशों में भी शोज हाउसफुल रहते हैं। कॉमेडी के अलावा लोग उनकी शायरी और किस्सों को भी सुनना काफी पसंद करते हैं। आज कॉमेडियन के जन्मदिन के मौके पर हम आपके लिए उनकी कुछ लव रोमांटिक, बेवफा शायरी (Zakir Khan Ki Shayari) लेकर आए हैं। जिन्हें पढ़कर आप भी उनकी तारीफ करते नहीं थकेंगे।
जाकिर खान शायरी (Zakir Khan Shayari In Hindi)
1- इश्क को मासूम रहने दो
नोटबुक के आखिरी पन्ने पर।
आप उसे किताबों में डालकर मुश्किल ना कीजिए।
2- वो तितली की तरह आई और
जिंदगी को बाग कर गई,
मेरे जितने नापाक थे इरादे
उन्हें भी पाक कर गई।
3- इंतकाम सारे पूरे किए, पर इश्क अधूरा रहने दिया।
बता देना सबको की, में मतलबी बड़ा था।
हर बड़े मुकाम पे तन्हा ही मैं खड़ा था।
4- हर एक दस्तूर से बेवफाई मैंने शिद्दत से हैं निभाई
रास्ते भी खुद हैं ढूंढे और मंजिल भी खुद बनाई।
5- हम दोनों में बस इतना सा फर्क है,
उसके सब “लेकिन” मेरे नाम से शुरू होते हैं
और मेरे सारे “काश” उस पर आ कर रुकते हैं..
6- मेरे इश्क़ से मिली है
तेरे हुस्न को ये शोहरत,
तेरा ज़िक्र ही कहां था,
मेरी दास्तान से पहले।
7- मुझे दोजख से उठाकर,
जन्नत के साथ रख दिया।
उसने शर्ट पर चूमा,
फिर गाल पर हाथ रख दिया।
हमें भी नुमाइश की तलब थी बहुत,
उसने भी सरेआम हाथ थामा,
फिर हाथ पर हाथ रख दिया।
8- तेरे मिलने के वादे पर यकीन है मुझे।
मगर तू रास्ते में रूकता बहुत है।
जैसे अंदरूनी कोई घाव,
दिखता भले ना हो पर दुखता बहुत है।
9- हमारा इश्क का तजुर्बा ही कम रह गया,
या मुमकिन है उसका इरादा ही कम रह गया।
उनके निभाने में कसर कोई कम ना थी,
जो किया था वादा बस वो ही कम रह गया।
दीवानगी की तलब तो बहुत थी हममें,
इस इरादे में उनका हुस्न ही कम रह गया।
10- इस दुनिया में आज तक की, पढ़ी-सुनी हुई हर भाषा।
और उनमें लिखा अब तक का सारा साहित्य,
जहां स्नेह का विवरण किया गया हो।
वो कम पड़ने लगता है।
जब मैं तुम्हें, ये बताने की कोशिश करता हूं।
कि तुमसे कितना प्रेम है मुझे।
तुम्हारे पास न होने की कुंठा
और साथ न होने की निराशा बहुत है मुझे।
पर, मेरा शब्दों के अभाव से भरा, ये अक्षम जीवन।
सिर्फ तुम्हारे देखने भर से साकार भी होता है।
11- बस, इन्हीं चीजों में,
रात भर, उलझा लिया खुद को।
तुम्हें सोचा,
और याद किया, फिर
समझा लिया खुद को।
12- अपने हालातों के हाथ नहीं आएंगे,
हम हार कर भी बाज नहीं आएंगे।
13- मेरे दो-चार ख्वाब हैं,
जिन्हें मैं आसमां से दूर चाहता हूं।
जिंदगी चाहे गुमनाम रहे,
पर मौत मैं मशहूर चाहता हूं।
14- मेरी जमीन तुमसे गहरी रह गई।
वक्त आने दो, आसमान भी तुमसे ऊंचा रहेगा।
15- लगता है जैसे मैं वक्त हो गया हूं और तुम कयामत।
सदियों से बस एक उम्मीद है तुम्हें पाने की, जो रूकने नहीं देती मुझे।
यकीन है कि तुम आओगी एक दिन,
दावा है मेरा कयामत होगी उस रोज।