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सावधान! इन खानों का सेवन देता है कैंसर को आमंत्रण
वैज्ञानिकों के अनुसार कैंसर के लगभग 70 प्रतिशत मामले सिर्फ खाने के जरिए घटाए जा सकते हैं जबकि बाकी 30 प्रतिशत मामले जेनेटिक्स (genetics) और वातावरण से जुडित होते हैं।
Food to Avoid: अच्छा खाओ अच्छा सोचो यही है स्वस्थ जीवन के अनमोल वचन। बता दें कि अच्छा खाना (healthy diet) आपकी अच्छी सेहत का राज होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि खाने की कई ऐसी चीजें, जो आप लगभग रोज खाते हैं और वो कैंसर का कर्क हो सकती हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार कैंसर के लगभग 70 प्रतिशत मामले सिर्फ खाने के जरिए घटाए जा सकते हैं जबकि बाकी 30 प्रतिशत मामले जेनेटिक्स (genetics) और वातावरण से जुडित होते हैं। जिनमें कुछ प्रमुख हैं :
डिब्बाबंद प्रिजर्वेटिव अचार
बता दें कि व्यावसायिक स्तर पर अचार बनाने के लिए कई तरह के प्रिजर्वेटिव का इस्तेमाल किया जाता है। जिनमें नाइट्रेट, नमक और आर्टिफिशियल रंग इत्यादि शामिल होते हैं। गौरतलब है कि इन सभी सामग्रियों के ज्यादा सेवन से पाचन तंत्र यानी पेट और कोलोन कैंसर का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है।
अल्कोहल/शराब
शरीर में अत्यधिक मात्रा में पी गयी शराब का सबसे बुरा असर आपके लिवर और किडनी पर पड़ता है। कई शोध के अनुसार ज्यादा मात्रा में शराब पीना मुंह, इसोफेगस, लिवर, कोलोन और रेक्टम कैंसर के खतरे को काफी ज्यादा बढ़ा देता है।
कोल्डस्टोरेज फल
उल्लेखनीय है कि लंबे समय से कोल्डस्टोरेज में रखे हुए फल सफाई करने के बावजूद उनपर केमिकल की परत उतर नहीं पाती है। जो कैंसर होने का मुख्य कारण बनती है। . इसलिए निश्चित समय के बाद स्टोर किए हुए फलों को नष्ट कर देना ही उचित होता है।
मैदा
शरीर के लिए फाइबर बेहद जरुरी होता है। इसलिए चोकर वाला आटे की रोटी खाना स्वास्थ्य के लिए विशेष लाभदायक है लेकिन मैदा का सेवन सेहत के लिए बेहद ही ही खराब माना जाता है। उल्लेखनीय है कि आटे से मैदा बनाने की प्रक्रिया में कई कार्सिनोजेनिक तत्व निकलने के साथ मैदे को सफेद रंग देने के लिए उसे क्लोरीन गैस से भी गुजारा जाता है। ये तरीका बेहद ही खतरनाक और कैंसर की कारक मानी जाती है। गौरतलब है कि डायबिटीज से जूझ रहे लोगों के लिए मैदा बेहद खतरनाक माना जाता है क्योंकि इसके सेवन से ब्लड शुगर का स्तर काफी ज्यादा बढ़ जाता है।
माइक्रोवेव में तैयार किये गए पॉपकॉर्न
माइक्रोवेव में बनाया गया पॉपकॉर्न कैंसर होने का सबसे बड़ा कारण बन सकता है। बता दें कि माइक्रोवेव में पॉपकॉर्न डालने से परफ्यूरोक्टानोइक एसिड (perfluorooctanoic acid) बनता है जो एक तरह का सिंथेटिक रसायन होता है जिससे पैंक्रियाज, किडनी, ब्लैडर, लिवर और टेस्टिकुलर कैंसर भी हो सकता है। आमतौर पर पॉपकॉर्न एक अच्छा और हेल्थी स्नैक माना जाता है, लेकिन जो साधारण तरीके से बनाया गया हो उसे।
फार्म्ड सैल्मन मछली
हालाँकि सैल्मन मछली को प्रोटीन और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर माना जाता है। लेकिन आजकल मछली की बढ़ती मांग के कारण इसे पानी की टंकियों में भी पाला जाने के साथ उन्हें एंटीबायोटिक्स से भरी डायट भी दी जाती है ताकि वे बीमारियों से बची रहें। बता दें कि यही एंटीबायोटिक्स आपके भीतर पहुंचकर कैंसर का सबसे बड़ा कारण बन जाते हैं। कई शोध के अनुसार फार्म्ड सैल्मन में मर्करी और डाइऑक्सिन जैसे खतरनाक केमिकल्स भरपूर मात्रा में मौजूद होने के कारण ये सारे ही तत्व इंसानी स्वास्थ्य के लिए जानलेवा साबित होते हैं।
प्रोसेस्ड मीट
विशेषज्ञों के अनुसार प्रोसेस्ड मीट खाना कैंसर को दावत देने के बराबर है। बता दें कि मीट को सुरक्षित रखने के लिए जिस केमिकल का प्रयोग किया जाता है उसमें सोडियम का अधिक इस्तेमाल किया जाता है। गौरतलब है कि सोडियम से सोडियम नाइट्रेट बनता है जो कार्सिनोजेनिक होता है।
आलू चिप्स/पोटैटो चिप्स
बता दें कि आलू चिप्स में मौजूद बहुत ज्यादा नमक और सेच्युरेटेड वसा सेहत के लिए बेहद हानिकारक होता है। इतना ही नहीं चिप्स में मौजूद acrylamide नामक तत्व अपने-आप में कार्सिनोजेनिक केमिकल यानी कैंसर पैदा करने वाला रसायन माना जाता है।गौरतलब है कि ये केमिकल तेज आंच पर पके किसी भी खाने में पैदा हो सकता है, उल्लेखनीय है कि चिप्स भी इसी श्रेणी में आता है। इसके अलावा Acrylamide सिगरेट में भी पाया जाता है। इसके बाद आप खुद ही विचार कीजिये कि चिप्स खाना सेहत के लिए कितना ज्यादा खतरनाक हो सकता है।
सोडा
कई शोधों में इस बात की प्रमाणिकता मिली है कि सोडा का सेवन सेहत के लिए अत्यंत खतरनाक होता है। इतना ही नहीं चीनी, आर्टिफिशियल केमिकल और रंगों की वजह से ये कैंसर को भी दावत दे सकते हैं। लेकिन अगर आपको कैफीन लेने की अत्यधिक इच्छा हो रही हो, तो सोडा की बजाए हल्की चीनी वाली चाय या कॉफी लेना एक अच्छा और बेहतरीन विकल्प माना जाता है।
डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ:
गौरतलब है कि डिब्बाबंद या केन्ड खाने में नमक या चीनी की मात्रा बहुत ज्यादा मौजूद होती है। लेकिन सिर्फ यही स्वास्थ्य के नुकसान का कारण नहीं है बल्कि असल में जिस डिब्बे में खाना बंद रहता है वो ज्यादा खतरनाक माना जाता है। उल्लेखनीय है कि इन डिब्बों की अंदरुनी परत से खतरनाक केमिकल बीपीए होता है। ये एक तरह का पॉली कार्बोनेट है जो टिन के डिब्बों या प्लास्टिक में मौजूद होता है। बता दें कि इस केमिकल से हार्मोन्स बुरी तरह से प्रभावित होकर कैंसर का मुख्य कारक भी बनता है। ध्यान दें कि अगर डिब्बों में टमाटर रखा हों तो ये बेहद खतरनाक हो जाते हैं क्योंकि बीपीए अम्लीय चीजों से तुरंत प्रतिक्रिया करता है।