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गोमूत्र से बढ़ती है IMMUNITY, और भी कई बीमारियों के लिए है रामबाण
गोमूत्र को कांच और मिट्टी के बर्तन में छानकर रखें। इसे खाली पेट पीना चाहिए। इसको हमेशा निश्चित तापमान पर रखा जाना चाहिए। गोमूत्र को गर्मियों में कम पीना चाहिए। 8 साल से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती स्त्रियों को गोमूत्र नहीं देना चाहिए।बूढ़ी, अस्वस्थ और गाभिन गाय का मूत्र नहीं पीना चाहिए...
लखनऊ: हिंदू धर्म ग्रंथों के मुताबिक गाय की मां के रूप में पूजा की जाती है, और गोबर में लक्ष्मी और मूत्र में गंगा का वास कहा जाता है। आयुर्वेद में गोमूत्र का दवा के रूप में भी इस्तेमाल बताया गया है, लेकिन कुछ लोग गोमूत्र का नाम सुनते ही नाक सिकुड़ने लगते है। उन्हें शायद ये नहीं पता कि इसके इसके से कई लाइलाज बीमारियों का इलाज संभव है। शोध में वैज्ञानिकों ने पाया है कि इसमें 24 ऐसे तत्व हैं जो शरीर को स्वस्थ रखने की क्षमता रखते हैं। गोमूत्र के नियमित इस्तेमाल से कई बीमारियां खत्म होती है। इससे मौसम परिवर्तन के समय होने वाली कई बीमारियां दूर होती हैं। शरीर स्वस्थ और ऊर्जावान बना रहता है। इस तरह दवा की तरह गोमूत्र के इस्तेमाल से लगभग 108 रोग ठीक होते हैं। आज हम आपको बताएंगे कैसे इसके सेवन से बीमारियों से छुटकारा पा सकते है।
प्रतीकात्मक फोटो
कौन-सी बीमारी में फायदेमंद: अगर शरीर में खून की कमी है, तो गोमूत्र, त्रिफला और गाय का दूध मिलाकर पीने से एनीमिया की कमी दूर होती है। साथ ही खून भी साफ होता है। गोमूत्र पीने से ह्रदयगति ठीक रहता है, जिससे रक्त शुद्ध बनता है। ये शरीर में पहुंचकर बीमारियों को दूर करता हैं। गोमूत्र पीने से दिल और दिमाग दोनों ऊर्जावान बने रहते है। जोड़ों के दर्द को दूर करने के लिए सर्दियों में आप गोमूत्र को सोंठ के साथ पिएं तो लाभ मिलेगा। रोज सुबह पानी में गोमूत्र के साथ नमक और नींबू का रस मिला कर पिएं तो गैस की समस्या नहीं होती है। अगर आप एक गिलास पानी में चार बूंद गोमूत्र के साथ 2 चम्मच शहद और 1 चम्मच नींबू का रस मिला कर रोज पिएं तो वजन नहीं बढ़ेगा। इसको नियमित पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
ध्यान देने योग्य बातें: गोमूत्र को कांच और मिट्टी के बर्तन में छानकर रखें। इसे खाली पेट पीना चाहिए। इसको हमेशा निश्चित तापमान पर रखा जाना चाहिए। गोमूत्र को गर्मियों में कम पीना चाहिए। 8 साल से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती स्त्रियों को गोमूत्र नहीं देना चाहिए।बूढ़ी, अस्वस्थ और गाभिन गाय का मूत्र नहीं पीना चाहिए।