Dhanteras Puja Niyam: धनतेरस पर 13 दीये जलाने का क्या है महत्व, जानें सही दिशा भी

Dhanteras Ke Din 13 Diye Kyun Jalate Hai: धनतेरस के दिन 13 दीये जलाने की परंपरा है। इन 13 दीयों का बेहद महत्व होता है। इन्हें अलग-अलग स्थानों पर जलाया जाता है।

Shreya
Written By Shreya
Published on: 27 Oct 2024 10:30 AM GMT
Dhanteras Puja Niyam: धनतेरस पर 13 दीये जलाने का क्या है महत्व, जानें सही दिशा भी
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Dhanteras Diye (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Dhanteras Puja Niyam In Hindi 2024: हर साल दिवाली (Diwali) के दो दिन पहले कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस (Dhanteras) का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन भगवान धन्वंतरी, माता लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान धन्वंतरी की पूजा करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है। वहीं, माता लक्ष्मी और कुबेर देवता की पूजा-पाठ करने से आर्थिक स्थिति अच्छी होती है और घर में बरकत बनी रहती है।

साथ ही धनतेरस के दिन 13 दीये जलाने की भी परंपरा है। इन 13 दीयों का बेहद महत्व होता है। आइए जानते हैं धन त्रयोदशी (Dhanatrayodashi) के दिन तेरह दीए क्यों जलाते हैं और इन्हें किस दिशा में जलाना चाहिए (Dhanteras Ke Diye Kis Disha Mein Jalane Chahiye)।

धनतेरस के दिन 13 दीये क्यों जलाते हैं (Dhanteras Ke Din 13 Diye Kyu Jalate Hai)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

पंचांग के अनुसार, इस साल 29 अक्टूबर को धनतेरस (Dhanteras 2024 Date) का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन 13 दीये जलाने शुभ माना जाता है। कहते हैं ऐसा करने से आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है। साथ ही धन, ऐश्वर्य, सुख-समृद्धि और वैभव का आशीर्वाद मिलता है। दरअसल, धनतेरस के दिन 13 का अंक बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता के अनुसार, इस दिन किए गए शुभ कार्यों से 13 गुना अधिक लाभ मिलता है।

किन जगहों पर जलाने चाहिए 13 दीये (Dhanteras Me 13 Diye Kaha Jalaye In Hindi)

शास्त्रों के अनुसार, धनतेरस के मौके पर 13 दीये एक ही स्थान पर नहीं बल्कि अलग-अलग जगहों पर जलाना चाहिए। चलिए जानते हैं इन दीयों की किन जगहों पर रखना चाहिए।

पहला दीया घर के बाहर कूड़ेदान के पास दक्षिण दिशा की ओर मुख करके जलाना चाहिए। दूसरा दीया घर के पूजा स्थल पर रखना चाहिए। तीसरा दीया धन की देवी मां लक्ष्मी के सामने, चौथा दीया तुलसी मां के सामने, पांचवां दीया घर के मुख्य दरवाजे के सामने जलाया जाता है। छठा दीया सरसों के तेल से जलाकर पीपल के पेड़ के नीचे रखें। सातवां दीया घर के पास के किसी मंदिर में जाकर जलाएं।

आठवां दीया कूड़ेदान के पास, नौवां दीया शौचालय/बाथरूम के बाहर, दसवां दीया घर की छत पर, ग्यारहवां दीया घर की खिड़की के पास, बारहवां दीया घर की सबसे ऊंची जगह पर जलाएं। वहीं, सबसे आखिरी और तेरहवां दीया घर के पास चौराहे पर रखा जाता है।

धनतेरस के दिन किस दिशा में दीया जलाएं (Dhanteras Mein Kis Disha Mein Diye Jalate Hain)

(फोटो साभार- सोशल मीडिया)

धनतेरस के दिन दीप जलाने के लिए ईशान कोण दिशा सबसे शुभ माना जाता है। घर की उत्तर-पूर्व दिशा को ईशान कोण कहते हैं। दरअसल, इस दिशा में देवी-देवताओं का वास माना जाता है। इसलिए यह दिशा सबसे पवित्र होती है। वहीं, इस दिन पश्चिम दिशा में दीपक जलाने से बचें। इस दिशा में दीपक का मुंह करके नहीं रखना चाहिए। इससे अशुभ फल मिल सकते हैं। साथ ही कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर दिशा की ओर दीपक की लौ होना शुभ होता है। उत्तर दिशा में दीपक रखने से आर्थिक स्थिति अच्छी होती है।

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