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Ebrahim Raisi’s Lifestyle: इब्राहिम रायसी, जानिए कैसा था पूर्व ईरानी राष्ट्रपति का जीवन, इतने अरब की सम्पति के थे मालिक
Ebrahim Raisi’s Lifestyle: ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु ने हर किसी को हैरान कर दिया, क्या आपको पता है कि कितनी सम्पति के वो मालिक थे।
Ebrahim Raisi’s Lifestyle: ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी को वरज़ाघन शहर के पास हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत घोषित कर दिया गया था। भारत ने भी उनकी मृत्यु के बाद एक दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया था। वहीँ ईरान में पांच दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। उनकी मौत के बाद अब कई एजेंसियां जाँच में जुटीं हैं कि ये कोई हादसा या दुर्घटना थी या सोची समझी साजिश। अभी इसमें कई पेंच सामने आ रहे हैं जिसको लेकर पूरी जाँच करना ज़रूरी है। आइये इब्राहिम रायसी के जीवन के बारे में और करीब से जानते हैं।
ऐसी ज़िन्दगी जीते थे ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी (Iranian President Ebrahim Raisi’s Lifestyle)
जो लोग इब्राहिम रायसी से अपरिचित हैं, उनके लिए हम आज उनसे जुड़े कई तथ्य और उनके जीवन की कई बातें आपको बताने जा रहे हैं। इब्राहिम रायसी अगस्त 2021 में ईरान के आठवें राष्ट्रपति बने। राजनीति में प्रवेश करने से पहले उन्होंने न्यायिक क्षेत्र में काम किया, उन्होंने ईरान की न्यायिक प्रणाली में मुख्य न्यायाधीश, अटॉर्नी जनरल और उप मुख्य न्यायाधीश के कई पदों पर भी कार्य किया।
इब्राहिम रायसी का प्रारंभिक जीवन
इब्राहिम रायसी का जन्म 14 दिसंबर 1960 को ईरान के शाही राज्य मशहद के नोघन जिले में हुआ था। उनका जन्म एक मौलवी परिवार में हुआ था, उनके पिता सैयद हाजी एक मौलवी थे और पैतृक रूप से हुसैनी से जुड़े थे। रायसी का संबंध अली इब्न हुसैन ज़ैन अल-अबिदीन सैय्यद से है।
उनका पूरा नाम सैय्यद इब्राहिम रायसोल्सदाती है, ऐसा माना जाता था कि वो सर्वोच्च नेता के रूप में अयातुल्ला अली खामेनेई के संभावित उत्तराधिकारी होंगे। सर्वोच्च नेता को इस्लामिक गणराज्य में सर्वोच्च धार्मिक और राजनीतिक पद प्राप्त है, लेकिन उनकी अचानक मृत्यु से कई लोगों को झटका लगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी दो बेटियां हैं और उनकी पत्नी जमीलेह अलामोल्होदा हैं, जो अहमद अलामोल्होदा की सबसे बड़ी बेटी हैं, जो एक ईरानी शिया इस्लामिक मौलवी हैं।
इब्राहिम रायसी की शिक्षा
इब्राहिम रायसी के पिता की मृत्यु तब हो गई जब वह केवल 5 वर्ष के थे। उनके पिता एक कट्टर इस्लामी मौलवी थे और रईसी भी अपने पिता की राह पर चलते हुए एक इस्लामी मौलवी बन गये। रायसी ने अपनी प्राथमिक शिक्षा ईरान के जावदियाह स्कूल में की और अपने पिता का अनुसरण करते हुए, उन्होंने पाँच साल की उम्र में हौज़ा में इस्लामी अध्ययन शुरू किया। गौरतलब है कि हौज़ा सबसे बड़ा इस्लामी सेमिनार (क्यूएम मदरसा) है जहां शिया इस्लामी विद्वान शिक्षा प्राप्त करते हैं। 1975 में अयातुल्ला बोरौजेर्डी स्कूल में जाने से पहले कुछ समय के लिए उन्होंने नव्वाब शोल से अपनी शिक्षा प्राप्त की।
अयातुल्ला बोरौजेर्डी स्कूल में, उन्होंने अन्य छात्रों को पढ़ाते हुए अपनी इस्लामी शिक्षा जारी रखी। उन्होंने मोर्तेज़ा मोटाहारी, अली मेश्किनी, सैय्यद होसैन बोरुजेर्डी, नूरी हमदानी, मोर्तेज़ पासंदीदेह और अबोलघासेम खज़ाली के तहत इस्लामी शिक्षा प्राप्त की।
रायसी ने मोजाताबा तेहरानी और सैय्यद अली खामेनेई को भी अपना ख़रेज़ेफ़ेक़ साफ़ कर दिया। उन्होंने लंबे समय तक खुद को अयातुल्ला कहा, लेकिन लोगों की आलोचना के बाद वह अयातुल्ला से ठीक नीचे के पद पर आसीन हुए।
इब्राहिम रायसी का न्यायिक और राजनैतिक करियर
रायसी का न्यायिक करियर कारज के अभियोजक के रूप में उनकी नियुक्ति के साथ शुरू हुआ। बाद में, उन्होंने ईरानी शहर हमादान प्रांत के लिए अभियोजक के रूप में कार्य किया। 1985 में, जब उन्हें तेहरान के उप अभियोजक के रूप में नियुक्त किया गया तो वह ईरान की राजधानी चले गये। उसके बाद, वह करमानशाह, लोरेस्तान और सेमनान जैसे कई प्रांतों के कानूनी मुद्दों को संबोधित करते हैं।
उनका न्यायिक करियर 1988 में ईरानी राजनीतिक कैदियों के नरसंहार से जुड़ा है, वह अभियोजन समिति का हिस्सा थे। रूहुल्लाह खुमैनी की मृत्यु के बाद, उन्हें मोहम्मद यज़्दी द्वारा तेहरान के अभियोजक के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने पांच साल तक तेहरान अभियोजक के रूप में कार्य किया और बाद में 2004 से 2024 तक उन्हें ईरान के उप मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। इसके बाद 2014 से 2016 तक उन्हें अटॉर्नी जनरल के पद पर भी नियुक्त किया गया। उन्होंने अपना राजनीतिक करियर शुरू करने से पहले 2019 से 2021 तक ईरान के चीफ न्यायाधीश के रूप में भी कार्य किया।
रायसी 2017 में रूढ़िवादी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इस्लामिक रिवोल्यूशन फोर्सेज (JAMNA) के उम्मीदवार के रूप में राष्ट्रपति चुनाव के लिए भी खड़े हुए, फ्रंट ऑफ इस्लामिक रेवोल्यूशन स्टेबिलिटी ने राष्ट्रपति पद के लिए उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया, हालांकि, वह रूहानी से चुनाव नहीं जीत पाए।
उन्होंने 2021 में फिर से राष्ट्रपति चुनाव लड़ा और 63% वोट के साथ चुनाव जीता। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी उम्मीदवारी के दौरान करीब 37 लाख वोट अवैध घोषित कर दिए गए, जिसके चलते रायसी की जीत हुई।
रायसी एक कट्टरपंथी इस्लामी मौलवी थे और उनके राष्ट्रपति रहने के दौरान ईरान को सबसे ज्यादा सरकार विरोधी प्रदर्शनों का सामना करना पड़ा था। ऐसा माना जाता है कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने देश के धार्मिक प्रभाव का विस्तार किया, पूरे मध्य पूर्व एशिया में सैन्य प्रॉक्सी का समर्थन किया और देश को इज़राइल के साथ युद्ध में सामने भी लेकर आये।
इब्राहिम रायसी की कुल संपत्ति
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रायसी की कुल संपत्ति 110 अरब डॉलर से अधिक है। उनके पास पांच से अधिक निजी जेट हैं और वे 10 अरब डॉलर के सोने के भंडार और 8 से अधिक लक्जरी नौकाओं के साथ एक शानदार जीवन जीते थे।
इब्राहिम रसीस की मृत्यु के बाद, ईरान के उपराष्ट्रपति पदभार संभालेंगे, और प्राधिकरण 50 दिनों के भीतर राष्ट्रपति चुनाव का आयोजन करेगा। विश्लेषकों के मुताबिक, फिलहाल 63 वर्षीय राष्ट्रपति की मौत से ईरान की विदेश नीति में कोई बड़ा बदलाव नहीं आएगा।