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Covid-19 in Children: दो महीने तक रह सकता है बच्चों में कोविड-19 वायरस का असर: रिसर्च
Covid-19 in Children: गौरतलब है कि बच्चों में कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद भी लंबे समय तक कोविड के लक्षण दिखाई देने के कारण इनसे जुड़े मामले बेहद गंभीर हो जाते हैं।
Covid effect in Children can last for two months: कोरोना का प्रकोप अभी थमा नहीं है। हालाँकि भले ही ऊपर से देखने पर जन-जीवन अब सामान्य सा लगने लगा है या यूँ कहें की अब लोग कोरोना (corona) को ज्यादा गंभीरता से नहीं ले रहे हैं तो गलत नहीं होगा। बता दें कि धीरे-धीरे जनजीवन भले ही पहले की तरह सामान्य होने लगा है, लेकिन फिर भी कोरोना के खतरे से पूरी तरह से इंकार नहीं किया जा सकता है। ख़ास कर छोटे बच्चों के लिए (corona in children) । जिनके लिए अभी तक कोरोना की कोई वैक्सीन (vaccine) नहीं बनी है। इसलिए अभी भी हम सभी लोगों को उनके स्वास्थ्य के प्रति अतिरिक्त सतर्कता बरतना की बेहद ज्यादा आवश्यकता है।
गौरतलब है कि बच्चों में कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद भी लंबे समय तक कोविड के लक्षण दिखाई देने के कारण इनसे जुड़े मामले बेहद गंभीर हो जाते हैं। हल ही में 'द लैंसेट चाइल्ड एंड एडोलसेंट हेल्थ जर्नल' में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, SARS-CoV-2 वायरस से संक्रमित बच्चों में COVID के लक्षण कम से कम दो महीने तक या लंबे समय तक रह सकते हैं।
क्या है रिसर्च ?
बता दें कि यह रिसर्च 0 से 14 वर्ष के डेनिश बच्चों पर किया गया है। इस रिसर्च के अनुसार 0 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों की माताओं या अभिभावकों को भी एक सर्वेक्षण भेजा गया था। हालाँकि इस सर्वे में जनवरी 2020 और जुलाई 2021 के बीच जिन बच्चों की कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई थी। बता दें कि इस सर्वे से करीब 1100 बच्चों की रिपोर्ट मिली थी। इतना ही नहीं फिर इन बच्चों की रिपोर्ट की तुलना 33000 बच्चों की रिपोर्ट से की गई जिनकी रिपोर्ट एक बार भी पॉजिटिव नहीं आई थी। उल्लेखनीय है कि इस सर्वे में कोविड से जुड़े 23 सबसे आम लक्षण ही पूछे गए।
हर उम्र के बच्चों में दिखाई दिए कई लक्षण
गौरतलब है कि इस रिसर्च में बच्चों को महसूस होने वाले कई लक्षण सामने आये। आपको बता दें कि 0 से 3 साल के बच्चों में पेट दर्द, मूड स्विंग्स और चकते, रैशेज जैसे ज्यादातर लक्षण देखे गए हैं। तो वहीं दूसरी ओर 4 से 11 साल के बच्चों में ध्यान की कमी, कंपकंपी, थकान और मूड स्विंग्स जैसे लक्षण पाए गए। इसके साथ ही 12 से 14 साल के बच्चों में मूड स्विंग्स, याददाश्त कम होना, थकान आदि लक्षण भी मिले ।
कोविड से संक्रमित रहें बच्चों में अब भी दिखी कई समस्याएं
फ़िलहाल इस सर्वे की रिपोर्ट से यह पूरी तरह साफ हो गया है कि नेगेटिव टेस्ट होने के बावजूद भी कोरोना का खतरा अभी तक कम नहीं हो पाया है।इतना ही नहीं कोविड से संक्रमित बच्चों को काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है। जिसमें सबसे ज्यादा खतरा छोटे बच्चों को होता है क्योंकि ऐसे बच्चों का इम्यून सिस्टम भी कमज़ोर होता है।
अध्ययन का मुख्य उद्देश्य:
विशेषज्ञों के अनुसार इस अध्ययन का मुख्य उद्देश्य बच्चों और शिशुओं में लंबे समय तक चलने वाले लक्षणों, जीवन की गुणवत्ता और स्कूल या डे केयर से अनुपस्थिति की व्यापकता को भी निर्धारित करना था। इस रिसर्च के परिणाम में पाज़िटिव COVID-19 निदान वाले बच्चों में पिछले COVID-19 निदान वाले बच्चों की तुलना में लंबे समय तक चलने वाले लक्षणों का अनुभव होने की संभावना सबसे अधिक मौजूद होती है।