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Famous Cricketer Don Bradman: कौन थे डॉन ब्रैडमैन, जानें उनके क्रिकेट के महानतम लीजेंड बनने की कहानी
Famous Cricketer Don Bradman Biography: क्या आप जानते हैं केवल सचिन तेंदुलकर ही नहीं बल्कि सर डोनाल्ड जॉर्ज ब्रैडमैन भी क्रिकेट के भगवान कहे जाते थे। ऑस्ट्रेलिया के इस दिग्गज खिलाड़ी का आज के ही दिन निधन हो गया था। आइए जानते हैं उनके बारे में।
Famous Cricketer Don Bradman Biography (फोटो साभार- सोशल मीडिया)
Don Bradman Death Anniversary: सर डोनाल्ड जॉर्ज ब्रैडमैन, जिन्हें 'द डॉन (The Don)' के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म 27 अगस्त 1908 को न्यू साउथ वेल्स के कूटा मुंडरा में हुआ था। उनका जन्म एक क्रिकेट-प्रेमी परिवार में हुआ था। उनकी माँ, एमिली, ने 1890 के दशक में महिला इंटरकोलोनियल क्रिकेट प्रतियोगिता में भाग लिया था; उनके पिता और चाचा बचपन में ही उन्हें क्रिकेट देखने ले जाते थे। बचपन में ही ब्रैडमैन का परिवार बोवरल नामक स्थान पर शिफ्ट हो गया, जहां उनका क्रिकेट के प्रति प्रेम और भी गहरा हुआ।
ब्रैडमैन का बचपन साधारण लेकिन प्रेरणादायक था। उनके पास खेलने के लिए सीमित संसाधन थे, लेकिन उन्होंने एक स्टंप और गोल्फ बॉल के सहारे अपनी बल्लेबाजी तकनीक को निखारा। वह घर के पीछे टंकी की दीवार पर गेंद मारते और उसकी उछाल को नियंत्रित करने का अभ्यास करते। जब वह दो साल के थे, तो उनका परिवार बोवरल में बस गया। ब्रैडमैन ने स्कूल में बड़े बच्चों को क्रिकेट खेलते देखा, और उनका क्रिकेट के प्रति आकर्षण बढ़ता गया। उन्होंने एकल क्रिकेट गेम की खोज की, जिसमें एक स्टंप और एक गोल्फ बॉल का उपयोग करते हुए बल्लेबाजी का अभ्यास किया और अपनी हाथ-आंख समन्वय को निखारा। उनकी यह साधारण शुरुआत ही उन्हें क्रिकेट की ऊँचाइयों तक ले गई।
क्रिकेट करियर की शुरुआत (Sir Donald George Bradman Cricket Career)
(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
उन्होंने ग्यारह साल की उम्र में अपना पहला क्रिकेट मैच खेला और 55 नॉट आउट का प्रभावशाली स्कोर बनाया। एक साल बाद, उन्होंने अपना पहला शतक बनाया! ब्रैडमैन ने बोवरल पब्लिक हाई स्कूल के लिए खेलते हुए नाबाद 115 रन बनाए। 1920-21 के सीजन के दौरान, उनके चाचा जॉर्ज ने उन्हें स्थानीय बोवरल क्रिकेट टीम के लिए स्कोरर के रूप में काम करने के लिए आमंत्रित किया। एक शनिवार, जब टीम के पास एक खिलाड़ी की कमी थी, तो 'द डॉन' ने मैदान संभाला। उन्होंने 37 नॉट आउट रन बनाए, और अगले सप्ताह 27 नॉट आउट का स्कोर किया! बारह साल के बच्चे के लिए, यह एक अविश्वसनीय उपलब्धि थी।उनकी असाधारण तकनीक, फुटवर्क और मानसिक मजबूती ने उन्हें जल्द ही राष्ट्रीय टीम तक पहुंचाया।
1921 में, ब्रैडमैन अपने पिता के साथ सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर पांचवां एशेज टेस्ट मैच देखने गए। इंग्लैंड ने पहली पारी में 208 और दूसरी पारी में 280 रन बनाए, जबकि ऑस्ट्रेलिया ने 398 और 93/1 रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया ने 9 विकेट से जीत दर्ज की। इस जीत को देखकर ब्रैडमैन ने अपने पिता से कहा, “जब तक मैं इस मैदान पर नहीं खेलूंगा, मैं संतुष्ट नहीं होऊंगा।”
प्रारंभिक खेल जीवन ब्रैडमैन ने बोवरल टीम के लिए नियमित रूप से खेलना शुरू किया और उनके कौशल ने लोगों का ध्यान आकर्षित करना शुरू कर दिया। 1926 में, न्यू साउथ वेल्स क्रिकेट संघ आगामी एशेज के लिए नई ऑस्ट्रेलियाई टीम के सदस्यों की खोज कर रहा था। उन्होंने ब्रैडमैन के कौशल के बारे में सुना और उन्हें सिडनी में एक अभ्यास सत्र में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। इसके बाद उन्हें कंट्री वीक टूर्नामेंट में खेलने के लिए चुना गया।
कंट्री वीक टूर्नामेंट में उनके प्रदर्शन के कारण उन्हें 1926-27 सीजन में सिडनी के सेंट जॉर्ज के लिए ग्रेड क्रिकेट खेलने का निमंत्रण मिला। उन्होंने अपने डेब्यू मैच में 110 रन बनाए! वे हर शनिवार को बोवरल से सिडनी तक यात्रा करते थे।
ब्रैडमैन ने अगले सीजन में एडिलेड ओवल में अपना प्रथम श्रेणी पदार्पण किया। उन्होंने 118 रनों की पारी खेली और सीजन के अंतिम मैच में सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर अपना पहला शतक बनाया।
1928-29 के सीजन में, वे सिडनी चले गए। उन्होंने शैफील्ड शील्ड सीजन के पहले मैच में क्वींसलैंड के खिलाफ दोनों पारियों में शतक बनाए। इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड की टूरिंग टीम के खिलाफ 87 और 132 नॉट आउट के स्कोर बनाए, जिससे उन्हें आगामी एशेज श्रृंखला के पहले टेस्ट के लिए चयनित किया गया।
महान बल्लेबाज का उदय ब्रैडमैन का पहला टेस्ट मैच एक कठिन अनुभव था, जिसने उन्हें प्रतिस्पर्धा के एक नए स्तर से परिचित कराया। हालांकि, उन्होंने तीसरे टेस्ट में शतक बनाकर खुद को साबित किया, जिससे वे टेस्ट में शतक बनाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन गए। अपने पूरे टेस्ट करियर में यह एकमात्र मौका था जब वे रन आउट हुए। उन्होंने सीजन का समापन 93.88 के औसत के साथ किया।
अंतर्राष्ट्रीय करियर (Sir Donald George Bradman International Career)
(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
डॉन ब्रैडमैन ने 30 नवंबर 1928 को इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया। इंग्लैंड की टीम को जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, और सभी ऑस्ट्रेलियाई उम्मीदें ब्रैडमैन और उनके साथी बल्लेबाजों पर टिकी थीं। ब्रैडमैन ने सभी उम्मीदों पर खरा उतरते हुए मई के अंत तक 1,000 प्रथम श्रेणी रन बनाए, जिससे वे यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले ऑस्ट्रेलियाई बने। ऑस्ट्रेलिया ने 1930 एशेज श्रृंखला जीत ली और कई लोगों ने इस जीत का श्रेय ब्रैडमैन को दिया।
ब्रैडमैन का क्रिकेट करियर महज 20 साल का रहा, लेकिन इस दौरान उन्होंने दुनिया के सामने बल्लेबाजी का नया मापदंड स्थापित किया। उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 52.37 की औसत से 6996 रन बनाए, जिसमें 29 शतक और 13 अर्धशतक शामिल थे। उनका औसत 99.94 का था, जो आज भी क्रिकेट इतिहास का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है।
ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स (Sir Donald George Bradman Records)
(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
डॉन ब्रैडमैन के कई रिकॉर्ड्स ऐसे हैं, जिन्हें तोड़ना आज भी असंभव सा लगता है:
टेस्ट क्रिकेट में 99.94 का औसत
6 लगातार पारियों में शतक बनाने का रिकॉर्ड
प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 95.14 का औसत
334 रनों की टेस्ट पारी, जो उस समय का सर्वोच्च स्कोर था
1949 में नाइटहुड प्राप्त करने वाले एकमात्र ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर।
ब्रैडमैन के रिकॉर्ड्स सिर्फ उनके औसत तक सीमित नहीं हैं। उनके नाम कई ऐसे दिलचस्प और हैरान कर देने वाले आंकड़े भी दर्ज हैं, जिनकी वजह से उन्हें क्रिकेट इतिहास के सबसे महान बल्लेबाजों में गिना जाता है। अपने 20 साल के फर्स्ट क्लास करियर (अंतरराष्ट्रीय और घरेलू) में ब्रैडमैन ने 6 बार तिहरा शतक जड़ा, जो अपने आप में एक असाधारण उपलब्धि है।
सर डॉन की बैटिंग के और भी चौंकाने वाले पहलू हैं। अपने 52 टेस्ट मैचों के करियर में उन्होंने 618 चौके लगाए, लेकिन इस दौरान उनके बल्ले से केवल एक ही छक्का निकला। यह तथ्य उनके खेलने की शैली को दर्शाता है, जिसमें वे ग्राउंड शॉट्स पर ज्यादा भरोसा करते थे और जोखिम भरे शॉट्स से बचते थे।
अपने दो दशकों के करियर में ब्रैडमैन ने कई यादगार पारियां खेलीं। उन्होंने 1948 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया और 52 टेस्ट मैचों में 6996 रन बनाए। उनकी बल्लेबाजी का औसत 99.94 रहा, जो आज भी एक ऐसा रिकॉर्ड है जिसे छू पाना किसी भी बल्लेबाज के लिए सपने जैसा है।
भारत के साथ यादगार मुकाबले (Sir Donald George Bradman Against India Team)
(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
ब्रैडमैन ने भारत के खिलाफ कई यादगार पारियां खेली। 1947-48 में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर ब्रैडमैन ने भारतीय गेंदबाजों के खिलाफ शानदार बल्लेबाजी की और अपने करियर के अंतिम दिनों में भी अपनी श्रेष्ठता साबित की।
ब्रैडमैन का भारत के प्रति सम्मान
डॉन ब्रैडमैन का भारत और भारतीय क्रिकेट के प्रति गहरा सम्मान था। उन्होंने हमेशा भारतीय खिलाड़ियों की सराहना की और भारतीय टीम के बढ़ते कद को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया।
क्रिकेट से संन्यास और अंतिम क्षण (Sir Donald George Bradman Retirement)
(फोटो साभार- सोशल मीडिया)
डॉन ब्रैडमैन ने 1948 में क्रिकेट से संन्यास लिया। अपने अंतिम टेस्ट मैच में उन्हें अपने करियर का औसत 100 करने के लिए मात्र 4 रन चाहिए थे, लेकिन वह शून्य पर आउट हो गए। यह पल क्रिकेट इतिहास के सबसे भावुक क्षणों में से एक माना जाता है। संन्यास के बाद सर डॉन ने अपने अनुभवों और क्रिकेट के अनमोल टिप्स को किताबों के माध्यम से साझा किया। उनके बेहतर स्वास्थ्य और लंबी आयु के कारण उन्हें सचिन तेंदुलकर जैसे महान बल्लेबाज का उदय भी देखने को मिला। सचिन की बल्लेबाजी शैली में ब्रैडमैन को अपनी ही झलक नजर आई, और उन्होंने सार्वजनिक रूप से यह बात कही भी थी।
ब्रैडमैन को 1949 में 'नाइटहुड' की उपाधि दी गई और उन्हें 'सर डॉन ब्रैडमैन' के नाम से जाना जाने लगा। क्रिकेट में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें 'क्रिकेट का भगवान' कहा जाता है।
25 फरवरी 2001 को सर डॉन ब्रैडमैन का निधन हो गया। उन्हें दिसंबर 2000 में न्यूमोनिया हो गया था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। नए साल के ठीक पहले उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी, लेकिन कुछ ही दिनों बाद उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन के बाद पूरे ऑस्ट्रेलिया में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जहां लोगों ने अपने-अपने तरीके से 'द डॉन' को याद किया और श्रद्धांजलि अर्पित की।
डॉन ब्रैडमैन का जीवन एक प्रेरणा है। उनकी साधारण शुरुआत, कठिन परिश्रम, अद्वितीय प्रतिभा और खेल के प्रति समर्पण ने उन्हें अमर बना दिया। क्रिकेट जगत में उनका योगदान अतुलनीय है और उनकी विरासत हमेशा जीवित रहेगी।