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Ghol Fish: गुजरात की यह राज्य मछली होती है बहुत महंगी, लाखों में होती है इसकी कीमत
Gujarat Expensive Ghol Fish: इस मछली को 'सी गोल्ड' कहा जाने वाला कारण इसके पेट में मौजूद एक थैली है, जिसमें शक्तिशाली औषधीय गुण हैं और विदेशी बाजार में इसकी ऊंची कीमत है।
Ghol Fish: घोल मछली, जिसे ब्लैकस्पॉटेड क्रोकर के नाम से भी जाना जाता है, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की मूल मछली की एक प्रजाति है। इसे समुद्री मछली की सबसे बेहतरीन और सबसे महंगी किस्मों में से एक माना जाता है। घोल मछली, जो ज्यादातर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में पाई जाती है, दुनिया की सबसे महंगी समुद्री प्रजातियों में से एक है। बता दें कि घोल मछली को बीते दिनों गुजरात ने अपने राज्य मछली का दर्जा दिया है।
घोल मछली भारत में पाई जाने वाली सबसे बड़ी मछली में से एक है। यह मछली सुनहरे-भूरे रंग की होती है और गुजरात और महाराष्ट्र के समुद्री इलाकों में पाई जाती है। घोल मछली अपने औषधीय गुणों के लिए बेशकीमती होती है। इसमें आयोडीन, ओमेगा-3, डीएचए, ईपीए, आयरन, टॉरिन, मैग्नीशियम, फ्लोराइड और सेलेनियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इस मछली को 'सी गोल्ड' कहा जाने वाला कारण इसके पेट में मौजूद एक थैली है, जिसमें शक्तिशाली औषधीय गुण हैं और विदेशी बाजार में इसकी ऊंची कीमत है।
क्यों होती है घोल फिश इतनी महंगी
बीते दिनों महाराष्ट्र के एक मछुवारे ने एक ही दिन में इस मछली से 1.33 करोड़ रुपये कमाए। उसने कुल 157 घोल मछलियां पकड़ी थी। बता दें कि घोल मछली की कीमत बहुत ज्यादा होती है। घोल मछली के मांस के अलावा इसके शरीर के अंग भी महंगे होते हैं। मछली के मूत्राशय का उपयोग शराब उद्योग में किया जाता है। घोल मछली का उपयोग बीयर और वाइन बनाने के लिए किया जाता है और इसके एयर ब्लैडर का उपयोग फार्मास्यूटिकल्स में किया जाता है। इसके ब्लैडर की सबसे ज्यादा मांग चीन जैसे देशों में होती है। घोल मछली की लंबाई लगभग डेढ़ मीटर होती है। घोल मछली जितनी लंबी होगी, उसकी कीमत उतनी ही अधिक होगी। प्रति यूनिट लंबाई वाली घोल मछली की कीमत 5 लाख रुपये तक हो सकती है।
घोल फिश के स्वास्थ्य लाभ
घोल मछली के कई फायदे हैं। घोल मछली के न केवल पोषण मूल्य हैं बल्कि कई औषधीय मूल्य भी हैं। घोल मछली के पोषण के विभिन्न पहलुओं में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 जैसे प्रोटीन और फैटी एसिड की उच्च सांद्रता शामिल है।
-घोल फिश शरीर में कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं।
-इसमें ऐसे पोषक तत्व भी होते हैं जो हृदय रोग, स्ट्रोक या दिल के दौरे के खतरे को रोकते हैं।
-घोल फिश में ओमेगा-3 होते हैं आपकी आंखों की रोशनी के समुचित कार्य के लिए भी आवश्यक है।
-घोल मछली में मौजूद कोलेजन सामग्री झुर्रियों को रोकती है और त्वचा की लोच को भी बरकरार रखती है।
-घोल मछली विभिन्न खनिजों और विटामिनों के कारण मांसपेशियों को टोन करने में जबरदस्त लाभ देती है।
-माना जाता है कि घोल मछली का दिल रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।