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Guru Nanak Jayanti 2023: जानिए गुरु नानक जयंती के अनुष्ठान का सही समय, क्या है इसका महत्व और इतिहास
Guru Nanak Jayanti 2023: गुरु नानक जयंती सोमवार, 27 नवंबर को है। इस दिन को सिख समुदाय सामुदायिक रसोई, लंगर सेवा, गुरबानी पाठ, प्रार्थना और अरदास द्वारा मनाता है। आइये जानते हैं कि इस पर्व पर और क्या-क्या होता है।
Guru Nanak Jayanti 2023: गुरु नानक देव जी का शुभ त्योहार गुरुपर्व, जिसे गुरु नानक का प्रकाश उत्सव या गुरु नानक जयंती भी कहा जाता है, सोमवार, 27 नवंबर को है। ये उनकी 554वीं जयंती है। ये सिख धर्म के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है और दस सिख गुरुओं में से पहले और सिख धर्म के संस्थापक, गुरु नानक देव जी की जयंती का प्रतीक है। आज हम इसके इतिहास और महत्त्व के बारे में आपको बताने जा रहे हैं।
गुरु नानक जयंती
गुरु नानक जयंती को उत्कट भक्ति, आध्यात्मिक समारोहों और सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब के भजनों के पाठ के साथ मनाया जाता है। ये दिन न केवल गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं और ज्ञान का सम्मान करता है, बल्कि सिख दर्शन के मूल सिद्धांतों को मूर्त रूप भी देते हुए एकता, समानता और निस्वार्थ सेवा को भी बढ़ावा देता है। यहां तारीख से लेकर इतिहास तक वो सब कुछ है जो आपको इस दिन के बारे में जानना चाहिए।
हिंदू महीने कार्तिक के पंद्रहवें चंद्र दिवस पर, या कार्तिक पूर्णिमा, को लोग इस त्योहार को मनाते हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, ये पर्व नवंबर के महीने में होता है। इस साल ये शुभ त्योहार दुनिया भर के सिखों द्वारा अत्यंत प्रेम और श्रद्धा के साथ सोमवार, 27 नवंबर को मनाया जाएगा। इसे गुरु नानक देव जी के 554वें जन्मदिन के रूप में भी मनाया जाता है।
गुरु नानक जयंती के अनुष्ठान करने का शुभ समय
- पूर्णिमा तिथि प्रारंभ - 26 नवंबर 2023 को दोपहर 03:53 बजे से
- पूर्णिमा तिथि समाप्त - 27 नवंबर 2023 को दोपहर 02:45 बजे
आपको बता दें कि गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 में तलवंडी ननकाना साहिब में हुआ था। उनके माता-पिता तृप्ता देवी और कालूराम मेहता जी खत्री थे, जिन्हें कालूरन चंद दास बेदी के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने चंदो रानी और मूल चंद की बेटी सुलखानी देवी से शादी की। उनके बच्चों को श्री चंद जी और लखमी चंद जी कहा जाता है।
अपने अंतिम समय में श्री गुरु नानक देव करतारपुर के करीब बस गए थे, जहाँ उन्होंने अपने निधन से पहले एक खेत की देखभाल की। गुरु नानक देव जी को आज भी सभी मानवता में ज्ञान लाने और सिख धर्म की नींव रखने के लिए जानते हैं। वहीँ ये उत्सव उनके जीवन, उपलब्धियों और विरासत का सम्मान करता है।
गुरु नानक जयंती, या गुरुपर्व, सिख धर्म में महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन भक्त कई तरह के नगर कीर्तन या जुलूसों में भाग लेते हैं, अखंड पथ के माध्यम से गुरु ग्रंथ साहिब के निरंतर पाठ में संलग्न होते हैं, और भजन गाने और शिक्षाओं पर चर्चा करने के लिए कीर्तन और कथा सत्र भी आयोजित किये जाते हैं। वहीँ गुरुद्वारों में आपको सामुदायिक रसोई, लंगर सेवा, समानता को बढ़ावा देने के लिए मुफ्त भोजन जैसी कई व्यवस्थाएं दिख जायेंगीं। गुरबानी पाठ, प्रार्थना और अरदास द्वारा लोग गुरु नानक देव से कल्याण की कामना करते हैं।