TRENDING TAGS :
New Year 2025: बहुत काम के हैं ये दस संकल्प, चाहते हैं सुखी जीवन तो आज से ही करें इस पर अमल
New Year 2025: आज हम बात करते हैं नये साल के कुछ चुनिंदा रिसोल्यूशन यानी संकल्पों की। इनका पालन कर कैसे आप सफल हो सकते हैं।
New Year Resolutions 2025: हर बार साल के अंत में हम नये साल का स्वागत करते हैं कुछ संकल्प लेते हैं कुछ सपने बुनते हैं। बीते साल के अधूरे संकल्पों की समीक्षा करते हैं क्या खोया क्या पाया इस पर सोचते हैं विचार करते हैं। कुछ कड़वी कुछ मीठी यादों को देकर जाने वाले साल को विदा देते हैं और नये संकल्पों प्रण पर भविष्य की खुशियों की बुनियाद रखते हैं। खासकर युवाओं के लिए हर साल एजुकेशन में बढ़ती प्रतिस्पर्धा, अच्छी नौकरी के लिए कम्पटीशन की तैयारी के लिहाज से महत्वपूर्ण होता है। जो अपना लक्ष्य हासिल कर लेते हैं वह नये लक्ष्यों की तरफ बढ़ते हैं जो किसी वजह से रह गए वह नये संकल्प के साथ आगे बढ़ने की तैयारी करते हैं। कुछ लोग इन संकल्पों को बीच में छोड़ देते हैं तो कुछ अंत तक इनका पालन करते हैं। तो आज हम बात करते हैं नये साल के कुछ चुनिंदा रिसोल्यूशन यानी संकल्पों की। इनका पालन कर कैसे आप सफल हो सकते हैं:
पहला संकल्प- स्वास्थ्य
हमारे यहां कहा गया है पहला सुख निर्मल काया। यानी स्वस्थ शरीर हमारा पहला संकल्प होना चाहिए। जिसके लिए शरीर की देखभाल के प्रति गंभीर होना पहली शर्त है। कोई भी नया साल आए, तमाम लोग कहते हैं "मैं अपना वजन कम करने जा रहा हूँ"। यही वह बड़ा संकल्प है जो तमाम लोग लेते हैं। इस बार भी लेंगे हमें रुकना नहीं चाहिए, बल्कि इसका पालन करना शुरू करना चाहिए। लेकिन वजन तब तक अभिशाप नहीं है जब तक आपके शरीर की फिटनेस बनी हुई है। यानी हमें अपनी शरीर को फिट रखने के लिए मेहनत और प्रयास करना चाहिए। उसके लिए वाकिंग जागिंग योग और एक्सरसाइज सब करना चाहिए। भोजन ऐसा होना चाहिए जो शरीर में फालतू फैट को न बढ़ाए।
दूसरा संकल्प पर्यटन
प्रसिद्ध शायर ख़्वाजा मीर दर्द ने क्या शेर कहा है 'सैर कर दुनिया की गाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहां, ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहां' यह शेर न केवल जो लोग यात्रा करना पसंद करते हैं, बल्कि वे भी जो बहुत अधिक यात्रा करना चाहते हैं। उन पर फिट बैठता है। अमूमन लोग इसे प्रसिद्ध साहित्यकार राहुल सांकृत्यायन के नाम से जोड़ते हैं। तो युवाओं के लिए ये बहुत बढ़िया और उत्तम संकल्प है। कि वे तमाम व्यस्तताओं के बीच कम से कम "महीने में एक यात्रा" का संकल्प जरूर ले। कई बार हाथ में मौजूद बजट इसका समर्थन नहीं करता तो भी निराश न हों अपने आसपास की किसी छोटी जगह पर जा सकते हैं। प्रकृति के करीब खुद को महसूस कर सकते हैं। ये आपको तमाम दबावों से मुक्त करेगा। आपका मानसिक स्वास्थ्य सुंदर और खूबसूरत होगा।
तीसरा संकल्प इच्छाओं की पूर्ति
इस आपाधापी के युग में हम सब मशीन की तरह घूम रहे हैं। अपनी छोटी छोटी इच्छाओं शौक के लिए मन मार रहे हैं। नये साल में हमारा तीसरा संकल्प ये होना चाहिए कि इस साल हम अपने मन और खुद का ख्याल रखेंगे। इसके लिए जो मेरी कुछ पसंदीदा चीजें हैं उन्हें जरूर करेंगे। इसलिए अपने शौक या पसंदीदा आदतों पर नियमित रूप से गौर करना सुनिश्चित करें।
चौथा संकल्प सबसे जरूरी बजट
हमारे यहां कहा गया दूजा सुख घर में माया। लेकिन माया कबीर ने ठगनी भी बताया है कि क्योंकि माया किसी के पास रुकती नहीं है। फिर भी पैसा बचाना और बचाए हुए पैसे को सही तरीके से खर्च करना हर किसी की चाहत होती है। लेकिन अधिकतर समय हम ऐसा नहीं करते। अपने घर का बजट बनाते समय हमें किसी भी तरह से बचत का संकल्प जरूर लेना चाहिए और जिम्मेदारी से जीना सीखना चाहिए। क्योंकि ऋणम् नीत्वा घृतं पिबेत् का महान दार्शनिक चारवाक का सिद्धांत आज सबकी जिंदगी में हावी हो चुका है। जिसके कई बार भयावह परिणाम भी सामने आए हैं। इसलिए हमें सब कुछ करते हुए भी मितव्ययी होना चाहिए।
पांचवां संकल्प बुरी आदतों से छुटकारा
तमाम लोगों मे बुरी आदतें होती हैं जैसे बार बार तम्बाकू खाना सिगरेट पीना या सुबह से ही शराब पीना शुरू कर देना। कुछ लोगों को शाम होते ही शराब की तलब लगने लगती है। कुछ ज्यादा नहीं पीते तो कुछ नशे के गुलाम हो जाते हैं। नये साल के संकल्पों में हमें अपनी बुरी आदतों को छोड़ने का संकल्प लेना चाहिए।
छठा संकल्प पुस्तकों का अध्ययन
डिजिटल युग में यह संकल्प लेना कठिन है। क्योंकि हमें ऐसा लगता है कि गूगल की दुनिया में सब कुछ हमारी मोबाइल डिवाइस में उपलब्ध है लेकिन ऐसा नहीं है। बहुत से लोग पुस्तक प्रेमी होते हैं और कुछ को किताबें पढ़ने की इच्छा ऱखते हैं। लेकिन जो लोग किताबें पढ़ते हैं उनकी भाषा सकारात्मक होती है। और जो लोग नहीं पढ़ते हैं उनकी याद्दाश्त प्रभावित होती है। भाषा सतही हो जाती है। खासकर युवाओं के लिए यह संकल्प बहुत महत्वपूर्ण है।
सातवां संकल्प खाना बनाना सीखना
हममें से तमाम लोग ये मानकर चलते हैं कि खाना बनाना महिलाओं का काम है। लेकिन ऐसा नहीं है स्वर्गीय शारदा वाजपेयी ने लिखा है कि खाना बनाना पुरुषों का काम है क्योंकि खानसामा, रसोइया, महाराज या कुक पुरुष ज्यादा होते रहे हैं। प्राचीन काल से ये स्थिति रही। खैर इसे छोड़ें खाना बनाना एक ऐसा कौशल है जो हर इंसान को आना चाहिए। डिलीवरी ऐप्स पर निर्भर रहने के बजाय, हमें यह सीखने की ज़रूरत है कि घरेलू सामग्री से खाना कैसे बनाया जाता है। अगर आप इसे शुरू करते हैं तो आप तमाम मानसिक तनावों शारीरिक बीमारियों से मुक्ति पा सकते हैं शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं।
आठवां संकल्प भरपूर नींद
इस डिजिटल युग में किसी के पास सोने के लिए कोई समय नहीं है या कोई समय पर सोता नहीं है। हर कोई ऐसा मानकर चल रहा है जैसे रात और दिन में कोई फर्क ही नहीं है। ऐसे में हमें नये साल में रोजाना भरपूर नींद लेने का संकल्प लेना चाहिए। नींद न कम हो न ज्यादा। नींद इतनी हो जो सारा दिन हमें ऊर्जावान बनाए रखे।
नौवां संकल्प परिवार का महत्व समझें और इसे स्वीकारें
आज के दौर में सबके पास अपनी दुनिया मोबाइल के रूप में है या फिर दोस्तों या आफिस के काम में व्यस्त रहते हैं। एक ही घर में एक ही कमरे में बैठे लोग आपस में बात न करके अपने अपने मोबाइल में व्यस्त रहते हैं जिससे समाज की सबसे छोटी इकाई एकल परिवार में भी बिखराव की शुरूआत हो चुकी है। हालात तब और ज्याद गंभीर हो रहे हैं जब केवल पति पत्नी वाले परिवार में पति पत्नी में एक दूसरे से बात करने के लिए समय नहीं मिल रहा। माता पिता को अपने बच्चे से बात करने का समय नहीं है। बच्चों को माता पिता से बात करने की फुर्सत नहीं है। इसलिए आज के समय का यह संकल्प सबसे महत्वपूर्ण है।
दसवां संकल्प डिजिटल उपकरणों से दूरी
हममें से कई लोग अपने फोन और लैपटॉप जैसे आसपास मौजूद डिजिटल उपकरणों के इतने आदी हो चुके हैं कि वास्तविक दुनिया में थोड़ा काम करने की हिम्मत ही नहीं और न ही हमारा आत्म विश्वास इतना है। हमें वास्तविक दुनिया का अहसास करना होगा। यह एक बड़ा संकल्प होगा।