TRENDING TAGS :
Haunted Story: सुनसान सड़क, एक बस और पांच लाशें, क्या थी रूट नंबर 375 की भूतिया बस की रहस्यमयी कहानी?
Haunted Bus Story in Hindi: रूट नंबर 375 की यह कहानी आज भी चीन की सबसे डरावनी घटनाओं में गिनी जाती है।
Haunted Story Of China: चीन(China) एक ऐसा देश है जहाँ आधुनिकता और पुरानी मान्यताएँ एक साथ चलती हैं। भले ही आज विज्ञान ने बहुत तरक्की कर ली हो, लेकिन कुछ रहस्यमयी घटनाएँ आज भी तर्क और विज्ञान से परे लगती हैं। बीजिंग(Beijing) की घनी रातों में एक रहस्यमयी घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। यह घटना "रूट नंबर 375 की भूतिया बस" के नाम से मशहूर हुई, जिसने समय के साथ एक डरावनी किंवदंती का रूप ले लिया। नवंबर 1995 की एक ठंडी रात में, यह बस अपने निर्धारित मार्ग पर निकली, लेकिन अगली सुबह इसका कोई नामो-निशान नहीं था। उस रात बस में सवार यात्रियों और चालक का कभी कोई सुराग नहीं मिला।
इस रहस्य ने वर्षों से लोगों के मन में अनगिनत सवाल छोड़ दिए हैं। क्या यह बस सच में किसी अलौकिक ताकत का शिकार हुई थी, या यह केवल एक गढ़ी गई कहानी थी? आज भी, बीजिंग की गलियों में इस बस की चर्चा होती है, और जो भी इस कहानी को सुनता है, उसकी रूह कांप उठती है। बीजिंग में घटी ‘रूट नंबर 375 की भूतिया बस’(The haunted bus of route number 375) की घटना भी एक ऐसी ही कहानी है, जो दशकों से लोगों को हैरान करती आ रही है।
कहानी की शुरुआत
14 नवंबर 1995 की रात, बीजिंग(Beijing) शहर में रूट नंबर 375 की आखिरी बस अपने निर्धारित समय पर युआन मिंग हुआन(Yuan Ming Huan's) बस टर्मिनल से निकली। बस का गंतव्य श्यांग शान(Xiang Shan)(फ्रेग्रेंट हिल - Fragrant Hill) था।
ठंडी और धुंध से घिरी 14 नवंबर की रात में, एक वृद्ध और एक युवा लड़का रूट 375(Route 375)की आखिरी बस का इंतज़ार कर रहे थे। सड़क पर सन्नाटा पसरा था, स्ट्रीट लाइट की मद्धम रोशनी कोहरे में घुली हुई थी। दोनों के बीच हल्की-फुल्की बातचीत जारी थी, लेकिन ठंड के बढ़ते असर से वे अपने-अपने कपड़ों में सिकुड़ने लगे थे।
रात के ठीक 11 बजे, दूर से बस की हेडलाइट्स चमकीं, और रूट 375 की आखिरी बस स्टॉप पर आकर रुकी। बस का दरवाजा खुला, और बिना किसी देरी के, वृद्ध और लड़का अंदर चढ़ गए।
बस के भीतर एक अजीब-सी वीरानी थी। पूरी बस खाली पड़ी थी। सिर्फ ड्राइवर और एक महिला कंडक्टर मौजूद थे। युवा लड़का आगे की ओर, ड्राइवर के पास बैठ गया, जबकि वृद्ध ने बस के बीच के हिस्से में अपनी जगह ले ली। अगले स्टॉप की ओर बढ़ते हुए, बस का इंजन एक भारी गूँज के साथ सड़क की खामोशी को चीरता चला गया।
तीन अजनबी यात्री
कुछ दूर चलने के बाद, बस ने अचानक ब्रेक मारी और एक स्टॉप पर रुक गई। ड्राइवर ने दरवाजा खोला, लेकिन वहाँ कोई भी यात्री नहीं दिख रहा था। पीछे की सीट पर बैठे वृद्ध की नजर खिड़की से तीन लोगों की परछाई पर पड़ती है। अचानक, अंधेरे से तीन लोग निकलकर बस में चढ़े। ये तीनों लोग बहुत ही अजीब लग रहे थे। वे पारंपरिक चीनी कपड़ों में थे, जो पुरानी शाही वंश (किंग वंश) के समय के लग रहे थे। कम रोशनी के कारण वृद्ध उनके चेहरे साफ़ नहीं देख पाता। उसे बस इतना दिखता है कि दो लोग बीच में खड़े एक व्यक्ति को सहारा दिए हुए हैं, जिसका सिर झुका हुआ है। वृद्ध को लगता है कि शायद वह व्यक्ति नशे की हालत में है। बस फिर से चल पड़ती है। बाहर की सुनसान सड़क की तरह ही बस के अंदर भी गहरी शांति छा जाती है।
वृद्ध महिला की अजीब हरकते
बस अपने तय रास्ते पर दौड़ रही थी कि तभी पीछे बैठे वृद्ध ने अचानक आगे बैठे युवक से झगड़ना शुरू कर दिया। यह वही युवक था जो बस स्टॉप पर वृद्ध के साथ खड़ा था। वृद्ध की तीखी बातों से युवक गुस्से में आ गया और दोनों के बीच बहस बढ़ते-बढ़ते हाथापाई तक पहुंच गई। हालात बिगड़ते देख, ड्राइवर ने झुंझलाते हुए बस रोक दी और सुनसान जगह पर दोनों को उतारकर बिना कुछ कहे बस आगे बढ़ा ले गया।
बस के जाते ही वृद्ध शांत हो गया। युवक अभी भी गुस्से में था, उसने झुंझलाकर पूछा, "आपने ऐसा क्यों किया?" वृद्ध ने उसका हाथ पकड़ते हुए गंभीर स्वर में कहा, "बेटा, मैंने तुमसे झगड़ा नहीं किया, तुम्हारी जान बचाई है।"
युवक हैरान रह गया और घबराते हुए बोला, "कैसी जान बचाई?" वृद्ध ने धीमे लेकिन भारी स्वर में जवाब दिया, "तुमने देखा था, वे तीन लोग जो बस में चढ़े थे? उनके पैर नहीं थे, वे ज़मीन पर नहीं, हवा में तैर रहे थे!"
यह सुनते ही युवक के रोंगटे खड़े हो गए। उसकी सांसें तेज़ हो गईं, और वह घबराकर चारों ओर देखने लगा। उस सुनसान रास्ते पर अब बस जा चुकी थी। लेकिन जो सच सामने आया था, वह उसकी ज़िंदगी भर की सबसे डरावनी याद बन चुका था।
भयानक रहस्य का खुलासा
घटना के बाद, वृद्ध और युवा लड़का घबराए हुए पास के पुलिस स्टेशन तक पैदल पहुंचे। वहाँ उन्होंने ड्यूटी पर मौजूद अधिकारियों को पूरी कहानी सुनाई, कैसे बस में अजीबोगरीब यात्री चढ़े, और फिर जो कुछ हुआ वह सामान्य नहीं था। लेकिन पुलिस ने उनकी बातों को गंभीरता से लेने के बजाय उन्हें पागल समझ लिया। दोनों को लगा कि पुलिस उनकी बातों पर यकीन नहीं करेगी, इसलिए वे चुपचाप अपने-अपने घर चले गए।
अखबार की सनसनीखेज़ खबर
अगली सुबह, जैसे ही अखबार खुले, पुलिस अधिकारियों के होश उड़ गए। अखबार में एक चौंकाने वाली खबर छपी थी, रूट 375 की आखिरी बस, जिसमें बस ड्राइवर और कंडक्टर सवार थे, लापता हो गई थी! बस कंपनी ने आधिकारिक बयान जारी किया कि उनकी बस रात के निर्धारित समय पर निकली थी, लेकिन उसके बाद से उसका कोई पता नहीं चला।
यह खबर फैलते ही पुलिस हरकत में आ गई। उन्हें याद आया कि पिछली रात एक वृद्ध और एक लड़का यही बस यात्रा करने की बात कह रहे थे। पुलिस ने तुरंत दोनों को खोजने की कोशिश शुरू कर दी।
जब पुलिस को वृद्ध और लड़का मिले, तो मीडिया भी इस रहस्यमयी घटना में दिलचस्पी लेने लगी। दोनों ने मीडिया के सामने विस्तार से अपनी कहानी बताई कैसे उन्होंने बस में कुछ अजीब होते हुए देखा, और कैसे वे किसी अनहोनी से बचने के लिए बीच रास्ते में ही उतर गए। जल्द ही, पुलिस को बस का सुराग मिल गया। लेकिन जब बस मिली, तो उसमें जो कुछ था, उसने इस कहानी को और भी रहस्यमयी बना दिया
खौफनाक सच्चाई का पर्दाफाश
अगले दिन पुलिस को एक बस दुर्घटना की सूचना मिली। जब वे मौके पर पहुंचे, तो यह देखकर सन्न रह गए कि यह वही बस थी जिसका जिक्र पिछली रात वृद्ध और लड़के ने किया था। इस खुलासे ने पुलिस को हिला कर रख दिया।
जैसे ही बचाव दल ने बस को पानी से बाहर निकाला, अंदर का नज़ारा बेहद डरावना था। बस के भीतर से ड्राइवर और कंडक्टर की लाशें बरामद हुईं, लेकिन उनके अलावा तीन और शव मिले, जो बुरी तरह सड़ चुके थे।
रहस्य और गहराया
पुलिस ने फौरन फॉरेंसिक टीम को जांच के लिए बुलाया। जब वैज्ञानिकों ने शवों की स्थिति का विश्लेषण किया, तो वे हैरान रह गए। उनके मुताबिक, केवल 48 घंटों के भीतर कोई भी लाश इतनी बुरी तरह सड़-गल नहीं सकती थी। हैरानी की बात यह थी कि ड्राइवर और कंडक्टर की लाशें सामान्य अवस्था में थीं, जबकि बाकी तीनों शव मानो महीनों से सड़ रहे हों।
यह विचित्र अंतर पुलिस और वैज्ञानिकों के लिए एक रहस्यमयी पहेली बन गया। क्या वे तीन लोग वास्तव में इंसान थे, या फिर कुछ और? इस अजीब घटना ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया, क्या वाकई रूट 375 की उस रात की यात्रा में कोई अलौकिक शक्ति शामिल थी?
खून से भरी बस और 100 किलोमीटर का रहस्य
इतना ही नहीं, इस रहस्यमयी घटना ने और भी चौंकाने वाले खुलासे किए। जब पुलिस ने लापता बस की जांच की, तो उन्हें एक ऐसा नजारा दिखा जिसने हर किसी के होश उड़ा दिए, बस के फ्यूल टैंक में डीजल की जगह ताजा खून भरा हुआ था! यह देख पुलिस भी स्तब्ध रह गई और मामले की गंभीरता को समझते ही इस अजीबोगरीब घटना की तहकीकात शुरू कर दी।
सबसे डरावनी बात यह थी कि वह बस, जो आखिरी स्टॉप से अचानक गायब हो गई थी, पूरे 100 किलोमीटर दूर जिंग शान शहर के पास एक नदी में पाई गई। जबकि रिकॉर्ड्स के मुताबिक, बस में इतना ईंधन था ही नहीं कि वह इतनी लंबी दूरी तय कर सके। यह रहस्य और गहराता गया, और पुलिस को भी लगने लगा कि उस रात वृद्ध और युवक ने जो कुछ भी देखा और बताया था, वह केवल एक कहानी नहीं बल्कि एक भयानक सच्चाई थी।
क्या यह भूतों की करतूत थी?
इस घटना के बाद बीजिंग शहर में हड़कंप मच गया। कुछ लोगों का मानना था कि वे तीन रहस्यमयी यात्री भूत थे, जो बस के यात्रियों को मौत की घाट उतारने आए थे।
वहीं, कुछ लोग इसे एक अपराध मानते थे। उन्होंने दावा किया कि बस को किसी ने हाईजैक कर लिया और बाद में ड्राइवर, कंडक्टर और अन्य यात्रियों को मार दिया गया। लेकिन अगर यह एक साधारण अपराध होता, तो बस इतनी दूर और इस हालत में क्यों पाई गई?
सरकार का बयान और अफवाहें
इस घटना पर चीनी सरकार(China Government) ने कभी कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया, जिससे यह रहस्य और भी गहरा गया। कुछ लोगों का मानना है कि सरकार ने इस घटना को दबाने की कोशिश की ताकि जनता में दहशत न फैले। लेकिन कई स्थानीय लोग आज भी मानते हैं कि रूट नंबर 375 की वह बस किसी भूतिया ताकत का शिकार हुई थी।