×

Kids Care : ज्यादा चीनी खाने से बच्चों की सेहत पर हो सकता है बुरा असर

seema
Published on: 2 Feb 2018 12:30 PM IST
Kids Care : ज्यादा चीनी खाने से बच्चों की सेहत पर हो सकता है बुरा असर
X

डॉ.एसपीएस तुलसी, डेंटल सर्जन

लखनऊ। छोटे बच्चों का असमय बेबी टीथ गिरना अब आम बात हो गई है। इसके पीछे अधिक शुगर खाना (शुगर एडिक्शन) प्रमुख कारण है। अधिक शुगर खाने वाले बच्चों के दांतों में धीरे-धीरे कैविटी जमा होने लगती है जिसके कारण आगे चलकर बेबी टीथ (दूध के दांत) समय से पहले ही गिर जाते हैं। असमय बेबी टीथ गिरने से न केवल दांत टेढ़े-मेढ़े निकलते हैं बल्कि जबड़े पर भी इसका असर पड़ता है। इससे बच्चों का चेहरा भी बेडौल हो रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार बच्चों या बड़ों को दिनभर में छह चम्मच से अधिक चीनी नहीं खानी चाहिए। इसका नुकसान बच्चों की सेहत पर भी पड़ रहा है। दांतों के साथ अन्य भी समस्याएं हो रही हैं।

ये है शुगर एडिक्शन

जब भी कोई बच्चा या वयस्क ज्यादा चीनी खाता है तो उसके दिमाम में डोपामाइन नामक हार्मोन निकलता है। इससे उसे मजा आता है और वह पहले से अधिक मीठा खाने लगता है। इसीलिए बच्चे टॉफी, चॉकलेट, कैंडी, मिठाई, दूध में चीनी आदि अधिक से अधिक खाते हैं क्योंकि वह स्वादिष्ट होने के साथ आनंदायक भी होता है।

यह भी पढ़ें : खट्टे जूस के साथ दवा खाना हो सकता है नुकसानदायक, जानें कैसे

बेबी टीथ असमय गिरने से नुकसान

  • यह बच्चों में मुख्य रूप से खाने के लिए जरूरी होते हैं। जब बेबी टीथ गिर जाते हैं तो बच्चा बिना चबाए ही खाने को निगलता है जिससे उसका पाचन तंत्र खराब हो सकता है।
  • बेबी टीथ बाद में निकलने वाले दांतों के लिए मार्गदर्शक होते हैं। असमय गिरने से स्थायी दांत टेढ़े-मेढ़े निकलते हैं।
  • दूध के दांत चेहरे के विकास के लिए भी जरूरी होते हैं। असमय गिरने से चेहरा बेडौल हो सकता है।
  • कैविटी के कारण दांत खराब होने से बच्चे के मुंह में इंफेक्शन हो सकता है।
  • बेबी टीथ गिरने के कारण

    लोग बच्चों को प्यार से टॉफी-चॉकलेट देते हैं जो दिन-रात उनके दांतों में चिपककर कैविटी पैदा करते हैं। इसके साथ ही मां भी बच्चे को दूध अच्छा लगे, इसलिए अधिक चीनी मिला देती है। दांत खराब करने में बोतल का दूध भी अधिक नुकसान करता है। अक्सर रात में मां बोतल में दूध बच्चे के पास रख देती हैं। बच्चा जब भी उठता है तो दूध पीता है जिससे पूरी रात उसके मुंह में कीटाणु सक्रिय रहते हैं।

इस तरह करें बचाव

  • एक साल से छोटे बच्चों को केवल मां का दूध दें। बोतल का दूध बिल्कुल न दें। अगर देते हैं तो शुगर न मिलाएं।
  • बच्चे को फल-सब्जियों आदि से नेचुरल शुगर मिल जाएगा जो उसके विकास के लिए जरूरी है।
  • सॉफ्ट ड्रिंक्स, कोल्ड ड्रिंक्स और डिब्बा बंद जूस या दूध बिल्कुल न दें।
  • नेचुरल फ्रूट जूस की जगह उन्हें सीधे फल खाने को दें।

दूध के दांत आने के बाद से रोज कराएं ब्रश

बेबी टीथ आने के बाद से बच्चों को नियमित ब्रश करने की आदत डालें। बच्चों के ब्रश पर बहुत हल्का टूथपेस्ट लगाएं। अगर बच्चा टूथपेस्ट पसंद नहीं करता है तो बिना पेस्ट के ही ब्रश कराएं। कोशिश करें कि ब्रश सुबह-शाम कराएं। अगर दोनों समय नहीं करा पाते हैं तो शाम को जरूर कराएं।

सॉफ्ट ड्रिंक्स नहीं, पीने को दें पानी

बच्चों को खुश रखने के मां अक्सर पानी की जगह जूस या सॉफ्ट ड्रिंक्स दे देती हैं। सॉफ्ट ड्रिंक्स पानी की पूॢत नहीं करता है। उल्टे बच्चों में दूसरी बीमारियों जैसे मोटापा और शुगर आदि को जन्म दे सकता है। इसलिए प्यास लगे तो पानी ही दें।

लखनऊ



seema

seema

सीमा शर्मा लगभग ०६ वर्षों से डिजाइनिंग वर्क कर रही हैं। प्रिटिंग प्रेस में २ वर्ष का अनुभव। 'निष्पक्ष प्रतिदिनÓ हिन्दी दैनिक में दो साल पेज मेकिंग का कार्य किया। श्रीटाइम्स में साप्ताहिक मैगजीन में डिजाइन के पद पर दो साल तक कार्य किया। इसके अलावा जॉब वर्क का अनुभव है।

Next Story