खजूर से करें दोस्ती,बीमारी से होगी कुश्ती तभी रोजेदार को मिलेगी फुर्ती

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Published on: 8 Jun 2016 9:04 AM GMT
खजूर से करें दोस्ती,बीमारी से होगी कुश्ती तभी रोजेदार को मिलेगी फुर्ती
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लखनऊ: पाक रमजान के महीने में मुसलमान लोग रोजा रकने के साथ कई तरह के नियम कायदे कानूनों में बंधे होते है।इस समय दिन भर रोजा रखने के बाद शाम को रोजा खोल दिया जाता है। जिसको इफ्तार कहते है। इफ्तारी के समय कई तरह के पकवान होते है। इस रोज़े में खजूर की अपनी अलग ही अहमियत होती है। इस खास फल की पैदावार अरब मुल्कों में बहुत अधिक होती है। रमज़ान के महीने में रोज़ेदार खजूर खाकर ही रोज़ा खोलता है। मुस्लिम जानकारों के मुताबिक खजूर खाकर रोजा खोलना पैगम्बर हजरत मोहम्मद की सुन्नत में शामिल है।

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मौलाना मोहम्मद ताहिर के मुताबिक पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब को खजूर बहुत पसंद थी। साथ ही इस्लाम में सभी खलीफाओं का भी ये पसंदीदा फल था। यही वजह है कि खजूर से रोज़ा खोलने की अपनी अलग ही अहमियत है।

खजूर के बारे में किताबों में लिखा है कि ये कई तरह की बीमारियों को दूर करता है। ये शरीर को सेहतमंद रखने में बहुत फायदेमंद है। हकीम खजूर के इस्तेमाल को दिल के लिए फायदेमंद बताते हैं। हकीम मुशर्रफ हसन बताते हैं कि हकीमी किताबों में लिखा है कि अगर इसे दूध के साथ खाया जाए तो इसकी ताकत दोगुनी बढ़ जाती है।

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एक खजूर में 23 कैलोरी

खजूर को पोषक तत्वों का खजाना माना जाता है। इसे वंडर फ्रूट की संज्ञा भी दी जाती है। खजूर में कोलेस्ट्रॉल फ्री होता है। इसमें ग्लूकोज़, सुक्रोज, फ्रक्टोज, आयरन, मिनरल, अमीनो एसिड, कैल्शियम, फास्फोरस और विटामिन्स पाए जाते हैं। एक खजूर खाने से 23 कैलोरी मिलती है। रोज़ा खोलने में खजूर का सेवन तुरंत ताकत और ऊर्जा देने का काम करता है।

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खजूर की बिक्री बढ़ती है कई गुना

रमज़ान के मौक़े पर हिंदुस्तानी बाजारों में खजूर की आमद बढ़ जाती है। हैदराबाद से लेकर मुंबई, चेन्नई से लेकर भोपाल और दिल्ली से लेकर लखनऊ जैसे बड़े शहरों में इसकी खपत रोज़े के दौरान कई गुना हो जाती है।

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लखनऊ की बाजारों में हैं खजूर की कई किस्में

रमज़ान पर लखनऊ की बाजारों में कई तरह के खजूर नज़र आ रहे हैं। इनमें कई पुरानी तो कई नई क़िस्में शामिल हैं। पींड खजूर से लेकर बसरा खजूर, दमिश्की और खालिस जैसी खजूर की कई किस्में बाज़ार में मौजूद हैं। लखनऊ में ये अरब देशों खासकर ईराक, इरान और सऊदी अरब जैसे खजूर पैदा करने वाले मुख्य देशों से पहुंच रही हैं। जहां रोजेदार इन खजूरों से रोजा इफ्तार कर रहे हैं।

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