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Foot Problems Symptoms: इस्तेमाल नहीं करेंगे तो बेजान हो जाएंगे पैर, आइये जाने ऐसा क्यों होता है
Foot Problems Symptoms: अध्ययन में पाया गया कि यदि पैर निष्क्रिय रहते हैं तो दो हफ्तों में पैरों की मांसपेशियों की ताकत एक तिहाई कम हो सकती है।
Foot Problems Symptoms: इंसान का शरीर भी एक मशीन की तरह है। जिस तरह मशीन बिना इस्तेमाल के जंग खा जाती है, खराब हो जाती है, वैसे ही शरीर के अंग भी इस्तेमाल के बगैर कमजोर पड़ जाते हैं। हमारे शरीर में पैरों का बहुत महत्व होता है। पैर पूरे शरीर का वजन उठाते हैं और हमें मोबाइल यानी चलायमान रखने में मदद करते हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि यदि पैर निष्क्रिय रहते हैं तो दो हफ्तों में पैरों की मांसपेशियों की ताकत एक तिहाई कम हो सकती है। एक बार मांसपेशियां कमजोर होती जाती हैं तो उनको फिर मजबूती हासिल होने में लंबा समय लगता है।
वृद्धों को थोड़ा चलने के लिए करते रहना चाहिए प्रेरित
इसलिए, चलने जैसे नियमित व्यायाम बहुत जरूरी हैं। जैसे जैसे उम्र बढ़ती जाती है, वैसे ही मांसपेशियां भी थकती जाती हैं। वृद्ध जन यदि पैरों का इस्तेमाल कम कर देते हैं तो मांसपेशियों में दोबारा मजबूती लौटना बहुत मुश्किल हो जाता है। इसीलिए एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि वृद्धों को हर वक्त आराम करने देने या बैठे रहने देने की बजाय उनको थोड़ा चलने के लिए प्रेरित करते रहना चाहिए।इंसान में 50 फीसदी हड्डियाँ और 50 फीसदी मांसपेशियाँ पैरों में ही होती हैं। शरीर के सबसे बड़े और मजबूत जोड़ और हड्डियां भी पैरों में होती हैं। मानव गतिविधियां और कैलोरी का ह्रास सर्वाधिक पैरों से ही होता है। जब पैर स्वस्थ होते हैं तब ब्लड सर्कुलेशन सुचारू रूप से होता रहता है। माना जाता है कि जिन लोगों के पैर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं उनका हृदय निश्चित रूप से मजबूत होता है।
क्यों कमजोर हो जाते हैं पैर
सरकोपेनिया, उम्र बढ़ने का एक प्राकृतिक प्रभाव होता है जिसके कारण लोग पैर की ताकत खो देते हैं। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, हार्मोनल प्रोफाइल मांसपेशियों की ताकत और पुनर्जनन का समर्थन नहीं करता है, जैसा कि युवावस्था में हुआ करता है। साथ ही कोशिकाओं में मेटाबोलिज़्म परिवर्तन भी कामकाज को प्रभावित करते हैं। उम्र के साथ केंद्रीय तंत्रिका तंत्र भी धीरे-धीरे बिगड़ता है, जिससे मांसपेशियां थोड़ी कम समन्वित और कमजोर हो जाती हैं। ये ऐसी चीजें हैं जो अपरिहार्य हैं।
पैदल चलना पैर की ताकत खोने से रोकने के लिए पर्याप्त नहीं
ध्यान देने वाली बात है कि सिर्फ पैदल चलना पैर की ताकत खोने से रोकने के लिए पर्याप्त नहीं है, न ही साइकिल चलाना ही पर्याप्त होता है। ताकत तब खत्म होती है जब मांसपेशियों का नियमित उपयोग नहीं किया जाता है। ये जान लीजिए कि यदि आप पर्याप्त भार के खिलाफ अपनी मांसपेशियों को उनकी पूरी गति के साथ नियमित रूप से उपयोग नहीं करते हैं, तो आप ताकत खो देंगे। आप जितने बड़े होंगे, यह गिरावट उतनी ही तेज होगी। आधुनिक दिनों में एक बड़ी समस्या यह है लोगों को अपने दैनिक जीवन में मुश्किल से अपनी मांसपेशियों का उपयोग करना पड़ता है। कार में आना जाना, टीवी कंप्यूटर से चिपके रहना और बैठे बैठे समय बिताना सिर्फ नुकसान ही करता है।
इसलिए आप जितनी छोटी शुरुआत करेंगे, उतना अच्छा होगा। पैरों के महत्व को देखते हुए पैरों के व्यायाम में कभी देर नहीं करनी चाहिए। 60 साल की उम्र के बाद भी यदि आप नियमित व्यायाम करें तो परिणाम चौंकाने वाले होते हैं। रोजाना कम से कम 30-40 मिनट टहलना या पैदल चलना चाहिए ताकि पैरों को पर्याप्त व्यायाम मिले।
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