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Health : क्या होता है वॉटर रिटेंशन
नई दिल्ली : वॉटर रिटेंशन यानी शरीर में पानी जमा हो जाना। यदि आपका वजन संतुलित नहीं रहता है अकसर घटता बढ़ता रहता है तो ये वॉटर रिटेंशन का लक्षण हो सकता है। इस समस्या से शरीर के अंगों में पानी का जमा हो जाता है, जिससे शरीर के कुछ हिस्सों जैसे हाथ, पैर, चेहरे और पेट की मांसपेशियों में सूजन आ जाती है। पैरों, एडिय़ों और टांगों में दर्द होने लगता है। असल में जब हमारा शरीर मिनरल्स के लेवल को संतुलित नहीं कर पाता, जिससे शरीर के ऊतकों में पानी जमने लगता है और शरीर फूलने लगता है। यदि ऐसे लक्षण नजर आएं तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
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वॉटर रिटेंशन कई कारणों से हो सकता है। नमक का अधिक सेवन एक मुख्य वजह है जिससे शरीर में सोडियम का स्तर बढ़ जाता है। इसलिए अपने खाने में नमक का इस्तेमाल कम मात्रा में ही करें। महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन, अधिक शक्कर का सेवन, हृदय और लीवर की गंभीर बीमारी के कारण भी वॉटर रीटेंशन हो सकता है।
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मैग्नीशियम से शरीर में पानी की अधिकता यानी वॉटर रिटेंशन दूर होता है, इसलिए अपने खाने में हरी सब्जियों और नट्स को तरजीह दें।
आलू, केला और अखरोट में विटामिन बी पाए जाते हैं और यह वॉटर रीटेंशन टेंशन को दूर करने में अहम होते हैं। इसलिए अपने खाने में ये आइटम अवश्य शामिल करें।
विटामिन सी वाली चीजों का सेवन करने से भी बहुत फायदा होता है। संतरा, गाजर जैसे फलों को नियमित रूप से खाने से पेशाब बार-बार लगती है, जिससे शरीर मे पानी की अधिकता कम हो जाती है।
तनाव शरीर के विषैले पदार्थ को शरीर से बाहर नहीं निकलने देते। वॉटर रिटेंशन से बचने के लिए तनाव पर क़ाबू पाना बेहद जरूरी है, इसलिए नियमित रूप से योग और कम से कम आधे घंटे तक एक्सरसाइज करें।
डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों को तत्काल बंद करें। इनमें अधिक मात्रा में नमक, चीनी और टेस्ट को बढ़ाने वाले तत्व पाए जाते हैं। इन्हें खाने से शरीर मे पानी की मात्रा और बढ़ जाती है।
ब्रेड को अपने खाने से पूरी तरह निकाल दें, किसी भी तरह के रिफ़ाइंड आइटम को आप खाने में न शामिल करें। इन चीजों के सेवन से इंसुलिन लेवल गड़बड़ा जाता है, जिसकी वजह से वॉटर रिटेंशन बढ़ सकता है।
शराब और धूम्रपान से दूर रहें। शराब लेने से शुरुआत में भले ही आपको कई बार पेशाब लगे, लेकिन बाद में डीहाइड्रेशन की समस्या होती है, जिसकी वजह से शरीर में मिनरल्स की कमी हो सकती है।